गंगा, यमुना व सरस्वती नदियों के संगम और स्वर्गिक अमृत से पवित्र भू-भाग प्रयागराज लोकप्रिय कुम्भ मेला के चार स्थानों में से एक है। उत्तर प्रदेश का यह शहर तीर्थयात्रियों और इतिहास के उत्साही अध्येताओं के लिए एक ख़जाना है। जहाँ आप प्राचीन मंदिरों, स्मारकों तथा अनेक पर्यटन स्थलों के भ्रमण का आनंद उठा सकते हैं। त्रिवेणी संगम के अतिरिक्त प्रयागराज के आकर्षण के अन्य मुख्य केंद्र हनुमान मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण अशोक स्तम्भ और उपनिवेशिक काल के स्वराज भवन जैसे अनेक भवन और स्मारक, कुम्भ मेला के साथ ही आकर्षण के प्रमुख केंद्र हैं। इसके साथ ही अन्य आकर्षण हैं-
संस्कृति ग्राम
कुम्भ 2019 के दौरान बड़े आकर्षणों में से एक प्रयागराज के अरैल में कुम्भ मेला क्षेत्र के सेक्टर-19 में स्थित सृजनात्मक हब ‘संस्कृति ग्राम’ है। यहाँ दर्शकों को भारतीय कला एवं संस्कृति की एक झलक देखने को मिलेगी। अद्वितीय डिजाइन एवं दर्शन के साथ इस ग्राम में 13 पवेलियन्स का निर्माण किया गया है। इसके आलावा विभिन्न राज्यों के विशिष्ट शिल्प को प्रदर्शित एवं विक्रय के लिए 7 संस्कृति संकुलों में विभिन्न स्टॉल लगाए गए हैं। 8 अन्य पॅवेलियन जैसे इंदिरा गाँधी नेशनल कल्चरल एकेडेमी (आइ.जी.एन.सी.ए) के द्वारा वैदिक एक्जिबिशन गैलरी, इलाहाबाद म्यूजियम के द्वारा महाकुम्भ पर एक्जिबिशन, ट्राइफेट के द्वारा प्रदर्शनी भारत सरकार ललित कला अकादमी (एल.क. ए.) के द्वारा लाइव चित्र संगोष्ठी, संस्कृति एकेडेमी (एस.ए) के द्वारा अकादमी की किताबों का प्रदर्शन और विक्रय, एवं गाँधी स्मृति एवं दर्शन स्मृति के द्वारा मोहनदास से महात्मा पर एक्जिबिशन।
#KumbhMela
— PIB India (@PIB_India) January 16, 2019
What does the word #Kumbh connotes
The flow of life.
The flow of humanity.
A spiritual conscience.
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The communion of nature and human life.
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#KumbhMela2019 pic.twitter.com/n1p6vmkVR3
10 जनवरी 2019 से खुल चुके कलाग्राम ‘संस्कृति ग्राम’ का लोग 4 मार्च 2019 तक अवलोकन कर सकते हैं।
नोटः कलाग्राम निम्नलिखित तिथियों को बंद रहेंगीः 14-16 जनवरी, 2-11 फरवरी, 17- 19 फरवरी, 2019
पेशवाई
कुम्भ के आयोजनों में अखाड़ों के पेशवाई का महत्वपूर्ण स्थान है। ‘पेशवाई’ प्रवेशाई का देशज़ शब्द है, जिसका अर्थ है शोभायात्रा, जो विश्व भर से आने वाले लोगों का स्वागत कर कुम्भ मेले के आयोजन को विश्व पटल पर सूचित करने के उद्देश्य से निकाली जाती है। पेशवाई में साधु-सन्त अपने-अपने अखाड़ों के साथ बड़े धूम-धाम और पूरी भव्यता का प्रदर्शन करते हुए कुम्भ में पहुँचते हैं। हाथी, घोड़ों, बग्घी, बैण्ड आदि के साथ निकलने वाली पेशवाई के स्वागत एवं दर्शन हेतु पेशवाई मार्ग के दोनों ओर भारी संख्या में श्रद्धालु एवं सेवादार खडे़ रहते हैं। जो शोभायात्रा के ऊपर पुष्प वर्षा एवं नियत स्थलों पर माल्यापर्ण कर अखाड़ों का स्वागत करते हैं। अखाड़ों की पेशवाई एवं उनके स्वागत व दर्शन को खड़ी अपार भीड़ पूरे माहौल को रोमांच से भर देती है।
सांस्कृतिक आयोजन
उत्तर प्रदेश राज्य सरकार एवं भारत सरकार ने भारत की समृद्ध व विविधतापूर्ण सांस्कृतिक विरासत का दर्शन कराने हेतु सभी राज्यों के संस्कृति विभागों को गतिशील किया है। इसके लिए कुम्भ मेला क्षेत्र में पाँच विशाल सांस्कृतिक पंडाल स्थापित किए गए हैं। जहाँ रोज़ विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। प्रवचन पण्डाल और 4 सम्मेलन केन्द्र जो उच्चतम गुणवत्ता की सुविधाएँ यथा मंच, प्रकाश और ध्वनि प्रसारण तंत्र के साथ आयोजन हेतु स्थापित किए गए हैं। इसमें अखाड़ों की सहायता से विभिन्न आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है।
