भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को एक सट्टेबाज ने फोन किया था। सट्टेबाज द्वारा संपर्क किए जाने के तुरंत बाद सिराज ने इसकी जानकारी बीसीसीआई के भष्टाचार निरोधक ईकाई (ACU) को दी थी। सट्टेबाज ने सिराज से संपर्क कर भारतीय टीम की अंदरूनी जानकारी माँगी थी। पता चला है कि यह शख्स क्रिकेट मैचों पर पैसा लगाता है। काफी रुपए हार जाने के बाद उसने सिराज से संपर्क किया था।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक घटना IPL 2023 शुरू होने से कुछ दिन पहले की है। मोहम्मद सिराज ने बीसीसीआई के एसीयू को जानकारी दी कि भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज के दौरान उसके पास एक अंजान शख्स का व्हाट्सअप मैसेज आया था। शख्स सिराज से टीम की अंदरूनी जानकारी हासिल करना चाहता था। इसके बदले उसने सिराज को मोटी रकम की पेशकश भी की थी। सिराज ने बोर्ड के एसीयू में इसकी सूचना दे दी। जानकारी अब सामने आई है।
India pacer Mohammed Siraj has reported to BCCI's Anti-Corruption Unit (ACU) about a man who had approached him for gaining inside information during the ODI series between India-Australia in March this year. He immediately reported the matter to Anti-Corruption Unit officials of…
— ANI (@ANI) April 19, 2023
मोहम्मद सिराज द्वारा दिए गए विवरण के आधार पर बोर्ड ने अपने स्तर पर मामले की जाँच की। बोर्ड के सूत्रों के अनुसार, फोन करने वाला शख्स हैदराबाद का रहने वाला है जो पेशे से ड्राइवर है। वह कोई बड़ा सट्टेबाज नहीं है, लेकिन मैचों पर पैसा लगाया करता है। ड्राइवर ने इसी आदत की वजह से काफी पैसा गँवा दिया था, जिसके बाद उसने सिराज से अंदरूनी जानकारी प्राप्त करने के लिए संपर्क किया था। सिराज की सूचना के आधार पर ड्राइवर को पकड़ लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है।
भारतीय टीम ने फरवरी-मार्च 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 टेस्ट और 3 वनडे मैचों की सीरीज खेली थी।
बता दें कि टीम इंडिया के तेज गेंदबाज रहे एस श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजीत चंदीला जैसे गेंदबाज आईपीएल सीजन 2013 में स्पॉट फिक्सिंग के दोषी पाए गए थे। इसके बाद तीनों खिलाड़ियों पर लाइफटाइम बैन लगा दिया गया था। हालाँकि, बाद में एस श्रीसंत और अजीत चंडीला की सज़ा लाइफटाइम बैन को घटाकर 7 साल कर दी गई थी। साल 2013 में ही ‘चेन्नई सुपर किंग्स (CSK)’ टीम के साथ जुड़े गुरुनाथ मय्यप्पन को भी सट्टेबाजों के साथ संबंधों के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
इन घटनाओं के बाद से बीसीसीआई ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान तेज कर दिया। सभी खिलाड़ियों के लिए एक एसीयू वर्कशॉप अनिवार्य कर दिया गया है।
बीसीसीआई की तरफ से खिलाड़ियों को निर्देश दिया गया है कि यदि सट्टेबाज उनसे संपर्क करें तो इसकी जानकारी ACU को देनी है। ऐसा न करने पर खिलाड़ी को सज़ा दी जा सकती है। साल 2019 में भष्टाचार से जुड़ी शिकायत न करने पर बांग्लादेश के क्रिकेटर शाकिब-अल-हसन को 2019 में निलंबित कर दिया गया था। उन्होंने 2018 के शुरुआत में एक त्रिकोणीय श्रृंखला के दौरान शख्स द्वारा संपर्क किए जाने की जानकारी साझा नहीं की थी।