राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अयोध्या में राम मंदिर के भूमि-पूजन के लिए दो तारीख की है, जिनमें से किसी एक पर पीएम मोदी मुहर लगाएँगे और मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके लिए 3 अगस्त और 5 अगस्त की तारीख भेजी गई है, जिनमें से किसी एक को PMO फाइनल करेगा। सामरिक मसलों, प्रधानमंत्री मोदी के व्यस्त शेड्यूल और नए कारकों को ध्यान में रखते हुए अंतिम फैसला लिया जाएगा।
ट्रस्ट के सदस्य चंपत राय ने जानकारी दी कि गुजरात के भव्य सोमनाथ मंदिर का निर्माण करने वाले सोमपुरा मार्बल ब्रिक्स को ही राम मंदिर के निर्माण के लिए जिम्मेदारी दी जाएगी। मंदिर बनाने के लिए 10 करोड़ परिवारों द्वारा दान दिया जाएगा, ऐसा बताया गया है। ट्रस्ट ने कहा है कि राम मंदिर निर्माण में वित्त की कमी नहीं होगी। मंदिर की नींव का निर्माण मिट्टी की क्षमता के आधार पर 60 मीटर नीचे किया जाएगा।
लार्सन ऐंड टुब्रो कंपनी को जिम्मेदारी दी गई है कि वो मिट्टी के परीक्षण के लिए नमूने जुटाए। नक्शे के आधार पर जल्द ही नींव रखने का काम भी शुरू कर दिया जाएगा। सर्किट हाउस मे हुई बैठक में महंत नृत्य गोपाल दास सहित तमाम ट्रस्टी मौजूद रहे। शनिवार (जुलाई 18, 2020) की शाम 4 बजे शुरू हुई बैठक से पहले विश्व हिन्दू परिषद और आरएसएस के लोगों ने संतों के साथ मुलाकात कर इस विषय में बातचीत की।
3 या 5 अगस्त को होगा राम मंदिर का भूमि पूजन #RamMandir #Ayodhya pic.twitter.com/OQZ3RRjdSI
— Zee News (@ZeeNews) July 18, 2020
बताया गया है कि राम मंदिर मे कुल 5 गुलम्बद होंगे और मंदिर की ऊँचाई 161 फीट होगी। चंपत राय ने बताया कि देश की सीमा पर कई समस्याएँ चल रही हैं, ऐसे में पीएम मोदी के आने या न आने पर अंतिम फैसला PMO ही करेगा। उन्हें महंत दास ने निमंत्रण भेजा है। ट्रस्ट के सभी सदस्यों ने अब तक के समतलीकरण के कार्यों पर संतुष्टि जताते हुए बताया कि 3 वर्षों मे राम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाने की उम्मीद है।
उधर बाबरी मस्जिद के पैरोकार रहे इकबाल अंसारी ने भी कहा कि वो अयोध्या में प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए तैयार है। इकबाल ने सुर बदलते हुए कहा कि जो संत समाज की इच्छा है, वही उसकी भी है। सभी संतों ने दोहराया कि जल्द से जल्द मंदिर का निर्माण शुरू कराया जाए। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव रहे नृपेन्द्र मिश्रा ने भी अयोध्या का दौरा किया था और व्यवस्थाओं का जायज लिया था।
इस दौरान श्रीराम जन्मभूमि से जुड़ी कुछ अफवाहें भी सामने आने लगीं थीl जैसे राम मंदिर निर्माण का समय नज़दीक आ रहा है वैसे इस मामले से संबंधित अफ़वाहों का बाज़ार भी गर्म हो रहा हैl एक समाचार पत्र में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक़ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अयोध्या में सर्व धर्म स्थल बनाना चाहते हैं। सच्चाई ये है कि अयोध्या में राम मंदिर ही बनेगा। सर्व धर्म स्थल बनाने का पीएम का कोई इरादा नहीं है। अयोध्या में सर्व धर्म स्थल बनाने से राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्रा ने अफवाहों की बातों से इनकार किया है।