टीवी पर ‘चाचा चौधरी’ का किरदार निभाकर मशहूर हुए एक्टर रघुबीर यादव पर उनकी पत्नी ने एलीमनी रकम (गुजारा भत्ता) नहीं देने का आरोप लगाया है। एक्टर की पत्नी पूर्णिमा यादव ने बताया है कि पिछले साल उन्हें 5 महीने तक गुजारा भत्ता नहीं मिला। इसके कारण उन्हें काफी अपमान का सामना करना पड़ा और वह अपने गहने गिरवी रखकर, पैसे उधार लेकर जीवन जीने को मजबूर हुईं।
Raghubir Yadav’s Divorce-Alimony Case gets dirty: Wife says, “I am living on mortgaged gold and borrowed money” – Exclusive! – Times of India https://t.co/8hN1K30WOB
— WORLD NEWS LAND (@WORLDNEWSLAND1) July 15, 2021
इंटरटेनमेंट टाइम्स से बात करते हुए मोनिका ने अपने पति रघुबीर यादव पर उत्पीड़न का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि रघुबीर उनको इस तरह समय से पैसे न देकर प्रताड़ित करते हैं। मोनिका कहती हैं,
“पिछले साल ऐसा वक्त आया कि मुझे 5 माह पैसे नहीं दिए गए। इसकी कीमत मुझे मेरे यारी रोड पर स्थित घर से चुकानी पड़ी। मैं किराया नहीं भर सकती थी और अपमान झेल रही थी। उसके बाद से मैं लोन पर हूँ। मैंने अपने गहने भी गिरवी रखे हैं। इस साल भी मुझे 4 महीने पैसे नहीं मिले। कोर्ट की तारीख से 2 माह पहले मुझको 80 हजार रुपए दिए गए थे जो कि दो माह के लिए थे।”
इस मामले में रघुबीर यादव की वकील शालिनी देवी ने कहा कि दोनों के बीच के मामले को घटिया बनाने की आवश्यकता नहीं है। पूर्णिमा ‘अत्यधिक राशि’ माँग रही है, नहीं तो मामला सुलझा लिया गया होता। वकील ने कहा, “रघुबीर 71 साल के हैं और पूर्णिमा को समझना चाहिए।”
वहीं, पूर्णिमा की वकील इशिका तोलानी ने पलटवार करते हुए कहा कि रघुबीर यादव अपने करियर में अच्छा कर रहे हैं और उनका यह रुख कि वह पूर्णिमा की माँग की गई राशि का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है, बेतुका है। वह कहती हैं, “मेरे मुवक्किल को ऐसी कठिन जिंदगी जीकर खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। रघुबीर को उनकी उम्मीदों के मुताबिक भुगतान करना चाहिए। पूर्णिमा ने अपने बेटे को माता और पिता दोनों के रूप में देखा है।”
उल्लेखनीय है कि पूर्णिमा यादव और रघुबीर यादव ने सन 1988 में शादी की थी और साल 1995 से दोनों अलग रह रहे हैं। इससे पहले मोनिका को गुजारा भत्ता न देने का मामला साल 2012 में प्रकाश में आया था। तब मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मोनिका सरोहा ने रघुबीर यादव की संपत्ति कुर्क करने के आदेश दे दिए थे। यहाँ बता दें कि रघुबीर यादव से अलग होने के बाद पत्नी पूर्णिमा यादव व बेटे अंचल यादव ने गुजारा भत्ता के लिए वर्ष 2006 में अदालत का दरवाजा खटखटाया था। मगर अदालत ने इनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए 5 अक्टूबर 2011 को की और रघुबीर यादव को 11 लाख रुपए का गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था। साथ ही 40 हजार रुपए मासिक गुजारा भत्ता देने का आदेश भी दिया था। अदालत के आदेश के बाद रघुबीर यादव ने राहत माँगते हुए पुनर्विचार याचिका भी डाली थी, लेकिन कोर्ट ने इस पर सुनवाई नहीं की और समय से गुजारा भत्ता न दिए जाने के कारण उनकी संपत्ति कुर्क करवा ली गई थी।