यूपीआई पेमेंट ऐप (UPI Payment App) भारतपे (BharatPe) के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) व सह संस्थापक अशनीर ग्रोवर ने कहा कि अगर कंपनी में उनकी हिस्सेदारी के लिए 4,000 करोड़ रुपए मिल जाते हैं तो वह कंपनी छोड़ने के लिए तैयार हैं। बहुचर्चित शार्क टैंक के जजों में एक ग्रोवर पर धोखाधड़ी, दुर्व्यवहार और कॉरपोरेट गवर्नेंस के आरोप लगने के बावजूद वह कंपनी छोड़ने के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं। बता दें कि कंपनी के सीईओ सुहैल समीर के नेतृत्व में बोर्ड ने फोरेंसिक ऑडिट के लिए अल्वारेज एवं मार्सल और पीडब्ल्यूसी को नियुक्त किया है।
मनी कंट्रोल को ग्रोवर ने बताया कि कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 9.5 प्रतिशत है और अगर कोई निवेशक 4,000 करोड़ रुपए देकर उनकी हिस्सेदारी खरीदता है तो वह कंपनी छोड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यह उनका उचित बाजार मूल्य है। उन्होंने खुद पर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। ग्रोवर ने कहा, मैंने क्या किया है कि इस्तीफा दूँ? यह सुनवाई से पहले सजा देने की तरह है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं एमडी (प्रबंध निदेशक) हूँ। मैं कंपनी चलाता हूँ। अगर निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) को लगता है कि मुझे एमडी बनने रहने की जरूरत नहीं है और किसी और को कंपनी चलानी चाहिए तो मेरे 4,000 करोड़ रुपये रखिए और चाबी ले लीजिए।” उन्होंने कहा कि वे या तो कंपनी चलाएँगे या फिर अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए तैयार हैं। इसमें कोई तीसरा विकल्प नहीं है।
पिछले साल जब भारत पे ने टाइगर ग्लोबल, कोट्यू सहित अन्य निवेशकों से 370 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 2,762.7 करोड़ रुपए) जुटाए थे, तब कंपनी का मूल्य 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 22,400 करोड़ रुपए) था। ग्रोवर ने कहा कि उस राउंड की फंडिंग के वक्त से अभी मर्चेंट व्यवसाय 50 प्रतिशत अधिक है। उस वक्त बैंक का लाइसेंस नहीं था, अभी है। उन्होंने कहा, “मैंने सबसे बड़ा P2P (पीयर-टू-पीयर) प्लेटफॉर्म बनाया है, 12% क्लब, जो तब नहीं था। मैंने पोस्टपे, एक BNPL (बाय नाउ पे लेटर) प्ले बनाया। लाइसेंस लेने के अलावा हमने PMC (बैंक) का भी विलय किया।”
इससे पहले अशनीर ग्रोवर एक वीडियो क्लीप सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद छुट्टी पर चले गए थे और कहा था कि वे 31 मार्च से पहले वापस आ जाएँगे। इस वीडियो में नाइका के IPO में निवेश नहीं कर पाने की वजह से कोटक के एक कर्मचारी को गाली दी थी। इसको लेकर ग्रोवर और कोटक के बीच कानूनी नोटिस भी जारी हुआ था।