Monday, December 23, 2024
Homeविविध विषयमनोरंजन'मास्क पहनना मूर्खता, मैंने भिखारियों साथ खाया... नहीं हुआ कोरोना': सिंघम-2 के एक्टर मंसूर...

‘मास्क पहनना मूर्खता, मैंने भिखारियों साथ खाया… नहीं हुआ कोरोना’: सिंघम-2 के एक्टर मंसूर अली खान पर ₹2 लाख का जुर्माना

एक्टर मंसूर अली खान ने अभिनेता विवेक के निधन को कोरोना वैक्सीन से जोड़ा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकारें लोगों की 'हत्या' कर रही हैं। खान ने दावा किया था कि अभिनेता विवेक वैक्सीन लेने से पहले एकदम ठीक थे।

मद्रास हाईकोर्ट ने तमिल फिल्मों में सहायक किरदार निभाने वाले अभिनेता को कोरोना वैक्सीन को लेकर अफवाह फैलाने के आरोप में 2 लाख रुपए बतौर जुर्माना राज्य सरकार के पास जमा कराने को कहा है। इससे पहले अप्रैल में मंसूर अली खान को गैर-जमानती धाराओं में आरोपित बनाया गया था। उन्होंने तमिलनाडु में कोरोना टीकाकरण अभियान को लेकर गलत सूचनाएँ फैलाई थी। इस पर उनकी खूब आलोचना भी हुई थी।

मंसूर अली खान ने अभिनेता विवेक के निधन को कोरोना वैक्सीन से जोड़ा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि स्थानीय प्रशासन और सरकारें मिल कर लोगों की ‘हत्या’ कर रही है। तमिल फिल्मों में अक्सर कॉमेडी किरदार निभाने वाले विवेक को रजनीकांत की फिल्म ‘शिवाजी’ में उनके किरदार के लिए ज्यादा जाना जाता था। SIMS अस्पताल में उनका निधन होने के बाद खान ने दावा किया था कि वो वैक्सीन लेने से पहले एकदम ठीक थे।

मंसूर अली खान ने मास्क पहनने के सरकारी और मेडिकल दिशा-निर्देशों को ‘मूर्खतापूर्ण कार्य’ तो बताया ही था, साथ ही दावा किया था कि चुनाव प्रचार के दौरान वो जमीन पर सोए और भिखारियों के साथ जम कर अपना खाना शेयर किया, लेकिन उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण नहीं हुआ। खान ने बाद में उम्मीदवार के रूप में अपना नाम वापस ले लिया था। तमिलनाडु में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम 2 मई को आएँगे।

स्थानीय भाजपा यूनिट ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था। ‘द ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन (GCC)’ ने भी उनके खिलाफ ‘पब्लिक हेल्थ एक्ट’ के तहत मामला दर्ज किया था। मंसूर अली खान के पर गिरफ़्तारी की तलवार लटक रही थी, लेकिन मद्रास हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। वडापानी पुलिस थाने ने उनके खिलाफ IPC की धारा-153 (बेहूदगी से लोगों को भड़काना), 270 (अपने क्रियाकलापों से संक्रमण फैलाना और दूसरों की जान खतरे में डालना), और 505(1)(b) (जनता में भय पैदा करना) के तहत मामला दर्ज किया था।

साथ ही उन पर एपिडेमिक्स एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत भी मामले दर्ज किए गए थे। मंसूर अली खान ने मद्रास उच्च-न्यायालय में दायर की गई याचिका में अपने बचाव में कहा कि उन्होंने एक अस्पताल के गेट पर इमोशनल होकर ये बयान दिए थे और उनका इरादा किसी को ठेस पहुँचाने का नहीं था। 30 वर्षों से तमिल फिल्मों में सक्रिय मंसूर अली खान ने कई बार राजनीति में भी किस्मत आजमाई है लेकिन नाकाम रहे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -