भारत के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार की मुहिम में पाकिस्तान हर सीमा लाँघने में लगा हुआ है। पाकिस्तान एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को बदनाम करने के चक्कर में खुद की फजीहत करा बैठा है। इस बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी ने बांग्लादेश का एक वीडियो जारी किया और इसे भारत का बताया। इस वीडियो में उत्तर प्रदेश पुलिस को मुस्लिम युवकों की पिटाई करते हुए दिखाया गया था। भारत की ओर से झूठे वीडियो को लेकर इमरान खान नियाजी को माकूल जवाब दिया गया। सोशल मीडिया साइट पर भी ट्रोल हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री लेकिन पाकिस्तान के लिए इसमें कोई नई बात नहीं है। बस अंतर इतना है कि उनके मंत्री तो ऐसा करते ही थे लेकिन अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भी खुलकर ख़ुद फेक न्यूज फैला रहे हैं। वैसे पहले भी इमरान खान ऐसा कर चुके हैं।
कहा जा रहा है कि ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर भीड़ के हमले की घटना से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए इमरान खान ने शुक्रवार (3 जनवरी) की रात को एक के बाद एक कई वीडियो ट्वीट कर ‘भारत में मुस्लिमों पर पुलिस के अत्याचार’ का झूठा दावा किया।
जिस समय ननकाना साहिब में कट्टरपंथियों की भीड़ सिखों को शहर से भगाने की धमकी दे रही थी, उसी वक्त इमरान खान भारत में संशोधित नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन का हवाला देते हुए ट्विटर पर फेक न्यूज फैला रहे थे। ऐसे ही एक ट्वीट में इमरान खान ने बांग्लादेश का वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि भारतीय पुलिस यूपी में मुस्लिमों पर बर्बरता कर रही है।
Pakistan Prime Minister Imran Khan has deleted all three videos from his Twitter timeline in which he falsely claimed that Police was carrying out a pogrom against Muslims in Uttar Pradesh. https://t.co/NF7iDMliI9
— ANI (@ANI) January 3, 2020
वीडियो में इमरान जिन्हें यूपी पुलिस के जवान के तौर पर बता रहे थे, जबकि सच्चाई यह है कि उनकी वर्दी पर बड़े-बड़े अक्षरों में साफ-साफ RAB लिखा हुआ था। RAB यानी रैपिड ऐक्शन बटैलियन जो कि बांग्लादेश पुलिस की ऐंटी-टेररिज्म यूनिट है। इमरान ने जिस वीडियो को ट्वीट किया, वही वीडियो यू-ट्यूब पर 10 सितंबर 2013 को अपलोड किया गया था। वीडियो बांग्लादेश का है। वीडियो के बारे में दावा किया गया है कि हिफ़ाज़त-ए-इस्लाम रैली पर बांग्लादेशी पुलिस ने बर्बरता की है।
बांग्लादेश के लगभग 7 साल पुराने वीडियो को ट्वीट कर इमरान ने दावा किया कि भारतीय पुलिस मुस्लिमों पर अत्याचार कर रही है। वहीं, यूपी पुलिस ने भी साफ़ कर दिया है कि ये वीडियो फर्जी हैं और उनकी ओर से इस तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बुरी तरह ट्रोल होने के बाद इमरान ने ये वीडियो हटा लिया।
Uttar Pradesh Police: This is not from UP, but from a May 2013 incident in Dhaka, Bangladesh. The RAB (Rapid Action Battalion, a unit of the Bangladesh Police) written on the vests at 0:21s, 1:27s or the Bengali spoken, would help you be better informed. https://t.co/NF7iDMliI9 pic.twitter.com/gDfZHiAvwY
— ANI (@ANI) January 3, 2020
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने भी इमरान खान को लताड़ लगाते हुए हुए कहा कि पाकिस्तान की झूठ फ़ैलाने की पुरानी आदत है बड़ी मुश्किल से जाती है।
Tweet Fake News.Get Caught.
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) January 3, 2020
Delete Tweet. Repeat#Oldhabitsdiehard pic.twitter.com/MjFtzP0WHW
बता दें कि शुक्रवार (3 जनवरी) को सौ से ज्यादा मुस्लिमों की आक्रोशित भीड़ ने गुरुद्वारे को घेरकर उस पर पत्थरबाज़ी की। ट्विटर पर बीबीसी के पत्रकार रविंद्र सिंह रॉबिन ने इस घटना की वीडियो अपलोड किया। अपने ट्वीट में जानकारी देते हुए रॉबिन ने बताया था कि वीडियो में नजर आ रही मुस्लिम भीड़ का नेतृत्व सिख लड़की जगजीत कौर का अपहरण कर उसे इस्लाम क़बूल करवाने वाले मोहम्मद हसन के परिजनों ने किया था। उनके ट्वीट्स के मुताबिक़ इस हमले के कारण ननकाना साहिब में करीब 30 सिख फँसे हुए थे। दरअसल, पिछले साल जिस जगजीत कौर का जबरन धर्मांतरण हुआ था, वह ननकाना साहिब गुरुद्वारे के ही ग्रंथी की बेटी हैं।
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