इंस्टाग्राम के प्रमुख एडम मोसेरी (Adam Mosseri, the head of Instagram) ने स्वीकारा है कि फेसबुक एक न्यूट्रल प्लेटफॉर्म बिलकुल भी नहीं है और उसके अपने राजनीतिक झुकाव हैं। मोसेरी ने यह बयान उस समय दिया है, जब विश्व भर में फेसबुक समेत अन्य प्लेटफॉर्मों की डोनॉल्ड ट्रंप का अकॉउंट हटाने के लिए आलोचना की जा रही है। दिलचस्प यह है कि खुद इंस्टाग्राम का स्वामित्व भी फेसबुक के पास है।
इंस्टाग्राम के प्रमुख का कहना है, “हम तटस्थ नहीं हैं। कोई भी मंच तटस्थ नहीं है। हम सभी के मूल्य (वैल्यू) हैं और वे मूल्य हमारे निर्णयों को प्रभावित करते हैं। हम अराजनैतिक होने का प्रयास करते हैं, लेकिन यह बहुत मुश्किल है, विशेष रूप से अमेरिका में जहाँ लोग अधिक से अधिक ध्रुवीकृत हैं।”
बता दें कि मोसेरी ने इस बात को फेसबुक के वाइस प्रेसीडेंट के ट्वीट पर कहा है। जिसमें निक क्लेग (फेसबुक के उपाध्यक्ष) ने खुशी जाहिर की थी कि नागरिक अधिकारों के अटॉर्नी रॉय एल ऑस्टिन जूनियर को कंपनी में नागरिक अधिकारों के पहले उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। ऑस्टिन के बारे में मालूम हो कि वह पहले ओबामा प्रशासन में काम कर चुके हैं और उन्हें ही लेकर क्लेग ने कहा कि ऑस्टिन फेसबुक की नई नागरिक अधिकार टीम स्थापित करेंगे।
गौरतलब है कि फेसबुक के राजनीतिक झुकाव को लेकर इंस्टाग्राम प्रमुख की यह स्वीकृति उस समय आई है, जब कई टेक कंपनियों द्वारा डोनाल्ड ट्रंप और उनके समर्थकों के अकॉउंट सेंसर किए जा रहे हैं। यहाँ तक एप्पल, गूगल, अमेजॉन सबने मिल कर डोनॉल्ड ट्रंप के कारण parler नाम की एप को भी बंद करवा दिया, क्योंकि उन्होंने डोनॉल्ड ट्रंप को अपना पक्ष रखने की जगह दी थी।
आज स्थिति ये है कि ये सभी टेक दुनिया के महारथी इस बात को साबित करने में जुटे हुए हैं कि आखिर कैपिटल हिल में जो भी दंगे देखने को मिले, उसके लिए इस तरह की सेंसरशिप की आवश्कता थी। लेकिन अब एडम मोसेरी ने राजनीतिक झुकाव की बात को स्वीकार करके इस बात को साबित कर दिया है कि राजनीतिक मतभेद इस फैसले की वजह थे।
आज हम देखें तो इन प्लेटफॉर्मों ने कभी उस वामपंथी भीड़ पर अपनी नहीं कार्रवाई नहीं की, जिन्होंने अपनी मतलब के लिए मामले को तूल दिया और डेमोक्रेट पार्टी भीड़ को उकसा कर दंगों को उचित ठहराया।