खाने की चीजों की आसमान छूती कीमतों के बीच पाकिस्तान ने कबूल कर लिया है भारत के साथ व्यापार रद्द होने के कारण उसकी यह हालत हुई है। पाकिस्तानी सांख्यिकी ब्यूरो के आँकड़ों के मुताबिक खाद्य महँगाई दर 12.7 फीसदी पर पहुॅंच गई है। डॉन के मुताबिक बीते नौ साल में यह सबसे ज्यादा है। खाने के ही लाले नहीं पड़े हैं। कंगाली के कगार पर खड़ा पाकिस्तान अब सरकारी संपत्ति बेचने को भी मजबूर हो गया है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पैसा जुटाने के लिए इमरान खान की सरकार ने उन संपत्तियों को बेचने का फैसला किया है, जिनका इस्तेमाल नहीं हो रहा है। दुबई एक्सपो में ये सम्पत्तियाँ बेची जाएँगी। डॉन के अनुसार इससे मिले पैसे का इस्तेमाल शिक्षा, स्वास्थ्य, भोजन और आवास के क्षेत्र में चलाई जा रही योजनाओं के लिए किया जाएगा। प्राइवेटाइजेशन सेक्रेटरी रिजवान मलिक ने बताया, “जिन सरकारी संपत्तियों का इस्तेमाल नहीं हो रहा वे पाकिस्तानी और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए दुबई एक्सपो में बेचा जाएँगी।”
पाकिस्तान ने यह फैसला ऐसे वक्त में किया है जब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) सख्त शर्तों के साथ उसे 6 बिलियन डॉलर का कर्ज देने को तैयार हो चुका है। आईएमएफ ने जुलाई में तीन साल के लिए पाकिस्तान को कर्ज देने को मँजूरी दी थी। इमरान ने सत्ता की बागडोर सॅंभालने के बाद अगस्त 2018 में आईएमएफ से बेलआउट पैकेज की गुहार लगाई थी। इसके अलावा पाकिस्तान को चीन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे साथी मुल्कों से भी अरबों डॉलर की मदद मिली है।
बावजूद इसके न तो उसकी आर्थिक स्थिति सुधर रही है और न महॅंगाई पर काबू पाने में वह कामयाब हो रहा है। इस समय पाकिस्तान में टमाटर 300 रुपए किलो बिक रहा है। टमाटर वहॉं के खाने का मुख्य हिस्सा है। इसकी वजह से लोग बेहद परेशान है। पाकिस्तान के राजस्व मंत्री हम्माद अजहर ने दावा किया है कि जनवरी-फरवरी से महँगाई कम होने लगेगी। संघीय कैबिनेट की बैठक के बाद मंगलवार को वे वित्त और राजस्व मामलों के इमरान खान के सलाहकार डॉ. अब्दुल हफीज शेख के साथ मीडिया से बात कर रहे थे।
अजहर ने कहा कि महँगाई के लिए भारत के साथ व्यापार रद्द होना जिम्मेदार है। इसमें मौसमी तत्व तथा बिचौलियों की भी भूमिका है। उन्होंने बताया कि सरकार की योजना सस्ता बाजार शुरू करने की भी है। इसके लिए इमरान सरकार प्रांतीय सरकारों के साथ विचार कर रही है।
पाकिस्तान ने पॉंच अगस्त को जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद भारत के साथ व्यापार रद्द कर कूटनीतिक संबंध कमतर कर दिया था।