राजस्थान के उदयपुर में 28 जून, 2022 को कन्हैया लाल तेली नामक दर्जी की हत्या कर दी गई थी। इस्लामी कट्टरपंथियों ने उनका ‘सर तन से जुदा’ कर दिया था। उनका गुनाह सिर्फ इतना था कि उन्होंने भाजपा की तत्कालीन प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन किया था। इस्लामवादियों ने नूपुर शर्मा का एक बयान काट-छाँट कर चला कर उन पर पैगंबर मुहम्मद के अपमान का आरोप लगा दिया था। अब इस पूरे प्रकरण पर ‘A Tailor Murder Story’ नामक फिल्म आई है।
इस फिल्म में कन्हैया लाल तेली की भूमिका में अभिनेता विजय राज दिख रहे हैं। 30 मार्च, 2024 को इस फिल्म का फर्स्ट लुक वीडियो ‘जानी फ़ायरफ़ॉक्स फिल्म्स’ के बैनर तले रिलीज किया गया। फिल्म में एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार को दिखाया गया है, जहाँ पति-पत्नी हैं और 2 बेटे हैं। कन्हैया लाल तेली साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। उनकी दुकान के सामने से ‘नारा-ए-तकबीर’ और ‘अल्लाह-हू-अकबर’ नारा लगाती हुई भीड़ गुजरती है।
साथ ही उनकी गिरफ़्तारी को भी दिखाया गया है। बता दें कि कन्हैया लाल तेली को कॉन्ग्रेस सरकार की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें सुरक्षा देने की बजाए उलटा जेल ही भेज दिया गया था। भरत सिंह ‘A Tailor Murder Story’ के लेखक और सह-निर्माता हैं। अमित जानी इसके निर्माता हैं, जबकि जयंत सिन्हा ने इसका लेखन-निर्देशन किया है। फिल्म में कन्हैया लाल तेली की हत्या वाला दृश्य भी दिखाया गया है, उनकी सिलाई मशीन से खून टपकता रहता है।
‘गुस्ताख़-ए-नबी की एक सज़ा, सर तन से जुदा’ वाले नारे को भी फिल्म में दिखाया गया है। फर्स्ट लुक वीडियो के अलावा इसका एक ‘सोशल अवेयरनेस वीडियो’ भी जारी किया गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे देशवासियों की सोच बदली तो सिनेमा भी बदला, डॉन-माफिया का पहरा अब नहीं रहा और भयमुक्त होकर देश में राष्ट्रवादी फ़िल्में बन रही हैं। इस वीडियो में ‘A Tailor Murder Story’ का जिक्र करते हुए कहा गया है कि चुनाव में वोट देते समय आप देखें कि पूर्वाग्रह या तुष्टिकरण वाले को तो नहीं चुन रहे।
वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे कन्हैया लाल तेली सुरक्षा माँगने जाते हैं तो पुलिस उनका मजाक उड़ाती है। उस समय अशोक गहलोत मुख्यमंत्री थे। वीडियो में बताया गया है कि तत्कालीन राज्य सरकार हत्यारों में वोट बैंक खोजती रही, कन्हैया लाल तेली का परिवार गिड़गिड़ाता रहा। हिन्दुओं को कैसे काफिर बताया जाता है, ये भी दिखाया गया है। वीडियो में कहा गया है, “तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली सरकारें और नीतिगत राजनीति वाली सरकारों में कितना अंतर होता है। उनके अंतर्गत आने वाली पुलिस भी अलग होती है।”