कोविड संक्रमण से जंग जीतने की दिशा में DRDO की लैब इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एण्ड एलाइड साइंस (INMAS) ने 17 मई को 2 -deoxy-D-glucose (2-DG) नाम से तैयार दवाई की पहली खेप लॉन्च की। इस दवाई का पहला बैच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्र स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की मौजूदगी में एक कार्यक्रम में लॉन्च हुआ।
इस दौरान इनमास के निदेशक डॉ. एके मिश्रा ने कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का अलग ढंग से आभार व्यक्त किया। उन्होंने संत कबीरदास का दोहा पढ़ते हुए कहा, “गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय। बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियो बताय।”
इस दोहे का अर्थ है- गुरु और गोबिंद (भगवान) एक साथ खड़े हों तो किसे पहले प्रणाम करना चाहिए– गुरु को अथवा गोबिन्द को? ऐसी स्थिति में गुरु के श्रीचरणों में शीश झुकाना उत्तम है क्योंकि उनके कृपा रूपी प्रसाद से गोविन्द का दर्शन करने का सौभाग्य मिलता है।
डॉ. मिश्रा ने कार्यक्रम में उन दिनों को याद किया जब साल 1988 में मिर्जापुर के केबी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में राजनाथ सिंह उनके भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर हुआ करते थे। उन्होंने राजनाथ सिंह को सम्मान देते हुए कहा, “ये आपकी ही धरोहर है जो आपके सामने प्रस्तुत है।”
Dr AK Mishra, Director of INMAS, the @DRDO_India laboratory that developed anti-COVID19 drug 2-DG. He ably led the team that developed the medicine and recalled the days when he was the pupil of Raksha Mantri at its unveiling.
— A. Bharat Bhushan Babu (@SpokespersonMoD) May 17, 2021
-clip courtesy: @DDNewslive #JanAndolan pic.twitter.com/wLNZGlS81m
डॉ. मिश्रा ने इस दवाई को उनके संस्थान का एक मूल्यवान वैज्ञानिक काम बताया। उन्होंने कहा कि ये बताते हुए वे सम्मानित महसूस कर रहे हैं कि संस्थान अब दवा के रूप में एक मूल्यवान वैज्ञानिक कार्य प्रस्तुत कर रहा है, वो भी उसी शिक्षक के हाथों से, जिसने कभी उनकी (डॉ. एके मिश्रा की) वैज्ञानिक शिक्षा की नींव रखी।
बता दें कि वर्तमान में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गोरखपुर यूनिवर्सिटी से प्रथम श्रेणी में फिजिक्स की स्नातकोत्तर की डिग्री ली हुई है। इसके बाद वह केबी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर लगे। बाद में उत्तर प्रदेश में पहली बार आई भाजपा सरकार में उन्होंने शिक्षा मंत्री का पद सँभाला। इतिहास की पाठ्यपुस्तकों के पुर्नलेखन का उन्होंने आदेश दिया था। साथ ही वैदिक गणित को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया था।
2-DG दवाई का उद्घाटन, राजनाथ सिंह ने कहा- आशा की नई किरण
सोमवार को कोविड-19 की दवा 2-डीजी की पहली खेप जारी करने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कहा था कि यह दवा कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में ‘आशा की नई किरण’ लेकर आई है। वह बोले, “डीआरडीओ और डीआरएल द्वारा विकसित, 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) कोविड -19 के खिलाफ प्रभावी साबित होगा। यह हमारे देश के वैज्ञानिक कौशल का एक बेहतरीन उदाहरण है। मैं अपनी ओर से डीआरडीओ और इस दवा के अनुसंधान एवं विकास में शामिल सभी संस्थानों को बधाई देता हूँ।”
क्या है 2-डीजी?
2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) कोविड संक्रमितों की ऑक्सीजन पर निर्भरता कम करता है। DRDO के अधिकारियों के अनुसार ये दवाई ग्लूकोज की तरह बॉडी में जाती है और संक्रमित सेल तक पहुँचकर प्रोटीन के ऊर्जा उत्पादन को नष्ट कर वायरस को फैलने से रोकती है। ये दवाई फेफड़ों में फैले संक्रमण पर भी काम करती है, जिससे मरीज की ऑक्सीजन पर निर्भरता कम हो सके। जानकारी के मुताबिक इस दवाई की पहली और दूसरी खेब सीमित तौर पर इस्तेमाल होगी। इसे पहले एम्स, सैन्य अस्पतालों और डीआरडीओ के हॉस्पिटल में प्रयोग में लाया जाएगा। जून के बाद ये हर जगह उपलब्ध होगी।