त्रिपुरा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, राज्य सरकार ने 51 मंदिरों का निर्माण करने का निर्णय लिया है। ये मंदिर 51 शक्तिपीठों की प्रतिकृतियाँ होंगी। रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने बताया है कि इसके साथ ही रॉक-कट मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध देवतामुरा और उन्नावकोटी पहाड़ियों के लिए एक हेलीकाप्टर सेवा भी शुरू की गई है।
To boost tourism in Tripura, the state government has decided to construct 51 temples, which would be replicas of the 51 Shaktipeeths. https://t.co/bOWaNt6kd1
— Financial Express (@FinancialXpress) September 9, 2019
राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) सरकार ने 51 शक्तिपीठों का निर्माण करने के लिए 14.22 एकड़ भूमि आवंटित की है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की प्रसाद योजना के तरह इसके लिए एक परियोजना तैयार की है।
अधिकारियों ने सोमवार (सितंबर 09, 2019) को बताया कि राज्य सरकार ने पहले से मौजूद पर्यटन स्थलों का नवीनीकरण करने के अलावा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कम लागत में कई कदम उठाए हैं। राज्य के पर्यटन विभाग ने हाल ही में देवतामुरा हिल क्षेत्र में उन्नावकोटी पुरातात्विक स्थलों पर 15वीं सदी की कई मूर्तियाँ मौजूद हैं।
शक्तिपीठ मंदिर हिंदू रिवाज के अनुसार एशिया के 51 स्थानों पर बनाए गए हैं और इन मंदिरों को मुश्किल से ही देश के लोग देख पाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव ने माता त्रिपुरेश्वरी देवी मंदिर के पास उदयपुर के फुलकुमारी गाँव में 51 शक्तिपीठ मंदिरों का निर्माण करवाने का फैसला लिया है।
राज्य के पर्यटन मंत्री प्रणजित सिंह रॉय ने बताया कि एशिया में स्थित 51 शक्तिपीठों में 38 शक्तिपीट भारत में, छह बंगलादेश में, तीन नेपाल, दो पाकिस्तान में और तिब्बत तथा श्रीलंका में एक-एक शक्तिपीठ मंदिर स्थित है। इस वजह से राज्य सरकार ने इन सभी शक्तिपीठों का निर्माण एक ही जगह पर कराने का फैसला लिया है।
उन्होंने कहा- “पर्यटन विभाग 51 शक्तिपीठों का निर्माण करवाने के लिए प्रारंभिक तौर पर 44 करोड़ रुपए की परियोजना तैयार की है और इसे धन मुहैया करने के लिए 15वें वित्त आयोग के पास भेजा है। हमें उम्मीद है कि वित्त आयोग से यह राशि मिल जाएगी।”