Friday, November 15, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयभगोड़े जाकिर नाइक को शरण देने वाले मलेशिया ने कश्मीर पर उगला जहर, उइगरों...

भगोड़े जाकिर नाइक को शरण देने वाले मलेशिया ने कश्मीर पर उगला जहर, उइगरों को मरने छोड़ा

महातिर ने रोहिंग्याओं पर कथित अत्याचार के लिए म्यांमार की निंदा की। लेकिन दक्षिण चीन सागर में चीनी आक्रामकता और उइगरों की प्रताड़ना पर यह कहते हुए चुप्पी साध ली कि मलेशिया बीजिंग से टकराव मोल नहीं ले सकता।

हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलने वाले भगोड़े जाकिर नाइक को शरण देने वाला मलेशिया अब उसकी जुबान में ही बात करने लगा है। समुदाय का नया मसीहा बनने की कोशिश में मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर पर गलतबयानी करते हुए भारत पर आरोप मढ़े। रोहिंग्याओं पर कथित अत्याचार का रोना रोया। लेकिन, चीनी बर्बरता झेलने को मजबूर उइगर समुदाय को उनके ही हाल पर छोड़ दिया।

महातिर ने अपने भाषण में कहा कि जम्मू-कश्मीर पर आक्रमण कर क़ब्ज़ा किया गया है। संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव और कानूनों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत को शांतिपूर्ण तरीके से समस्या का समाधान करने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करना चाहिए। दीगर है कि मलेशिया ने पिछले दिनों ही पाकिस्तान और तुर्की के साथ मिलकर अंग्रेजी में एक इस्लामी टीवी चैनल शुरू करने का फैसला किया था।

इससे पहले, कोलंबिया विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में मलेशियाई प्रधानमंत्री ने इजरायल पर प्रहार करते हुए अपने यहूदी-विरोधी बयानों का बचाव किया। उन्होंने कहा कि फलस्तीनी जमीन पर इजरायल के कब्जे को मलेशिया स्वीकार नहीं करता। फिलीस्तीनी अपनी ज़मीन पर बनी बस्तियों में ही प्रवेश नहीं कर सकते।

महातिर ने रोहिंग्याओं पर कथित अत्याचार के लिए म्यांमार की निंदा भी की। उन्होंने रखाइन प्रांत में म्यांमार पर नरसंहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और क़ानून-व्यवस्था के बावजूद दुनिया के कई देश अमित्र देशों का समर्थन कर रहे हैं।

इस महीने की शुरुआत में जब पीएम मोदी और महातिर मोहम्मद की रूस के व्लादिवोस्तोक में मुलाकात हुई थी। उस वक्त भी जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का मसला उठा था।

ईरान पर एकतरफ़ा प्रतिबंध लगाने के लिए अमेरिका को फ़टकार लगाते हुए महातिर ने कहा कि इससे मलेशिया का व्यापार प्रभावित हुआ है। उन्होंने 11 देशों की ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप से बाहर निकलने के मुद्दे पर भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को घेरा।

इस दौरान मलेशियाई पीएम ने स्वीकार किया कि उनका देश चीन के साथ टकराव का रुख नहीं अपना सकते, चाहे वह दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता हो या उइगरों के साथ उसका व्यवहार। उन्होंने कहा कि चीन से टक्कर लेने के लिए मलेशिया बहुत छोटा देश है। बता दें कि चीन की चापलूसी में जुटा मलेशिया वहाँ सोना और चांदी तक भेज चुका है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

आतंकी-इस्लामी कट्टरपंथी अब ऑक्सफ़ोर्ड यूनियन के मेहमान, कश्मीर की ‘आजादी’ पर करते हैं बात: भारतीय छात्रों ने उधेड़ी बखिया, बोले- इनका हाथ पाकिस्तान के...

ऑक्सफ़ोर्ड यूनियन ने कश्मीर की आजादी को लेकर एक बहस आयोजित करवाई है। भारतीय छात्रों ने यूनियन पर आतंकियों के साथ खड़े होने का आरोप लगाया है।

अंग्रेज अफसर ने इंस्पेक्टर सदरुद्दीन को दी चिट… 500 जनजातीय लोगों पर बरसने लगी गोलियाँ: जब जंगल बचाने को बलिदान हो गईं टुरिया की...

अंग्रेज अफसर ने इंस्पेक्टर सदरुद्दीन को चिट दी जिसमें लिखा था- टीच देम लेसन। इसके बाद जंगल बचाने को जुटे 500 जनजातीय लोगों पर फायरिंग शुरू हो गई।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -