अयोध्या में बन रहे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए तैयारियाँ जोरों पर हैं। अब इसके लिए श्रीराम मंदिर से अक्षत को लोगों के घरों तक पहुँचाया जा रहा है। देश के अलग-अलग शहरों में इसके लिए अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर से अक्षत पहुँच रहे हैं। वाराणसी में भी इसी क्रम में अक्षत कलश पहुँचे हैं। इन अक्षत कलशों में पहुँचे अक्षतों को अब 40 क्विंटल चावल और घी के साथ मिश्रित किया जाएगा। इसके पश्चात इन्हें वाराणसी के घर-घर बाँटा जाएगा। यह अक्षत विशेष कलशों में वाराणसी पहुँचे हैं, जिन्हें बाँटने की जिम्मेदारी ‘विश्व हिन्दू परिषद (VHP)’ को दी गई है।
‘विश्व हिन्दू परिषद’ के काशी विभाग के प्रभारियों को पाँच कलश सौंपे गए हैं। जब इनकी मात्र बढ़ा ली जाएगी तब इन्हें हल्दी और प्रभु श्रीराम की एक तस्वीर के साथ वाराणसी के घरों में बाँटा जाएगा। इसके जरिए लोगों को श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में आने का निमन्त्रण दिया जाएगा।
गौरतलब है कि अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी को होना है। मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल होंगे। इस दिन से मंदिर को आधिकारिक तौर पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। अभी मंदिर निर्माण के आखिरी चरण का काम चल रहा है।
श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य – प्रथम तल
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) November 27, 2023
Shri Ram Janmabhoomi Mandir Construction – First Floor pic.twitter.com/6mqAEftXd2
इस विषय में राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने PTI को दिए वीडियो इंटरव्यू में कहा था कि अयोध्या के भगवान राम के भव्य मंदिर में 22 जनवरी, 2024 को प्राण प्रतिष्ठा होगी। नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि भगवान राम के मंदिर का भूतल 31 दिसंबर, 2023 तक पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। 31 दिसंबर तक भगवान रामलला की जिस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी, उसका भी अंतिम स्वरूप मिल जाएगा।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने लोगों से अपील की थी कि वे उस दिन अयोध्या न आएँ और अपने घर-गाँव में ही पूजा करें। लोग अपने गाँव में, शहर में, घरों में प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मनाएँ। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का टीवी पर प्रसारण भी होगा। ट्रस्ट का कहना है कि 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में भारी भीड़ होने की संभावना है, जिससे सुरक्षा और सुविधाओं में दिक्कतें आ सकती हैं।