Saturday, November 16, 2024
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‘किसान आंदोलन पर क्यों चुप हो’ – बॉलीवुड वालों को नसीरुद्दीन ने ललकारा… लेकिन SSR मामले में खुद चुप रह बताया था बचकाना

“बड़े-बड़े जो धुरंधर लोग हैं फिल्म इंडस्ट्री के, वो खामोश बैठे हैं। उन्हें लगता है कि वो बहुत कुछ खो सकते हैं। अरे भाई, जब आपने इतना धन कमा लिया है कि 7 पुश्तें बैठ कर खा सकती हैं तो कितना खो लोगे अब।”

किसान आंदोलन पर हर क्षेत्र के लोगों का प्रोपेगेंडा और प्रचार जारी है। हाल ही में इस तथाकथित ‘आंदोलन’ को भारत के खिलाफ़ दुष्प्रचार का ज़रिया बना दिया गया। ताज़ा मामले में बॉलीवुड के कई नाम भी इस मुद्दे पर भ्रम फैलाने के लिए आगे आए हैं। इसी कड़ी में बॉलीवुड कलाकार नसीरुद्दीन शाह ने ‘किसान आंदोलन’ पर अपनी राय पेश की। नसीरुद्दीन के मुताबिक़ बॉलीवुड के अन्य कलाकारों को भी इस पर बात करनी चाहिए। 

सोशल मीडिया पर नसीरुद्दीन शाह का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह कहते हैं, “खामोश रहना, जुल्म सहना, जुल्म करने के बराबर ही है। और हमारे बड़े-बड़े जो धुरंधर लोग हैं फिल्म इंडस्ट्री के, वो खामोश बैठे हैं। इसलिए क्योंकि उन्हें लगता है कि वो बहुत कुछ खो सकते हैं। अरे भाई, जब आपने इतना धन कमा लिया है कि 7 पुश्तें बैठ कर खा सकती हैं तो कितना खो लोगे अब।”

एक साक्षात्कार में बात करते हुए नसीरुद्दीन शाह आगे कहते हैं, “जब सब कुछ तबाह हो चुका होगा तो आपको अपने दुश्मनों का शोर सुनाई नहीं देगा। बल्कि अपने दोस्तों की खामोशी ज़्यादा चुभेगी। मुझ पर कोई असर नहीं पड़ रहा है, यह कहने से काम नहीं चलेगा। अगर किसान कड़कड़ाती सर्दी में बैठे हैं तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, यह नहीं कह सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि किसानों का ये आंदोलन फैलेगा और आम लोग भी इसमें शामिल होंगे। खामोश रहना जुल्म करने वाले की तरफदारी करना है।” 

किसान आंदोलन के मुद्दे पर बॉलीवुड कलाकारों से बात करने की अपील करने वाले नसीरुद्दीन शाह कुछ दिन पहले सुशांत सिंह राजपूत मामले पर बहस को बचकाना बता चुके हैं। तब पता नहीं क्यों… लेकिन उन्होंने इसे अनावश्यक बताया था। इंग्लिश में इसके लिए उन्होंने बोला था – ‘Why are we washing dirty underwear in public?’

जानने लायक बात यह है कि सुशांत सिंह राजपूत हत्या/आत्महत्या मामले में ड्रग्स एंगल भी निकल कर सामने आया है। कई लोग (नामी-गिरामी) इसके चपेट में आए हैं, पुलिस और नारकोटिक्स ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं। जानने लायक बात यह भी है अनुपम खेर ने नसीरुद्दीन शाह को सुशांत सिंह राजपूत मामले के दौरान ही जम कर लताड़ा था। तब अनुपम खेर ने कहा था, “आप जिन पदार्थों का सेवन करते हैं, उसके चलते आप निर्णय नहीं कर पाते कि देश में क्या सही है और क्या ग़लत।”

जहाँ एक तरफ नसीरुद्दीन शाह, पंजाबी गायक/अभिनेता दिलजीत दोसांझ और जैज़ी बी जैसे लोग किसान आंदोलन को लेकर पूरे ज़ोर-शोर से मिथ्या प्रचार में जुटे हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ बॉलीवुड के कई बड़े नामों ने इसकी आड़ में हो रहे प्रपंच को भी निशाना बनाया है। 

अभिनेता अक्षय कुमार ने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, “किसान देश का अभिन्न अंग हैं। उनकी समस्याओं को हल करने के प्रयास जारी हैं। किसी भेद पैदा करने वाले की बातों पर ध्यान देने की जगह हम मिल कर एक सौहार्दपूर्ण संकल्प का समर्थन करते हैं।” 

इसके अलावा बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन ने भी किसान आंदोलन की आड़ में हो रहे दुष्प्रचार को लेकर ट्वीट किया था। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था, “भारत या भारत की नीतियों के खिलाफ हो रहे किसी भी तरह के प्रोपेगेंडा में फँसने की ज़रूरत नहीं है। एक साथ खड़े रहना हमारे लिए फ़िलहाल बहुत ज़रूरी है।”      

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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