इस क्रिकेट वर्ल्ड कप में अब तक टीम इंडिया गहरे नीले रंग की जर्सी में नजर आई है। लेकिन खबर है कि नए नियमों के कारण भारतीय टीम के लिए ऑरेंज (केसरिया) रंग की दूसरी किट भी होगी। वर्ल्ड कप के कुछ मैचों में भारतीय टीम नीले रंग के बजाय ऑरेंज यानी भगवा रंग की जर्सी पहनकर उतर सकती है। भारतीय टीम का अब अगला मुकाबला 22 जून को अफगानिस्तान से होना है और इसके बाद 30 जून को उसकी भिड़ंत मेजबान इंग्लैंड से होगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, आईसीसी ने दूसरी जर्सी के रूप में टीम इंडिया को कोई और रंग चुनने को कहा था। भारतीय टीम मैनेजमेंट ने ऑरेंज (केसरिया) रंग चुना है।
क्या है भगवाकरण का उद्देश्य?
दरअसल, अफगानिस्तान और इंग्लैंड दोनों टीमों के खिलाड़ियों की जर्सी का रंग नीला है। जबकि रिपोर्ट्स के अनुसार आईसीसी के नियमों के मुताबिक, किसी भी ऐसे मैच में, जिसका प्रसारण टीवी पर होता है, दोनों टीमें एक ही रंग की जर्सी पहनकर नहीं उतर सकती हैं।
ICC लाई है जर्सी में भी फुटबॉल कि तरह ‘होम’ और ‘अवे’ नियम
यह नियम फुटबॉल के ‘होम और अवे’ मुकाबलों में पहनी जाने वाली जर्सी से प्रेरित होकर बनाया गया है। आईसीसी ने इस बार जर्सी को लेकर एक नया फैसला लिया है जिसमें फुटबॉल कि तरह ‘होम’ और ‘अवे’ यानी, ‘घरेलू सरजमीं से बाहर’ प्रणाली के तहत प्रत्येक टीम (मेजबान टीम को छोड़कर) दूसरी जर्सी में भी नजर आएगी।
वर्ल्ड कप 2019 में इंग्लैंड, भारत, अफगानिस्तान और श्रीलंका की टीमों की जर्सी नीले रंग की है। ऐसे में नए दर्शकों को टीम पहचानने में परेशानी न हो, इसलिए होम और अवे मैच की तर्ज पर टीमों की जर्सी अलग-अलग रंग की होगी।
भगवा रंग की जर्सी पर होगी नीली पट्टी
टीम इंडिया की जर्सी की रंग नीला है और उसमें कॉलर पर भगवा रंग की पट्टी है। ऐसे में माना जा रहा है कि यह इंग्लैंड के खिलाफ मैच में उल्टा हो सकता है। टीम इंडिया की जर्सी भगवा रंग की हो सकती है जिसमें नीले रंग की पट्टी कॉलर पर होगी। साथ ही, यह भी संभावना है कि इंग्लैंड के खिलाफ सभी वनडे मैचों में भारत की जर्सी का रंग बदला हुआ होगा।
हालाँकि टीम प्रबंधन से जुड़े सारे लोगों को इस पर अब भी जानकारी नहीं है कि टीम को नए रंग की जर्सी पहनने की जरूरत है या नहीं। भारतीय टीम की किट स्पॉन्सर कंपनी नाइक के प्रवक्ता ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और वेस्ट इंडीज को अपनी जर्सी का रंग बदलने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि उनका रंग किसी भी टीम की जर्सी से मेल नहीं खाता है।
लिबेरपंथी और मीडिया गिरोह हो सकता है धुआँ-धुआँ
अगर टीम इंडिया मैदान में भगवा रंग की जर्सी पहनकर उतरती है, तो भगवा शब्द सुनते ही किलकारियाँ मारने वाला देश का एक बड़ा वर्ग खुद को कोड़े मारते हुए देखा जा सकता है। संसद से लेकर क्रिकेट वर्ल्डकप तक भगवाकरण होता देखना कुछ लोगों को जरूर दुःख दे सकता है। उनके लिए सलाह है कि वो आने वाले दिनों में सूती कपड़े पहनें, लम्बी साँसे लें, हाइड्रेटेड रहें, यात्रा करें और राहुल गाँधी के जन्मदिन पर चर्चा करें। वरना इमरजेंसी का माहौल हो सकता है और सेक्युलरिज़्म भी खतरे में पड़ सकता है।