अभिनेत्री सह बीजेपी सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की फिल्म इमरजेंसी (Emergency) 6 सितंबर 2024 को रिलीज होनी थी। लेकिन यह फिल्म अब तक सेंसर बोर्ड में अटकी पड़ी है। बॉम्बे हाई कोर्ट में 19 सितंबर 2024 को हुई सुनवाई के दौरान भी फिल्म के रिलीज पर फैसला नहीं हो पाया। हालाँकि अदालत ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) यानी सेंसर बोर्ड को फटकार लगाते हुए 25 सितंबर से पहले फिल्म के रिलीज पर फैसला लेने के निर्देश दिए हैं।
जस्टिस बर्गेस कोलाबावाला और जस्टिस फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान यह सवाल भी उठा कि क्या इस फिल्म के रिलीज में जानबूझकर देरी की जा रही है? क्या इसके पीछे केंद्र की बीजेपी सरकार है? इसके अलावा फिल्म का विरोध कर रहे लोगों को आईना दिखाते हुए जस्टिस कोलाबावाला ने कहा, “लगभग हर फिल्म में मेरे समुदाय का मजाक उड़ाया जाता है। हम हँसते हैं और यह नहीं मानते कि यह हमारे समुदाय के खिलाफ है।”
जस्टिस कोलाबावाला पारसी हैं। उन्होंने यह टिप्पणी फिल्म में दिखाए जाने वाले विषय-वस्तु का दर्शकों पर होने वाले प्रभाव को लेकर सवाल उठाते हुए की।
सुनवाई के दौरान जी स्टूडियोज की ओर से दलील पेश करते हुए वरिष्ठ वकील वेंकटेश धोंड ने दावा किया कि बीजेपी के इशारे पर सेंसर बोर्ड काम कर रहा है। वह चाहता है कि यह फिल्म अक्टूबर में हरियाणा चुनावों के बाद रिलीज हो। धोंड ने कहा, “फिल्म की सह-निर्माता (कंगना) BJP सांसद हैं और वे (BJP) ऐसी फिल्म नहीं चाहते, जिससे ऐसा लगे कि BJP सदस्य किसी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँचा रहे हैं।”
गौरतलब है कि इस फिल्म को ‘सिख विरोधी’ के तौर पर प्रचारित किया जा रहा है। लेकिन धोंड की इस दलील का पीठ पर असर नहीं पड़ा। जस्टिस कोलाबवाला ने पूछा कि कोई पार्टी अपने ही सदस्य की बनाई फिल्म को क्यों रोकना चाहेगा? उन्होंने कहा कि यदि राज्य में किसी और दल की सरकार होती तो इस पर गौर किया जा सकता था। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या इस फिल्म से BJP को वोट देने वाले लोगों के फैसले पर असर पड़ेगा?
इस फिल्म पर चल रहे विवादों को लेकर कंगना रनौत ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा था कि जरनैल सिंह भिंडरावाले (Jarnail Singh Bhindranwale) कोई संत नहीं था। वह आतंकवादी था। उन्होंने कहा था, “कुछ लोग हैं जो कहते हैं कि भिंडरावाले जो हैं वो संत हैं। वे एक महान क्रांतिकारी हैं। वे एक लीडर हैं। वे एक धर्मात्मा हैं। ऐसे लोग डरा धमकाकर, देश को जलाने की धमकी देकर, याचिका डालकर विरोध कर रहे हैं। मुझे भी धमकियाँ दी। पिछली सरकारों ने खालिस्तानियों को आतंकवादी घोषित किया है। वह कोई संत नहीं था, जो एके-47 लेकर मंदिर में बैठा था। उनके पास ऐसे ऐसे हथियार थे जो हमारी सेना के पास भी नहीं थे।”
कंगना रनौत ने कहा था कि उनकी फिल्म को लेकर कुछ लोगों को ही आपत्ति है। यही लोग दूसरों को भी भड़का रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के 99 प्रतिशत लोग भी भिंडरावाले को संत नहीं मानते हैं। वह आतंकवादी है। यदि वह आतंकवादी है तो मेरी फिल्म रिलीज होनी चाहिए। फिल्म की रिलीज टलने से हुए आर्थिक नुकसान को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा था, “मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि भिंडरावाले को आतंकवादी दिखाए जाने पर किसी को आपत्ति होगी। मुझे प्रताड़ित किया जाएगा। यह शर्मनाक है। इसका हमें नुकसान उठाना पड़ा है। फिल्म को रिलीज से 4 दिन पहले कैंसिल कर दिया गया था।”