विधु विनोद चोपड़ा की फ़िल्म ‘शिकारा’ के बारे में उन्होंने दावा किया था कि इस फ़िल्म में कश्मीरी पंडितों के विस्थापन के दर्द को दिखाया गया है। फ़िल्मकार का कहना है कि इसमें दिखाया गया है कि कैसे और किन परिस्थितियों से गुजर कर कश्मीरी पंडितों को घाटी से पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा। इस फ़िल्म को लेकर पहले भी विवाद हुआ था जब निर्माता विधु विनोद चोपड़ा ने बयान दिया था कि हिन्दू और मुस्लिम, दोनों को ही एक-दूसरे से माफ़ी माँगनी चाहिए।
दिल्ली में हुए फ़िल्म के प्रीमियर में एनडीटीवी के रवीश कुमार की मौजूदगी से कई सवाल खड़े हो गए थे। रवीश ने भी चोपड़ा के बयान का समर्थन किया था। इस सब के बावजूद इसके कि इस पूरे घटनाक्रम में कश्मीर के कट्टरपंथियों का ही दोष है। फिर सवाल बनता है कि हिन्दू किस बात के लिए माफ़ी माँगें? अब ‘शिकारा’ के पोस्टरों को लेकर विवाद शुरू हो गया है। फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने आरोप लगाया है कि फ़िल्म का टैगलाइन बदल दिया गया है।
जब हमने ‘विधु विनोद चोपड़ा फिल्म्स’ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल खँगाला तो पाया कि ‘शिकारा’ के पोस्टरों पर अभी भी ‘The Untold story of Kashmiri Pandits” टैगलाइन ही चल रहा है। इस टैगलाइन का अर्थ हुआ- ‘कश्मीरी पंडितों की वो कहानी जो अब तक सुनाई नहीं गई।’ वहीं अशोक पंडित ने ‘शिकारा’ का एक अन्य पोस्टर शेयर किया, जिसमें टैगलाइन बदला सा दिख रहा है। इसपर टैगलाइन है- “A timeless love story in the worst of times.” इसका अर्थ है- ‘अत्यंत बुरे समय की एक कालजयी प्रेम कहानी।’
उधर एक कार्यक्रम के दौरान एक कश्मीरी पंडित महिला ने विधु विनोद चोपड़ा के सामने उनसे सवाल पूछा कि इसमें पंडितों पर हुए कट्टरपंथियों के अत्याचार को क्यों नहीं दिखाया गया है? नीचे वीडियो में आप देख सकते हैं, जिसमें लोग महिला के बयान पर ताली भी बजा रहे हैं:
Like I had predicted earlier, Shikara movie dilutes the biggest #HinduGenocide in the history of modern India and reduces it to a love story. @VVCFilms didn’t have the guts to show #IslamicTerrorism as it’s cause
— Vaidehi ?? ?️ #TeamVerangna (@dharmicverangna) February 7, 2020
Here is a video of a women confronting VVC#KPsDisownShikara pic.twitter.com/RVnQYwvWtU
अब सवाल उठना लाजिमी है कि क्या ‘शिकारा’ को कश्मीरी पंडितों की व्यथा दिखाने की बजाय एक प्रेम-कहानी बताया जा रहा है? हालाँकि, वीवीसी फिल्म्स के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कश्मीरी पंडितों वाला टैगलाइन ही चल रहा है। लेकिन, सवाल ये है कि कुछ पोस्टरों में कश्मीरी पंडित वाले टैगलाइन की जगह प्रेम-कहानी को क्यों हाइलाइट किया जा रहा है?