सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने एक बार फिर से अपना हिन्दू विरोधी रवैया दिखाया है। यूँ तो इस्लाम की आलोचना वाले कंटेंट्स को हाईड करना उसका पुराना पेशा रहा है लेकिन इस बार फेसबुक ने एक बड़े पेज ‘Ex Muslim Tv’ को सिर्फ इसलिए प्रतिबंधित कर दिया क्योंकि वो पूर्व-मुस्लिमों (ऐसे लोग जो इस्लाम धर्म को छोड़ चुके हैं) के अनुभवों को शेयर करता था। फेसबुक ने इसे इस्लाम-विरोधी मानते हुए बैन कर दिया। उस पेज पर कुछ भी आपत्तिजनक या अश्लील शेयर नहीं किया गया था।
फेसबुक द्वारा बैन किए गए इस पेज का नाम ‘Ex Muslim Tv’ था, जिस पर कई पूर्व-मुस्लिमों के वीडियो अपलोड किए जाते थे। उन वीडियोज में वो लोग मुस्लिम रहने के दौरान अपने ऊपर हुए अत्याचारों की बात करते थे। लेकिन, फेसबुक का मानना है कि ये सब इस्लाम विरोधी है और उसके मंच पर ऐसा नहीं किया जा सकता। इन वीडियोज में लोग मजहब के कारण आई दिक्कतों की भी बात करते थे।
फेसबुक ने ‘Ex Muslim Tv’ के पेज को बताया कि उसके दो वीडियो हिंसक और भड़काऊ कंटेंट्स संबंधी मामले में उसके नियम-कायदे का उल्लंघन करते हैं। यानी, पूर्व-मुस्लिमों द्वारा शेयर किए गए अनुभव को फेसबुक ने हिंसक और भड़काऊ की कैटेगिरी में डाल दिया। फेसबुक ने लिखा कि वो ऐसे किसी भी कंटेंट की अनुमति नहीं दे सकता, जिससे शारीरिक हानि होने या फिर सार्वजनिक सुरक्षा को ख़तरा पैदा होने की सम्भावना हो।
फेसबुक ने ‘Ex Muslim Tv’ पर आरोप लगाया है कि उसके कंटेंट्स से लोगों को शारीरिक और आर्थिक नुकसान पहुँचने की आशंका है। साथ ही इसे अपने ‘कम्युनिटी स्टैण्डर्ड’ के विरुद्ध बताते हुए फेसबुक ने न सिर्फ उन वीडियोज को हटा दिया बल्कि पेज को ही बैन कर डाला। फेसबुक ने अपने इस फैसले की समीक्षा की भी बात कही है लेकिन साथ ही चेताया है कि कोरोना वायरस आपदा के कारण वो ऐसा करने में अक्षम भी रह सकता है।
So, Facebook decided to remove https://t.co/PvaKWdQ9aA with no chance of appeal.
— ExMuslim TV (@ExMuslimTV) July 27, 2020
Dear cruel @Facebook,
Our primary purpose is HUMANITARIAN. Most exMuslims who appear here are/were in danger. They either speak to ask for help or to bring hope to others like them.
Pls reconsider. pic.twitter.com/d9MX0aQm9r
‘Ex Muslim Tv’ ट्विटर हैंडल पर इस सूचना को साझा करते हुए फेसबुक के व्यवहार से नाराजगी जताई। उसने आरोप लगाया कि बिना किसी अपील का मौका दिए बिना ही फेसबुक ने उसे बैन कर दिया। फेसबुक को क्रूर बताते हुए पेज ने कहा कि वो मानवता को प्राथमिकता देता है। पेज ने बताया कि अधिकतर पूर्व-मुस्लिम सिर्फ अपना दर्द बयाँ करते हैं, वो खतरे में हैं और उन्हें मदद की ज़रूरत है। आखिर इसमें गलत क्या है?
इससे पहले ऑपइंडिया के साथ भी ऐसी हरकतें की जा चुकी हैं, जब फेसबुक ने इस्लाम सम्बन्धी किसी कंटेंट को लेकर आपत्ति जताई थी। इसके अलावा इस्लाम-समर्थक लोगों की लॉबी कितनी तगड़ी हो सकती है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि ऑपइंडिया ने हलाल के विरोध में जब कई विचार प्रकाशित किए थे, तो इन लोगों ने विज्ञापन और फंडिंग रोकने के लिए स्पेशल कैंपेन चलाए थे। तब कई लोगों ने हमारे पेज को बैन करवाने के लिए बहुत सारे पोस्ट्स की जम कर रिपोर्टिंग की और फेसबुक के इस तथाकथित नियम-क़ानून का फायदा उठा कर हमें नुकसान पहुँचाना चाहा था।