पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (इंटरनेशनल मोनेटरी फंड, आईएमएफ) के इशारे पर अपने देश में बिक्री कर (सेल्स टैक्स) बढ़ाया तो बिफरे हुए पाकिस्तानी व्यापारी सड़क पर उतर आए हैं। पाकिस्तान में सारी व्यापार संबंधी गतिविधियाँ ठप पड़ गईं हैं। व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि उनकी माँगें माने जाने तक हालात ऐसे ही बने रहेंगे। वे सेल्स टैक्स में कमी के अलावा पाकिस्तान में सीएनआइसी (कम्प्यूटराइज़्ड नेशनल आइडेंटिटी कार्ड) के इस्तेमाल संबंधी नियमों में छूट की माँग भी कर रहे हैं।
#Pakistani traders on Tuesday began a two-day shutter-down strike against the government’s tax policies, & the #business activities remain suspended.
— Arab News Pakistan (@arabnewspk) October 30, 2019
Traders demand withdrawal of CNIC, sales #tax registration conditions https://t.co/K5nGKc3GOA
The traders say that the markets will remain closed until the government accepts their demands. They want the condition requiring a CNIC for large transactions revoked and lower sales taxhttps://t.co/uXdi08i1kL
— Samaa English (@SamaaEnglish) October 30, 2019
पकिस्तान के लिए ऐसी हड़ताल का इससे बुरा समय हो नहीं सकता। एक तरफ़ पाकिस्तान टेरर फाइनेंसिंग पर नज़र रखने वाली संस्था एफएटीएफ की ग्रे सूची से डार्क ग्रे में डाले जाने के बाद ब्लैक लिस्ट किए जाने से बचने के लिए जद्दोजहद कर रहा है, दूसरी ओर तेज़ी से बढ़ती पाकिस्तानी रुपए के मुकाबले डॉलर की कीमतों के साथ वह 3.3% पर दम तोड़ती अर्थव्यवस्था का शिकार बना हुआ है।
इस बीच हड़तालियों के नेताओं में से एक और ऑल कराची ट्रेडर्स अलायंस के अध्यक्ष अतिक मीर के मुताबिक यह नया टैक्स सिस्टम व्यापारियों को मार देगा। नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इसी साल के मध्य में (जुलाई 2019) हुए प्रदर्शनों के बाद यह दूसरा विरोध प्रदर्शन है। इसमें पाकिस्तान के ज्यादातर दुकानें, मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बंद रहे।
जिन टैक्स नियमों के खिलाफ यह प्रदर्शन हो रहा है, वे पाकिस्तान को आईएमएफ से मिले 6 अरब डॉलर के कर्ज के बदले में लादे गए नियमों में से एक है। आईएमएफ ने जिन शर्तों पर पाकिस्तान को कर्ज दिया था, उनमें से एक थी कि इमरान खान सरकार अपना टैक्स राजस्व बढ़ाने के उपाय करे। इसी के चलते इमरान खान ने सेल्स टैक्स बढ़ाया था। गौरतलब है कि यह अंदेशा पहले से ही जताया जा रहा था कि आईएमएफ से कर्ज लेने के बाद पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था इस एजेंसी के नियमों और शर्तों के इशारों पर नाचने के लिए मजबूर हो जाएगी।
इसके अलावा इमरान खान के सीएनआइसी (कम्प्यूटराइज़्ड नेशनल आइडेंटिटी कार्ड) के इस्तेमाल संबंधी नियमों से भी वहाँ के व्यापारी परेशान हैं। नियमों के अनुसार 50 हजार पाकिस्तानी रुपए से ऊपर की किसी भी खरीददारी पर पहचान पत्र ज़रूरी होगा। व्यापारी इसे बढ़ाकर 1 लाख पाकिस्तानी रुपए किए जाने की माँग कर रहे हैं।