शत्रुघ्न सिन्हा एक ज़माने में बॉलीवुड के शीर्ष अभिनेताओं में गिने जाते थे, अब भी उनकी दमदार आवाज़ में ‘खामोश’ शब्द को सुनना फैंस को खासा पसंद है। मुम्बई के जुहू में स्थित अपने बँगले का नाम उन्होंने ‘रामायण’ रखा। खुद शत्रुघ्न सिन्हा के तीनों भाइयों के नाम राम, लक्ष्मण और भरत हैं। उन्होंने अपने बेटे का नाम लव और कुश रखा। ये अलग बात है कि सोनाक्षी सिन्हा KBC में इस सवाल का जवाब नहीं दे पाई थीं कि हनुमान संजीवनी बूटी हिमालय से किसके लिए लेकर आए थे।
खैर, अब यही सोनाक्षी सिन्हा अपने प्रेमी ज़हीर इक़बाल से शादी करने जा रही हैं। बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल से पढ़े ज़हीर इक़बाल को सलमान खान का करीबी माना जाता है। उनकी बहन सनम रतंसी बॉलीवुड की बड़ी स्टाइलिस्ट हैं, वहीं उनके पिता इक़बाल रतंसी कंस्ट्रक्शन व ज्वेलरी के कारोबार में हैं। ज़हीर इक़बाल ने सलमान खान की फिल्म ‘जय हो’ (2014) में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम किया था, फिर उन्होंने सलमान खान की प्रोडक्शन वाली ‘नोटबुक’ (2019) से डेब्यू किया।
2022 में आई फिल्म ‘डबल XL’ में ज़हीर इक़बाल और सोनाक्षी सिन्हा साथ दिखे थे, लेकिन फिल्म फ्लॉप हो गई थी। अब रविवार (23 जून, 2024) को ज़हीर इक़बाल और सोनाक्षी सिन्हा ने 7 साल तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद मुंबई में शादी करने का फैसला लिया गया है। ये अलग बात है कि जब शत्रुघ्न सिन्हा से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस संबंध में कुछ नहीं पता। जबकि बॉलीवुड की कई हस्तियों को इस शादी के बारे में पूरी जानकारी है।
सोनाक्षी सिन्हा के मामा पहलाज निहलानी कह चुके हैं कि शादी वाली बात सुन शत्रुघ्न सिन्हा नाराज़ हो गए थे। उन्होंने इसकी पुष्टि की कि शत्रुघ्न सिन्हा अपनी बेटी से नाराज़ थे। खैर, हो सकता है परिवार में फिर सब ठीक हो जाए। शत्रुघ्न सिन्हा बड़े अभिनेता हैं, 200 फ़िल्में कर चुके हैं और 6 बार सांसद रहे हैं। ‘रामायण’ में भले सब ठीक हो जाए, लेकिन अब इसी बहाने ‘लव जिहाद’ को फर्जी बताने वाले लोग भी सामने आ रहे हैं। इनका नेतृत्व अभिनेत्री स्वरा भास्कर कर रही हैं।
स्वरा भास्कर ने ‘Connect Cine’ से बात करते हुए बॉलीवुड को केंद्र सरकार का प्रोपेगंडा टूल बता दिया। वहीं सोनाक्षी सिन्हा और ज़हीर इक़बाल की शादी के संबंध में उनसे पूछा गया तो उन्होंने अपने मन में भरा हुआ पूरा का पूरा ज़हर उड़ेल डाला। स्वरा भास्कर को इसके बाद अपनी शादी की याद आ गई और कहा कि उनकी शादी में भी बहुत सारे विशेषज्ञ प्रकट होकर टिप्पणियाँ दे रहे थे। बता दें कि स्वरा भास्कर ने महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष फहद अहमद से शादी की है, जिन्हें वो ‘भाई’ भी कह चुकी थीं।
AMU और TISS से पढ़े फहद अहमद छात्र राजनीति में भी सक्रिय रहे हैं। 2017-18 में वो TISS में स्टूडेंट्स यूनियन के जनरल सेक्रेटरी रहे। वो स्वरा भास्कर से 4 साल छोटे हैं। CAA के खिलाफ देश भर में जो उपद्रव हुए, उसमें फहद अहमद का भी हाथ था। प्रदर्शनों के दौरान ही उनकी मुलाकात स्वरा भास्कर के साथ हुई थी। अब लोगों ने याद दिला दिया सगाई के समय कि स्वरा ने फहद को ‘भाई’ कहा था, तो उसका गुस्सा वो आज ज़हीर-सोनाक्षी के बहाने निकाल रही हैं।
स्वरा भास्कर का कहना है कि 2 वयस्क लोग अपने जीवन में क्या निर्णय ले रहे हैं, निकाह कर रहे या लाइव-इन में रह रहे – इससे किसी का कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए, केवल दूल्हा-दुल्हन और उनके परिवार का होना चाहिए। स्वरा भास्कर का कहना है कि इस पर कोई ओपिनियन किसी का नहीं होना चाहिए। फिर वो कहती हैं कि दक्षिण एशिया में दूसरों के जीवन में घुसने में लोगों को मजा आता है, ज़हीर-सोनाक्षी का बच्चा होगा तो उसके नाम पर भी काफी बहस होगी।
उन्होंने सैफ-करीना और अपना उदाहरण बता दिया। बता दें कि सैफ अली खान और करीना कपूर ने अपने पहले बेटे का नाम तैमूर रखा। इसी तरह स्वरा भास्कर और फहद अहमद ने अपनी बेटी का नाम राबिया रखा। जो स्वरा भास्कर CAA से लेकर इजरायल-फिलिस्तीन तक पर ओपिनियन देती हैं, वो अब कहती हैं कि भारत में हर चीज में ओपिनियन देने की बीमारी है। फिर स्वरा भास्कर सोशल मीडिया पर हर मुद्दे में क्यों टाँग अड़ाती घूमती रहती हैं?
स्वरा भास्कर से ये भी पूछा जाना चाहिए कि जब शादी के बाद पति-पत्नी बराबर होते हैं तो फिर सैफ अली खान और करीना कपूर के दोनों बेटों के नाम उर्दू में क्यों हैं? इसी तरह स्वरा भास्कर की बेटी का नाम वही क्यों है, जो फहद अहमद के परिवार द्वारा चुना गया लगता है। क्योंकि, स्वरा की बेटी राबिया तो तो स्पष्ट है कि वो फहद अहमद की बेटी है। सैफ अली खान और करीना कपूर का बेटा ‘मोहन’ क्यों नहीं, या फहद अहमद और स्वरा भास्कर की बेटी का नाम ‘मोहिनी’ क्यों नहीं?
खैर, दुनिया भर के मुद्दों पर ओपिनियन देने वाली स्वरा भास्कर का कहना है कि वो क्या करती हैं इस पर किसी का कोई ओपिनियन नहीं होना चाहिए। हर साल ‘लव जिहाद’ के सैकड़ों मामले सामने आते हैं, ऑपइंडिया पर भी ऐसे मामलों की सूची आपको पढ़ने को मिल जाएगी। जिस देश में हिन्दू लड़कियों को फँसाने के लिए विदेश तक से फंडिंग होती है, वहाँ ‘लव जिहाद’ को कोई झूठा कैसे बता सकता है? ज़हीर इक़बाल और सोनाक्षी सिन्हा की शादी के बहाने वो एक समस्या को प्रोपेगंडा बता रही हैं।
आपको श्रद्धा वॉकर याद होगी, जिन्हें दिल्ली में आफ़ताब अमीन ने 36 टुकड़ों में काटा। इसी तरह आपको निकिता तोमर याद होगी, जिन्हें फरीदाबाद में तौसीफ ने गोली मार दी। और हाँ, ‘लव जिहाद’ शब्द केरल के ईसाइयों ने दिया था, क्योंकि वहाँ ईसाई लड़कियों को मुस्लिम निशाना बना रहे थे। अब दूसरे सबसे बड़े बहुसंख्यक मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं या ईसाई जो भारत की जनसंख्या का मात्र 2.3% हैं? स्वरा भास्कर इस्लामी कट्टरपंथियों का बचाव कर रही हैं।
अगर आप चाहते हैं कि लोग आपके बारे में ओपिनियन न दें, तो आपको सोशल मीडिया में अपने निजी जीवन की चीजें डालिए ही मत। आप अपनी शादी या बच्चा होने की सूचना सोशल मीडिया पर देंगे, कमेंट्स पब्लिक रखेंगे, फिर हर तरह के कमेंट्स आएँगे ही। स्वरा भास्कर जैसों को पब्लिसिटी भी चाहिए और लोग उनकी आलोचना भी न करें – ये कैसे चलेगा? तभी वो शाकाहारियों से भी भड़क जाती हैं, बकरीद पर हिन्दुओं को भला-बुरा कहती हैं।