सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की आत्मा बड़ी पवित्र थी। वह भीतर से बच्चे थे। वह बॉलीवुड की राजनीति और गुटबाजी को हैंडल नहीं कर पाए। यह कहना है अभिनेता मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) का। मनोज की तरह बिहार से आने वाले अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत जून 2020 में मुंबई के अपने घर में मृत मिले थे।
आज तक के सीधी बात कार्यक्रम में मनोज बाजपेयी से बॉलीवुड के नेपोटिज्म और सुशांत की मौत को लेकर सवाल पूछा गया था। जवाब में सुशांत के साथ अपने संबंधों और फिल्म ‘सोनचिरैया’ की शूटिंग के दिनों को याद करते हुए वाजपेयी ने कहा कि उन्हें यह नहीं पता था कि वह इतना बड़ा कदम उठा लेगा। लेकिन उसने अपनी चुनौतियों और परेशानियों को लेकर उनसे बात की थी। उन्होंने कहा, “मैं सुशांत की मौत से पर्सनली बहुत प्रभावित हुआ था। सोनचिरैया की शूटिंग के दौरान हम वाकई बहुत क्लोज हो गए थे। वह मुझसे बहुत प्यार करता था। मैं अक्सर सेट पर मटन पकाता था और वह हमेशा खाने के लिए आता था।”
मनोज बाजपेयी ने कहा, “सुशांत कहीं न कहीं इंडस्ट्री में राजनीति और गुटबाजी को हैंडल नहीं कर पाए। जैसे-जैसे कोई अपने करियर में आगे बढ़ता है, कंपीटिशन बढ़ता जाता है। आपके सामने समस्याएँ आती हैं। इंडस्ट्री में राजनीति हमेशा से होती रही है। जैसे-जैसे आप सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ते हैं, यह और भी गंदा होता जाता है। मुझे इससे कभी कोई समस्या नहीं हुई, क्योंकि मैं जिद्दी और मोटी चमड़ी वाला था। लेकिन वह नहीं था और वो इस तरह दबाव हैंडल नहीं कर पाया। उसने मुझसे इन चीजों के बारे में बात की थी, क्योंकि वह इससे बहुत प्रभावित हुआ था।” नीचे वीडियो में आप 36 मिनट से 40 मिनट के बीच ये बातें सुन सकते हैं।
हालाँकि जब बाजपेयी से यह पूछा गया कि क्या सुशांत बॉलीवुड के नेपोटिज्म के शिकार थे तो उन्होंने इसे खारिज कर दिया। उनका कहना था, “वह अपने लिए एक बहुत ही अलग तरह का करियर चाहता था। यदि आप मनोज बाजपेयी बनना चाहते हैं, तो यहाँ कोई राजनीति नहीं है। लेकिन वह स्टार बनना चाहता था और वहाँ बहुत ज्यादा कंपीटिशन है। जो भी स्टार बनने के लिए मैदान में उतरता है, वह उस मुकाम को हासिल करने की पूरी कोशिश करता है। सुशांत यह सब सहन नहीं कर सका।”