कोरोना वायरस से बचाव के लिए आई ‘पतंजलि आयुर्वेद’ की कोरोनिल किट को बाजार ने जबर्दस्त तरीके से हाथोंहाथ लिया है। ऐसा हम नहीं कह रहे, आँकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं। अपने लॉन्च से अब तक मात्र 4 महीनों में बाबा रामदेव की ‘कोरोनिल’ की अब तक 25 लाख से भी ज्यादा किट्स बिक चुकी हैं। कम्पनी के आधिकारिक आँकड़े के अनुसार, ‘पतंजलि आयुर्वेद’ ने अब तक 250 करोड़ रुपए की ‘कोरोनिल किट्स’ बेचीं है। वहीं इम्युनिटी की कुल दवाओं की 85 लाख यूनिट्स बिकी हैं।
‘इंडिया टुडे’ की खबर के अनुसार, बाबा रामदेव की पतंजलि के कोरोनिल को न सिर्फ भारत, बल्कि बड़ी मात्रा में विदेशों में भी बेचा गया। अक्टूबर 18, 2020 तक इसकी 25 लाख किट्स 250 करोड़ रुपए में बिकी है। इन्हें ऑनलाइन मार्केटिंग, डायरेक्ट मार्केटिंग, जनरल मार्केटिंग, और ‘पतंजलि आयुर्वेद’ के अस्पतालों व मेडिकल सेंटरों के माध्यम से बेचा गया, जो भारत सहित दुनिया के कई देशों में कार्यरत हैं। इसे जून 23 को लॉन्च किया गया था। बता दें कि अभी तक कोरोना वायरस के इलाज के लिए कोई दवा नहीं आई है।
आयुष मंत्रालय ने भी ‘कोरोनिल’ पर विवाद होने के बाद स्पष्टीकरण माँगा था और कोरोना वायरस संक्रमण को ठीक करने के दावे के साथ इसका प्रचार न करने को कहा था। बाद में इसे कोरोना वायरस के खिलाफ एक मजबूत इम्युनिटी बूस्टर बताया गया। हालाँकि, इसकी बिक्री पर किसी भी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने खुद मीडिया में इसे लेकर अपनी बातें रखी थीं।
#NewsAlert – The Patanjali Covid-19 cure.
— JioTV (@OfficialJioTV) October 28, 2020
Patanjali makes big gains, over 85 Lakh Units sold.
Banking the Coronil Fund.@snehamordani brings you a report from New Delhi.
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आयुष मंत्रालय ने राज्य सरकार, उत्तराखंड से भी इस दवाई कोरोनिल को लेकर जरूरी जानकारी माँगी थी। मंत्रालय ने राज्य लाइसेंसिंग ऑथोरिटी को लाइसेंस कॉपी और प्रोडक्ट को मंजूर किए जाने से जुड़े सभी डॉक्यूमेंट माँगे थे। आयुष मंत्रालय ने 21 अप्रैल को जारी गैजेट नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए कहा था कि आयुर्वेदिक दवाओं की रिसर्च को लेकर बाकायदा नियम कानून जारी किए गए थे, उसी के तहत कोरोना वायरस पर रिसर्च की जा सकती है।
वहीं, दिव्य फार्मेसी ने इस नोटिस के जवाब में कहा था कि उन्होंने कभी भी कोरोना की दवा बनाने का दावा नहीं किया था। उन्होंने कहा कि हाँ हम यह कह सकते हैं कि हमने ऐसी दवाई बनाई है, जिससे कोरोना के मरीज ठीक हुए हैं। राजस्थान की राजधानी जयपुर में को योग गुरु बाबा रामदेव सहित पाँच के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। एफआईआर में पाँचों लोगों पर कोरोनिल का भ्रामक प्रचार करने का आरोप लगाया गया था।