Monday, December 23, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयपाकिस्तान में अल्पसंख्यक नहीं लड़ पाएँगे चुनाव, उम्मीदवारों को इस्लाम में आस्था की लेनी...

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक नहीं लड़ पाएँगे चुनाव, उम्मीदवारों को इस्लाम में आस्था की लेनी होगी शपथ

अहमदिया मुस्लिमों के भी चुनाव में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी गई है। पाकिस्तान से हिन्दू लड़कियों के अपहरण और उनका जबरन धर्मान्तरण कराए जाने की ख़बरें अक्सर आती रहती हैं।

जहाँ एक तरफ भारत में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध के नाम पर ‘जिन्ना वाली आज़ादी’ के नारे लगते हैं, उसी जिन्ना के पाकिस्तान में ऐसा प्रस्ताव पास किया गया है जिससे वहाँ के अल्पसंख्यकों की स्थिति का अंदाज़ा हो जाता है। पाकिस्तान में एक ऐसा प्रस्ताव पास किया है, जिसके बाद वहाँ ग़ैर-मुस्लिम बार काउंसिल के चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। मुल्तान बार एसोसिएशन ने ‘तहफूज़-ए-ख़त्म-ए-नबुव्वत’ नामक प्रस्ताव पास किया, जिसमें इस प्रावधान पर मुहर लगाई गई है।

न सिर्फ़ हिन्दू, ईसाई, बौद्ध, सिख, जैन और पारसी जैसे धार्मिक अल्पसंख्यकों, बल्कि अहमदिया मुस्लिमों के भी चुनाव में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी गई है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में चेनाब नदी के तट पर स्थित मुल्तान से आई ये ख़बर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे भीषण अत्याचार की एक बानगी भर है। वहाँ हिन्दू लड़कियों के अपहरण और उनका जबरन इस्लामी धर्मान्तरण कराए जाने की ख़बरें अक्सर आती रहती हैं। यूएन ने भी अपनी रिपोर्ट में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर चिंता जताई थी।

पाकिस्तानी मीडिया संस्थान ‘नया दौर’ की ख़बर के अनुसार, मुल्तान के डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन ने फ़ैसला लिया है कि जो भी वकील बार काउंसिल का चुनाव लड़ेगा, उसे एक एफिडेविट देना होगा। इस एफिडेविट के माध्यम से उम्मीदवारों को इस्लाम के प्रति अपनी आस्था की शपथ लेनी होगी। उन्हें इस बात की शपथ लेनी होगी कि वे पैगम्बर मुहम्मद और उनके सिद्धांतों में आस्था रखते हैं। जिस कार्यक्रम में ये प्रस्ताव पास किया गया, उसमें सभी वकीलों को पैगम्बर मुहम्मद पर आधारित पुस्तकें वितरित की गईं।

वैसे यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान में ऐसा कोई प्रस्ताव पास किया गया हो जिसमें अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव किया गया हो। इससे पहले पाकिस्तान सरकार ने ईशनिंदा क़ानून पास किया था। तब से इस क़ानून का दुरुपयोग कर के अल्पसंख्यकों को फँसाया जा चुका है।

हाल ही में पाकिस्तान के ननकाना साहिब में मुस्लिम भीड़ ने गुरुद्वारे पर हमला कर दिया था। एक पाकिस्तानी युवक ने एक सिख युवती का अपहरण कर के उसका जबरन इस्लामी धर्मान्तरण करा दिया था। बाद में उलटा उसके ही परिजनों ने भीड़ के साथ गुरुद्वारे पर हमला कर दिया।

पाकिस्तान में 25000 से ज्यादा अल्पसंख्यक मार दिए गए, हजारों लापता: कराची के पूर्व मेयर ने ही खोली इमरान की पोल

पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण पर सिख समुदाय में रोष, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की उठाई माँग

पाकिस्तान समेत अफ़गानिस्तान, बांग्लादेश से आए हिन्दुओं व 6 अल्पसंख्यक समूहों को हर सुविधा देगी सरकार

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -