पिछले हफ्ते बहरीन के सुपरमार्केट में संप्रदाय विशेष की एक महिला का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो गणपति बप्पा की मूर्तियों को तोड़ रही थी। इससे हिंदू समुदाय में खासी नाराजगी देखने को मिली थी। ताजा जानकारी के मुताबिक भारतीय समुदाय के दिव्य पांडे ने उन विखंडित मूर्तियों का विसर्जन कर दिया है, जिसके वो हकदार थे।
ऑपइंडिया से बात करते हुए, दिव्य पांडे ने कहा कि वायरल वीडियो को देखने के बाद वे उसे अपने दिमाग से निकाल नहीं सके। वह कहते हैं, “यह चौंकाने वाला था, क्योंकि बहरीन अन्य धर्मों के सम्मान के मामले में बहुत खुले विचारों वाला है। बहरीन के लोग बहुत मिलनसार हैं। इसलिए बुर्का पहनी महिला ने जो कुछ किया वह देखना विचित्र था।”
दिव्य पांडे ने कहा कि वे किसी भी तरह से अपने घर पर गणपति की मूर्ति लाने की योजना बना रहे थे। इसलिए उन्होंने सुपरमार्केट को फोन किया और उन मूर्तियों को खरीदने की पेशकश की। उन्होंने कहा, “वे मूर्तियाँ स्थापना और विसर्जन की पात्र थीं। जब मैंने वीडियो देखा तो मैंने तुरंत सुपरमार्केट को पहचान लिया क्योंकि यह मेरी घर के बहुत पास है। मैंने वहाँ जाकर उनसे निवेदन किया कि मैं मूर्तियों की स्थापना और विसर्जन के लिए खरीदना चाहता हूँ। हालाँकि, कानूनी मामले के कारण, वे उन्हें मुझे देने में सक्षम नहीं थे।”
इसके बावजूद दिव्य पांडे लगातार कोशिशों में जुटे थे। गणेश चतुर्थी पर, उनके पास फोन आया कि चूँकि अब कानूनी कार्यवाही में सबूत के रूप में मूर्तियों की आवश्यकता नहीं है, इसलिए वह आकर उन्हें ले जा सकते हैं। दिव्य पांडे कहते हैं, “मैं इंतजार नहीं कर सकता था। मैं जल्दी से अपनी कार में बैठा और गणपति बप्पा को घर लाने के लिए चल पड़ा। उन्होंने कहा कि किसी को खंडित मूर्ति की स्थापना नहीं करनी चाहिए। हालाँकि मैं इसे खंडित मूर्ति नहीं मानता। क्योंकि उन्हें जान-बूझकर तोड़ा गया। मैं उन्हें घर ले आया, स्थापना किया, छोटी सी पूजा की और फिर विसर्जन के साथ गणपति बप्पा को अलविदा कहा।”
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पर एक सुपरमार्केट में एक बुर्का पहने महिला की भगवान गणेश की मूर्तियों को तोड़ने का वीडियो वायरल हुआ था। कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने ट्विटर पर मूर्तियों को तोड़ने वाली महिला की सराहना की थी। बाद में बहरीन पुलिस ने गणपति की मूर्तियों को तोड़ने वाली महिला के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 54 वर्षीय महिला पर एक समुदाय की धार्मिक भावनाओं और अनुष्ठानों का अपमान करने का आरोप लगाया गया है।
बहरीन के आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि पुलिस ने एक दुकान को नुकसान पहुँचाने और एक संप्रदाय और उसके अनुष्ठानों को बदनाम करने के लिए महिला के खिलाफ कानूनी कदम उठाए हैं।