बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख (Asha Parekh) को इस साल के दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार (27 सितंबर, 2022) को इसकी घोषणा की। उन्होंने बताया कि हिंदी सिनेमा में उनके योगदान के लिए आशा पारेख को इस अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है। अनुराग ठाकुर ने कहा, “आशा भोंसले, हेमा मालिनी, उदित नारायण झा, पूनम ढिल्लों और टीएस नागभरण की सदस्यता वाली दादा साहब फाल्के समिति ने 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में आशा पारेख को पुरस्कार देने का फैसला किया है।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 79 वर्षीय अभिनेत्री को 2022 का दादा साहेब फाल्के पुरस्कार शुक्रवार (30 सितंबर, 2022) को विज्ञान भवन में प्रदान करेंगी। आशा पारेख का जन्म एक गुजरती परिवार में हुआ था। हाल ही में भारत सरकार ने दिलम ‘छेल्लो शो’ को ऑस्कर में आधिकारिक एंट्री के रूप में भेजने का फैसला लिया था।
भारतीय सिनेमा जगत में दादा साहब फाल्के पुरस्कार को सर्वोच्च सम्मान माना जाता है। यह पुरस्कार फिल्म इंडस्ट्री में कलाकारों के काम को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है। भारतीय सिनेमा को ऊँचाइयों तक पहुँचाने में आशा पारेख का बहुत बड़ा योगदान रहा है। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने वाली वह 52वीं हस्ती होंगी। फिल्म इंडस्ट्री में कलाकारों के काम को सम्मानित करने के लिए हर साल यह अवॉर्ड दिया जाता है। पारेख से पहले दक्षिणी भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिया गया था।
Honoured to announce that the Dadasaheb Phalke Selection Jury has decided to recognise & award Smt Asha Parekh ji for her exemplary lifetime contribution to Indian Cinema.
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) September 27, 2022
The Dadasaheb Phalke Award shall be presented by the Hon President of India at
68th NFA in Vigyan Bhawan. pic.twitter.com/3MPa0HhvDL
95 से ज्यादा फिल्मों में कर चुकी हैं काम
महज 10 साल की उम्र में अदाकारी की दुनिया में कदम रखने वाली आशा पारेख 95 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुकी हैं। यही नहीं, वह अभिनेत्री के साथ-साथ प्रोड्यूसर और डायरेक्टर भी रह चुकी हैं। पारेख ने 1990 के दशक के आखिर में धारावाहिक ‘कोरा कागज’ का निर्देशन किया था। 1992 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। इसके बाद उन्हें कई अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। 1963 में ‘अखंड सौभाग्यवती‘ फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का गुजरात राज्य पुरस्कार मिला। इसके बाद उन्हें 1971 में फिल्म ‘कटी पतंग’ के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से नवाजा गया था।
पंजाबी, गुजराती भाषा में भी कर चुकी हैं काम
बताया जाता है कि आशा पारेख अपने दौर में सबसे अधिक फीस लेने वाली अभिनेत्रियों में से एक रही हैं। वह हिंदी के अलावा पंजाबी, गुजराती और कन्नड़ फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं। उनकी खुद की प्रोडक्शन कंपनी भी है। आशा पारेख 1998 से 2001 तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।