मंच – 1 लोक एवं आदिवासी कलाकार अपनी विशेष लोक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लेने के लिए तैयार हैं। 10 जनवरी, 2019 से आरंभ होकर दिनांक 23 फरवरी 2019 तक लोग लगभग 600 से अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनन्द उठाने में समर्थ होंगे। यहाँ लगभग 2000 कलाकार अपनी विशिष्ट शैली में अपनी कला का प्रर्दशन करेंगे।
मंच – 2 बेहद ख़ूबसूरत और बड़ा मंच सेक्टर 19, अरैल में कला एवं शिल्प प्रेमियों के लिए कुम्भ मेला में एक अन्य ऐसा स्थान है। जहाँ संगीत नाटक अकादमी (एस.एन.ए) एवं एसपीआइसी एमएसीएवाई 10 जनवरी, 2019 से 5 मार्च, 2019 तक 40 से अधिक ऊर्जावान नाट्य एवं कला प्रदर्शनों के माध्यम से दर्शकों का मनोरंजन करेंगी।
मंच – 3 शिल्प एवं कलाप्रेमियों के लिए अद्वितीय मंच प्रयागराज के अशोकनगर में निर्मित किया गया है। जो 100 से अधिक स्टालों से सुसज्जित है। जहाँ दर्शक सुंदर हस्तशिल्प की वस्तुएँ विशेष रूप से, सम्पूर्ण देश के शिल्पकारों के हस्तशिल्प खरीद सकते हैं। यहाँ होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आपके कलात्मक बोध में वृद्धि करेंगे।
नए और आकर्षक टूरिस्ट वॉक
उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने वर्तमान सुनियोजित पर्यटक भ्रमण पथों में सुधार करते हुए, एक वृहद भ्रमण कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई है।
यात्रा का आरंभ बिन्दु: शंकर विमान मण्डपम।
पहला पड़ाव: बड़े हनुमान जी का मंदिर।
दूसरा पड़ाव: पातालपुरी मंदिर।
तीसरा पड़ाव: अक्षयवट।
चौथा पड़ाव: इलाहाबाद फोर्ट।
भ्रमण का अंतिम बिन्दु: रामघाट
लेजर लाइट शो
CM @myogiadityanath govt to set up virtual reality kiosks, to watch Aarti, Shahi Snan in 3D format in #Prayagraj to promote spiritual tourism. Here’s a glimpse of Laser Show at #Kumbh2019, #WelikeAtKumbh#KumbhMela2019 pic.twitter.com/5On383h1UX
— Geetika Swami (@SwamiGeetika) January 13, 2019
कुम्भ मेला-2019 में भारी संख्या में आने वाले तीर्थयात्रियों, धार्मिक गुरूओं तथा राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटकों के अनुभवों को बेहतर बनाने की चेष्टा में उत्तर प्रदेश सरकार ने लेजर लाइट शो का भी इंतज़ाम किया है। यह प्रदर्शन किले की दीवार पर दिसम्बर 2018 से ही संचालित किया जा रहा है।
जलमार्ग
प्रयागराज शताब्दियों से अपनी नदियों एवं जलमार्ग के कारण महत्वपूर्ण रहा है। भूतकाल में प्रयागराज जल परिवहन मार्ग में महत्वपूर्ण पड़ाव था किन्तु बाद में जलमार्ग से यात्रा एवं परिवहन कम होती गई। उस प्रक्रिया में अंतर्देशीय जल मार्ग प्राधिकरण ने सुजावन घाट पर शानदार आई.डबलू.टी टर्मिनल स्थापित किया है।
यह टर्मिनल यात्रियों एवं पर्यटको को भारत के प्राचीनतम जलमार्गो में से एक में यात्रा करने के लिए और सी.एल कस्तूरबा (आई.डबलू.ए.आई का सेमी क्रूज) हेतु उपयोग में लाया जा रहा है। यह टर्मिनल और कुछ अतिरिक्त घाट जैसे बोटक्लब, गऊघाट, अरैल घाट का उपयोग पारंपरिक मोटर बोट चलाने के लिए भी किया जाता है। पारंपरिक मोटर बोट की सवारी यात्रियों को प्राचीन नगरी का अनुभव कराएगी। इस बोट और क्रूज को सभी सुरक्षा व्यवस्थाओं से लैस किया गया है। सभी उल्लिखित टर्मिनल और घाट पर निश्चित दरों पर बोट टिकट काउन्टर उपलब्घ हैं। इस सेवा का लाभ यात्री इलेक्ट्रॉनिक ऑनलाइन टिकट वेबसाइट www.pryagrajboatticketing.com से खरीद सकते हैं।
साभार- kumbh.gov.in से कुछ सूचनाएँ ली गई हैं।