रामानंद सागर की ‘रामायण’ को भला कोई भूल सकता है! 80 के दशक के आखिर में इस सीरियल ने सफलता की जो इबारत लिखी वह ऐतिहासिक साबित हुआ। टीवी की दुनिया में वैसा जादू फिर से दोहराया न जा सका। रामानंद सागर की रामायण को पसंद करने वाले दर्शकों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है, “जनता की माँग पर हम कल (शनिवार, 28 मार्च) से डीडी नेशनल पर ‘रामायण’ का पुन: प्रसारण शुरू कर रहे हैं। एक एपिसोड सुबह 9 बजे से सुबह 10 बजे और दूसरा रात के 9 बजे से 10 बजे के बीच प्रसारित होगा।”
बता दें कि 21 दिनों के लॉकडाउन की वजह से लगातार रामायण के दोबारा प्रसारण की माँग उठाई जा रही थी। पिछले कुछ दिनों में सोशल मीडिया पर दर्शक लगातार रामायण को एक बार फिर से दूरदर्शन पर प्रसारित करने की माँग कर रहे थे। ऐसे में उन सभी की इस माँग को पूरा करते हुए फिलहाल रामायण का प्रसारण दोबारा से शुरू कर दिया गया है।
बता दें कि रामानंद सागर की रामायण का प्रसारण साल 1987 में पहली बार दूरदर्शन पर हुआ था। वहीं बीआर चोपड़ा की महाभारत का प्रसारण भी साल 1988 में पहली बार दूरदर्शन पर हुआ था। रामायण और महाभारत को लोग इतने चाव से देखते थे कि सड़कों पर एकदम सन्नाटा होता था। इन धार्मिक कार्यक्रमों के प्रसारण के वक्त बाहर सड़कों का माहौल एकदम कर्फ्यू की तरह ही होता था।
1987-88 में रामायण और महाभारत को लोग बड़े ही चाव से देखते थे। कहा जाता है कि उस दौर में अफसर से लेकर नेता तक किसी से मिलना तो क्या किसी का फोन भी उठाना पसंद नहीं करते थे। 78 एपिसोड वाले रामायण का प्रसारण जब होता था तो देश की सड़कों और गलियों में कर्फ्यू जैसा सन्नाटा छा जाता था। भारत के तमाम शहरों और गाँवों में रामायण के टेलीकास्ट के समय लोग अगरबत्ती जलाकर बैठा करते थे। चप्पलें कमरे के बाहर उतार दी जाती थीं।
गौरतलब है कि रामायण में भगवान राम का किरदार अरुण गोविल ने तो वहीं सीता का किरदार दीपिका चिखलिया ने निभाया था। उनकी एक्टिंग ऐसी थी कि लोग उन्हें असल जीवन में भी भगवान की तरह पूजते थे। इसके साथ ही दारा सिंह ने हनुमान का रोल निभाया था। वहीं रावण का रोल निभाकर अरविंद त्रिवेदी ने खासी लोकप्रियता बटोरी थी। रामानंद सागर की रामायण हर मायनों में ऐतिहासिक थी। शो का हर किरदार अमर हो गया था। लोगों ने इस शो को इतना प्यार दिया था कि इसके बाद कई बार रामायण बनाई गई, लेकिन वैसा अनुभव कभी नहीं हुआ जो रामानंद सागर की रामायण को देख होता था।