केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने मंगलवार (जून 1, 2021) को किसानों के लिए डिजिटल इकोसिस्टम विकसित करने की ओर बढ़ने और कृषि में तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 4 कंपनियों के साथ करार किया, जिनमें योग गुरु बाबा रामदेव से जुड़ी ‘पतंजलि ऑर्गेनिक रिसर्च इंस्टिट्यूट’ और बहुराष्ट्रीय कंपनी ‘अमेज़न वेब सर्विसेज (AWS)’ भी शामिल है। कृषि क्षेत्र में इन कंपनियों की सेवाएँ ली जाएँगी।
इन प्राइवेट कंपनियों को कृषि क्षेत्र में काम करने के लिए अपने साथ लाने के पीछे केंद्र सरकार का उद्देश्य ये है कि किसानों के लिए एक सेन्ट्रलाइज्ड डेटाबेस तैयार किया जाए और इस पर आधारित सेवाओं को बढ़ावा देकर कृषि क्षेत्र को डिजिटल बनाया जाए। इस डेटाबेस में किसानों की जमीनों से जुड़े रिकॉर्ड्स रखे जाएँगे और उन्हें एक यूनिक आईडी दी जाएगी। 4 कंपनियों के साथ MoU पर हस्ताक्षर हुए।
अगले एक साल के भीतर इस ‘किसान डेटाबेस’ के प्रयोग का काम शुरू हो जाएगा। इसी तरह अप्रैल 2021 में भी केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ करार किया था, ताकि फसल कि कटाई के बाद प्रबंधन और डिस्ट्रीब्यूशन के लिए एक ‘किसान इंटरफेस’ का निर्माण किया जाए। इस तरह पायलट प्रोजेक्ट्स में प्राइवेट कंपनियों को जोड़ा जा रहा है। ताज़ा मौके पर केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र को साथ लेकर ही डिजिटल व आत्मनिर्भर भारत का स्वप्न पूरा होगा।
I participated in video conferencing of the signing of MoU between the Ministry of Agriculture and Farmers Welfare with (i) Patanjali Organic Research Institute, (ii) Amazon Web Services, (iii) ESRI India Pvt. Ltd and (iv) Agribazaar India Pvt Ltd from Delhi residence. (Part-1) pic.twitter.com/a2toaDJDgC
— Parshottam Rupala (@PRupala) June 1, 2021
इन 4 कंपनियों में ‘ESRI इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘एग्रीबाजार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ भी शामिल है। एग्रीबाजार उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में इस पायलट प्रोजेक्ट का हिस्सा बनेगा। वहीं ‘पतंजलि ऑर्गेनिक रिसर्च इंस्टिट्यूट’ डिजिटल व तकनीकी रूप से कृषि प्रबंधन में सहयोग करेगा और उत्तराखंड के हरिद्वार, उत्तर प्रदेश के हमीरपुर और मध्य प्रदेश के मुरैना में किसानों की मदद करेगा। इसी तरह ESIR ‘नैशनल एग्रीकल्चर जियो हब’ के निर्माण में सहायता करेगा।
अमेजन डिजिटल एग्रीकल्चर के लिए कंटेन्ट बनाएगा और इनोवेशन इकोसिस्टम को बढ़ावा देने का काम करेगा। कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने इसका खाका तैयार किया है। डिजिटल एग्रीकल्चर के लिए पिछले साल केंद्र सरकार ने उनकी अध्यक्षता में एक विशेषज्ञों की समिति का गठन भी किया था। किसानों के डेटाबेस में उनके लिए बनाई गई योजनाओं, इसका लाभ लेने कि पात्रता से लेकर सारे रिकॉर्ड्स मेंटेन किए जाएँगे।
बताते चलें कि मेडिकल लॉबी के खिलाफ आवाज़ उठाने के कारण बाबा रामदेव विवादों में हैं और अस्पतालों के सहारे ईसाई मिशनरी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कोरोना महामारी को माध्यम बनाने वाले JA जयलाल की अध्यक्षता वाला IMA उनके पीछे पड़ा हुआ है। बाबा रामदेव को 1000 करोड़ रुपए की मानहानि का लीगल नोटिस भी भेजा गया। संस्था ने उनके द्वारा पूछे गए 25 सवालों के अब तक जवाब नहीं दिए हैं।