फिल्मकार विवेक अग्निहोत्री की मल्टी-स्टारर फिल्म द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) इन दिनों चर्चा में है। 1990 के दशक में जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं के नरसंहार और पलायन पर बनी यह फिल्म 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। जम्मू और दिल्ली में इस फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग ने दर्शकों को भावुक कर दिया था। उन्होंने उस दर्द को गहराई से महसूस किया जो कभी कश्मीरी हिन्दुओं को झेलनी पड़ी थी।
ऑपइंडिया के सीईओ राहुल रौशन के साथ बातचीत में विवेक अग्निहोत्री ने इस फिल्म के निर्माण की प्रक्रिया, उनकी टीम के सामने आने वाली चुनौतियों, सिनेमाघरों तक इसे लाने की राह की अड़चनों समेत तमाम मुद्दो पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि कैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म कुछ खास विचारधाराओं से प्रभावित हैं? कैसे ये एक तय ढाँचे के अन्दर काम करते हैं? कैसे इस्लामिक आतंकवाद पर पर्दा डालने के लिए उनकी फिल्म की स्क्रिप्ट में बदलाव के प्रयास किए गए थे? राहुल रौशन के साथ विवेक अग्निहोत्री की पूरी बातचीत आप नीचे सुन सकते हैं;
अग्निहोत्री ने बताया कि एक बड़े ओटीटी प्लेटफॉर्म ने द कश्मीर फाइल्स को रिलीज करने के लिए साल 2020 में उनसे संपर्क किया था। यह तब की बात है जब वैश्विक कोरोना संक्रमण की वजह से सिनेमाघर पूरी तरह बंद थे। बड़े निर्माताओं को भी फिल्म रिलीज करने के लिए नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, हॉटस्टार, सोनी लीव और जी फाइव जैसे ओटीटी मंचों का सहरा लेना पड़ा था।
अग्निहोत्री ने बताया (27वें मिनट से आप वीडियो में सुन सकते हैं) कि एक चर्चित ओटीटी प्लेटफॉर्म के प्रमुख ने उन्हें फिल्म के राइट खरीदने के लिए ऑफर दिया था। अग्निहोत्री ने बताया कि यदि वे व्यवसायिक हित को प्राथमिकता देने वाले निर्माता होते तो यह ऑफर स्वीकार कर लेते। लेकिन इसके एवज में उनसे जिस चीज की अपेक्षा की जा रही थी वे इसके लिए तैयार नहीं थे।
उन्होंने बताया कि जब ओटीटी प्लेटफॉर्म के प्रमुख ने उनसे पूछा कि क्या फिल्म में आतंकवाद को लेकर किसी विशेषण का इस्तेमाल किया गया है तो वे चकित रह गए। विवेक के अनुसार प्लेटफॉर्म के मुखिया का कहना था कि वे फिल्म में इस्लामिक आतंकवाद जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते। उनसे स्पष्ट शब्दों में कहा गया, “हमारी एक वैश्विक नीति है कि हम अपनी किसी भी फिल्म में इस्लामिक आतंकवाद शब्द का प्रयोग नहीं करते हैं। मुझे आशा है कि आप इसका उपयोग नहीं कर रहे हैं।”
विवेक के अनुसार उन्होंने तुरंत जवाब देते हुए कहा, “यह कैसै संभव है? जब कश्मीर में इस्लाम कबूल करो, घाटी छोड़ दो या मरो जैसे नारे लगाए जा रहे थे तो, यह इस्लामी आतंकवाद के अलावा और कुछ नहीं था। यह केवल राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाकर घाटी छोड़ने के लिए मजबूर करने का मामला भर नहीं था। यह केवल सांस्कृतिक विरोध भर नहीं था जिसमें कहा जाए कि आप दीपावली जैसे उत्सव नहीं मना सकते।”
कश्मीर में 90 के दशक में हुए नरसंहार पर बात करते हुए विवेक ने कहा कि हिन्दुओं के प्रति नफरत का भाव स्पष्ट था। संदेश साफ था या तो धर्म बदलो या कश्मीर छोड़ दो। जो यह स्वीकार नहीं करते उन्हें मार दिया जाता। हिन्दुओं को अपने घर की महिलाओं को घाटी में छोड़ कश्मीर छोड़ने तक की धमकियाँ दी गई। कश्मीर में हुए नरसंहार में हिन्दुओं के साथ-साथ सिख समुदाय के लोग भी मारे गए। सिखों की हत्या भी उनके धर्म की वजह से हुई ना कि आर्थिक वजहों से, जैसा कि बरखा दत्त जैसे लोग बताते हैं।
विवेक के अनुसार उन्होंने ओटीटी प्लेटफॉर्म के मुखिया से कहा कि ‘इस्लामी आतंकवाद’ का इस्तेमाल किए बिना यह फिल्म बनाना वैसे ही होगा जैसा नाजी, जर्मनी और हिटलर का जिक्र किए बिना यहूदी नरसंहार पर कोई फिल्म बनाई जाए। इसके जवाब ओटीटी कंपनी के प्रमुख ने उनसे कहा कि यह भी सच है कि मुसलमान भी मारे गए थे। तब आपको ‘हिंदू आतंकवाद’ शब्द का भी प्रयोग करना चाहिए। इसके जवाब में विवेक ने उनसे कहा था कि मुसलमानों को हिंदू आतंकवादियों ने नहीं मारा था। उन्हें इस्लामी आतंकवादियों ने हिंदुओं के साथ खड़े होने की वजह से मारा था।
विवेक ने इस घटना का जिक्र करते हुए बताया कि इसी तरह एक तय विमर्श से फिल्मों को कंट्रोल किया जाता है। हालाँकि उन्होंने सीधे तौर पर उस ओटीटी प्लेटफॉर्म का नाम नहीं बताया। लेकिन संकेतों में बताया कि इस प्लेटफॉर्म के प्रमुख सीधे तौर पर स्वीकार करते हैं कि भारतीय बाजार में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं है। संयोग से, नेटफ्लिक्स के सीईओ रीड हेस्टिंग्स ने हाल ही में सार्वजनिक रूप से भारतीय बाजार में वीडियो स्ट्रीमिंग कंपनी की धीमी वृद्धि की बात स्वीकार की थी।
विवेक के अनुसार एक खास विचारधारा का दखल केवल फिल्म के रिलीज तक ही सीमित नहीं है। यह फिल्म की समीक्षाओं में भी साफ तौर पर दिखता है। अनुपमा चोपड़ा जैसी फिल्म समीक्षकों ने रिलीज से पहले ही उनकी फिल्म को खराब करार दे दिया। एनडीटीवी ने रिलीज से पहले ही फिल्म को प्रोपेगेंडा पर आधारित बता दिया। हाल ही में विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर पर एक फैन को जवाब देते हुए यह भी बताया था कि बड़े कमर्शियल स्टार नहीं होने की वजह से ‘द कपिल शर्मा शो’ ने द कश्मीर फाइल्स का प्रमोशन करने से इनकार कर दिया है।
They refused to call us on their show because we don’t have big commercial star. #FACT https://t.co/sQvOd3olSW
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) March 4, 2022
विवेक अग्निहोत्री ने इन्टरव्यू के दौरान साफ तौर पर कहा कि उन्हें दर्शकों पर पूरा विश्वास है। फिल्म में दर्शन कुमार, अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, चिन्मय मंडलेकर और भाषा सुंबली मुख्य भूमिकाओं में हैं।