मूर्तिकार अरुण योगीराज ने उस चाँदी के हथौड़े और स्वर्ण छेनी का दिव्य दर्शन कराया है, जिसका इस्तेमाल कर के रामलला की आँखें गढ़ी गई। अयोध्या में 22 जनवरी, 2024 को भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई, जिसमें खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बतौर यजमान उपस्थित थे। 3 मूर्तिकारों ने रामलला की अलग-अलग मूर्ति गढ़ी थी, जिसमें अरुण योगीराज की प्रतिमा को गर्भगृह में स्थापना के लिए चुना गया। अरुण योगीराज भारत के सबसे दक्ष मूर्तिकारों में से एक हैं।
अरुण योगीराज ने सोशल मीडिया पर उस चाँदी के हथौड़े और सोने की छेनी की तस्वीर साझा की है। तस्वीर में उनके हाथ में ये औजार देखे जा सकते हैं और सामने भगवान शिव सहित अन्य देवी-देवताओं की तस्वीरें रखी हुई हैं। उन्होंने बताया कि इन्हीं औजारों का इस्तेमाल कर के रामलला की दिव्य आँखों (नेत्रोन्मीलन) को गढ़ा गया है। लोगों ने उनसे कहा कि ये आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा का कार्य करेगा कि इन छोटे-छोटे औजारों का इस्तेमाल कर के उन्होंने क्या गढ़ा है।
Thought of sharing this Silver hammer with the golden chisel using which I carved the divine eyes (Netronmilana )of Ram lalla, Ayodhya pic.twitter.com/95HNiU5mVV
— Arun Yogiraj (@yogiraj_arun) February 10, 2024
बता दें कि रामलला की प्रतिमा को कृष्णशिला से गढ़ा गया है। आँखों को बनाने में श्याम शिला का इस्तेमाल किया गया है, जो नीले-काले रंग की होती है। उनके हाथ में तीर-धनुष भी देखा जा सकता है। रामलला की प्रतिमा को लेकर अरुण योगीराज ने कहा भी था कि प्रतिमा की आँखें बदल गई हैं, ये वो नहीं हैं जिन्हें उन्होंने गढ़ा था। उनके कहने का तात्पर्य था कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद प्रतिमा में दिव्यत्व आ गया है। अरुण योगीराज ने ही केदारनाथ में जगद्गुरु शंकराचार्य और दिल्ली में सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा बनाई है।
बता दें कि अयोध्या के लिए वो सबसे उत्तम प्रतिमा बनाना चाहते थे। इस दौरान वो 6 महीने तक अपने परिवार वालों तक से नहीं मिले। अयोध्या में वो अपने कुलदेव की पूजा के साथ दिन की शुरुआत करते थे। इसके बाद वहाँ के पंडितों द्वारा की जाने वाली पूजा-अर्चना में हिस्सा लेते थे। रामकथा के विद्वानों ने उनकी मदद की, उन्हें बताया कि श्रीराम कैसे दिखते थे, उनमें आमजन क्या देखते हैं। मूर्ति बनाने के दौरान एक हादसा भी हो गया और उनकी आँख में एक पत्थर का नुकीला टुकड़ा घुस गया था। इसके बाद उनकी सर्जरी हुई। कई दिनों तक उन्हें एंटीबायोटिक और पेनकिलर्स पर रखा गया।