टोक्यो ओलंपिक सेमीफाइनल के मैच में भारत को बेल्जियम ने 5-2 से हरा दिया है। जहाँ पहले 3 क्वार्टर में भारत का प्रदर्शन अच्छा रहा, अंतिम क्वार्टर में बेल्जियम की टीम का प्रदर्शन शानदार रहा। इस तरह से 41 साल बाद स्वर्ण पदक जीतने का भारत का सपना भी टूट गया। हालाँकि, कांस्य पदक के लिए भारतीय हॉकी टीम की उम्मीदें अब भी बची हुई हैं।
भारतीय हॉकी टीम का मुकाबला टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में बेल्जियम के साथ हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर के जानकारी दी कि वो भी इस मैच को देख रहे हैं। पूरे देश की नजरें इस मैच पर टिकी हुई थीं। जहाँ दूसरे क्वार्टर के बाद मैच 2-2 की बराबरी पर था, वहीं तीसरा क्वार्टर बिना गोल के ही रहा। उससे पहले भारत ने 2-1 की बढ़त बनाई हुई थी। मैच का फैसला अंतिम क्वार्टर में हुआ।
हालाँकि, इस मैच में भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और शुरू में ही एक पेनल्टी कॉर्नर में बेल्जियम ने गोल कर दिया। लुइक लुइपेर्ट ने बेल्जियम के लिए पहला गोल किया। ये मैच का भी पहला गोल था। हालाँकि, लगभग 9 मिनट बाद हरमनप्रीत सिंह ने एक ड्रैग फ्लिकर के जरिए गोल स्कोर किया। इसके 2 मिनट बाद अमित रोहिदास ने सर्कल के भीतर मनदीप सिंह को बॉल पास किया। इसके बाद मनदीप सिंह ने गोल कर के भारत को लीड दिलाई।
लेकिन, दूसरे क्वार्टर में बेल्जियम ने मजबूती से वापसी की। उन्हें कुछ ही मिनटों में 4 पेनल्टी कॉर्नर मिल गए। हेंड्रिक्स ने इस टोक्यो ओलंपिक टूर्नामेंट में अपना 12वाँ गोल किया और मुकाबला बराबरी पर आ गया। हेंड्रिक्स इस मैच में पूरी लय में नजर आए। अंतिम क्वार्टर में भी उन्होंने एक गोल दाग कर बेल्जियम को लीड दिलाई, जिसके बाद मुकाबला 3-2 से बेल्जियम के पक्ष में हो गया। ये इस टूर्नामेंट में हेंड्रिक्स का 13वाँ गोल था।
Don’t feel bad boys, you have already made India proud. You can still come back with Olympic medal. Give your best for the bronze medal match 👍#Cheer4India 🇮🇳 https://t.co/NiBChp0NZD
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) August 3, 2021
एलेक्जेंडर हेंड्रिक्स यहीं नहीं रुके। उन्होंने अंतिम 8 मिनट में एक और गोल किया, जो इस टूर्नामेंट में उनका 14वाँ गोल था और इस मैच में बेल्जियम का चौथा। इसके बाद भारत 4-2 से पीछे हो गया। बेल्जियम ने इसके बाद 5वाँ गोल किया।
याद दिला दें कि भारतीय पुरुष हॉकी एएम ने ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हरा कर टोक्यो ओलंपिक सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। दिलप्रीत सिंह, गुरजंत सिंह और हार्दिक सिंह ने क्वार्टरफाइनल मैच में 3 गोल किए थे। पिछले 41 वर्षों में देश को इस तरह का मौका देखने को नहीं मिला था। फाइनल में जगह बनाने के लिए हमें बेल्जियम को हराना ज़रूरी था, जो नहीं हो पाया। 1972 के बाद भारतीय टीम पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल खेली।