जहाँ एक तरफ़ भारत सहित पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही है, वहीं दूसरी तरफ़ ये भी जानने लायक बात है कि पिछले 5 वर्षों में भारत की आर्थिक प्रगति ने काफ़ी तेज़ी से रफ़्तार भरी है। भारत ने मात्र 5 सालों में 2 ट्रिलियन डॉलर से 3 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने में सफलता हासिल की। अमेरिका में भारत के राजदूत ने उम्मीद जताई कि अगले कुछ ही वर्षों में भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने में कामयाब रहेगा।
गौर करने लायक बात है कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली, तब भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक शक्तियों में 11वें स्थान पर था। आज 5 साल बाद भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है। भारतीय राजदूत हर्षवर्धन शृंगला ने इस बारे में अहम जानकारियाँ दी। हर्षवर्धन ने कहा कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मजबूत इच्छशक्ति और भारत की मजबूत राजनीतिक स्थिरता का कमाल है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने आर्थिक प्रगति के मामले में बड़ी छलांग लगाई है।
भारत को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में 60 साल लगे। इसके अगले 12 वर्षों में देश के 2 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का गौरव प्राप्त किया। इसके बाद भारत ने अभूतपूर्व छलांग लगाते हुए मात्र 5 वर्षों में 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन कर दुनिया को चौंका दिया। भारतीय राजदूत ने बताया कि ये 5 साल 2014 से लेकर 2019 तक की अवधि है। प्रधानमंत्री के इरादों की बात करें तो वो अगले 5 सालों में 2 ट्रिलियन डॉलर की छलांग लगाने की बात कह रहे हैं।
भारतीय राजदूत हर्षवर्धन ने कहा कि जल्द ही वो समय आने वाला है जब भारत दुनिया के सबसे बड़े फलदायी मानव संसाधन से युक्त होगा। उन्होंने याद दिलाया कि भारत मंगल ग्रह पर उपग्रह भेजने वाला दुनिया का तीसरा देश है। सबसे बड़ी बात तो ये कि इस मिशन में काम करने वाले वैज्ञानिकों की औसत उम्र महज 29 साल है। ये दिखाता है कि आगे भारत के यही वैज्ञानिक अनुभवी बन कर दुनिया भर में देश के गौरव का परचम लहराएँगे।
हर्षवर्धन शृंगला ने कहा कि भारत ने दुनिया भर में कई देशों के साथ ख़ास मित्रता स्थापित की है।
#India took only five years to move from $2 to $3 trillion #economy: Harsh Vardhan Shringlahttps://t.co/40jJPjWSge pic.twitter.com/R6CFMQLa4E
— Financial Express (@FinancialXpress) December 9, 2019
उन्होंने जानकारी दी कि अमेरिका आज भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है। इसके अलावा दोनों देशों के लोगों के बीच ‘पीपल टू पीपल कॉन्टेक्ट’ भी काफ़ी अच्छा है। उन्होंने हृयूस्टन में आयोजित ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम की याद दिलाते हुए कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उपस्थिति में पीएम मोदी ने 50,000 लोगों को सम्बोधित किया, ये प्रवासी भारतीयों के लिए गौराव का क्षण था।
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