Saturday, December 21, 2024
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112 अलगाववादी नेताओं के 210 बच्चे विदेश में जी रहे ऐशोआराम की ज़िंदगी, J&K के बच्चों को थमाते हैं पत्थर

सिर्फ हुर्रियत ही नहीं, दुख़्तरन-ए-मिल्लत, मुस्लिम लीग, डीपीएम, तहरीक ए हुर्रियत, वाहिदत ए इस्लामी, अमीर-ए-जमात के नेताओं ने भी घाटी के बच्चों के विपरीत अपने बच्चों के लिए यही 'रास्ता' अपनाया है।

जम्मू कश्मीर के अलगाववादी यूँ तो राज्य की कथित स्वतन्त्रता की वकालत करते हैं, आतंकियों की पैरवी करते हैं और विदेशों से करोड़ों रुपयों का चंदा इकट्ठा कर उसे भारत-विरोधी कार्य में लगाते हैं। लेकिन, क्या आप को पता है कि इन अलगाववादियों के बच्चे क्या कर रहे हैं? राज्य की जनता को बरगलाने वाले अलगावादी ख़ुद को उनका हितैषी दिखाते हैं लेकिन अपने बच्चों को विदेश में पढ़ाते हैं। राज्य की शिक्षा व्यवस्था से लेकर चुनावों तक में खलल डालने वाले अलगाववादी जनता को इन सबके ख़िलाफ़ भड़काते हैं लेकिन अपने बच्चों की उच्च शिक्षा सुनिश्चित करते हैं। आइए हम आपको इनकी सच्चाई बताते हैं।

अमर उजाला में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, 112 अलगाववादी नेताओं के 210 बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं। कश्मीर के बच्चों के हाथों में क़िताब की जगह पत्थर देकर उनका भविष्य बर्बाद करने वाले ये अलगावादी ख़ुद के बच्चों के भविष्य को लेकर काफ़ी सजग हैं। 4 हुर्रियत नेताओं के 21 पुत्र, पुत्रियाँ, बहनें और बहुएँ अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, इरान, तुर्की, मलेशिया और पाकिस्तान जैसे देशों में पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन यही अलगावादी राज्य के बच्चों का भविष्य अधर में लटका कर रखते हैं। उनके सभी परिजन विदेश में ऐशोआराम की ज़िंदगी जी रहे हैं।

दुख़्तरन-ए-मिल्लत की नेता आसिया अंद्राबी के बेटे ने मलेशिया में पढ़ाई की है और टेरर फंडिंग मामले में गिरफ़्तार ज़हूर वटाली ने उसका पूरा ख़र्च वहन किया था। एनआईए ने इस मामले में अंद्राबी से पूछताछ की। अंद्राबी ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि वह और उनका संगठन विदेश से रुपए जुटाता है और फिर कश्मीर में महिलाओं द्वारा प्रदर्शन कराने के लिए इन रुपयों का इस्तेमाल किया जाता है। हुर्रियत के पुराने नेता सैयद अली शाह गिलानी के बेटे ने पाकिस्तान से एमबीबीएस की पढ़ाई की है। इसी तरह कश्मीर की मस्जिदों में धमक रखने वाले अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फ़ारूक़ की बहन राबिया फ़ारूक़ भी डॉक्टर है और अमेरिका में रहती है।

इसी तरह एक अन्य कश्मीरी नेता बिलाल लोन का तो पूरा खानदान ही विदेश में रहता है। जहाँ उनकी बेटी-दामाद लंदन में रहते हैं, उनकी छोटी बेटी ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रही है। मुस्लिम लीग के मोहम्मद यूसुफ मीर और फारूक गतपुरी की बेटियाँ पाकिस्तान में हैं और वहीं पर मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। इन अलगावादियों को पाकिस्तान से फंडिंग भी मिलती रही है, जिस सिलसिले में एनआईए जाँच कर रही है। डीपीएम नेता ख्वाजा फिरदौस वानी का बेटा भी पाकिस्तान में ही रहता है और वह भी मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। तहरीक ए हुर्रियत के अशरफ लाया की बेटी भी पाकिस्तान से ही मेडिकल की पढ़ाई कर रही है।

वाहिदत ए इस्लानी के निसार हुसैन राथर ने अपने बेटे-बेटी को ईरान भेजा हुआ है। तहरीक ए हुर्रियत के अध्यक्ष अशरफ सेहराई के तो दोनों ही बेटे सऊदी अरब में रह रहे हैं और वहाँ ऐशोआराम की ज़िंदगी जी रहे हैं। अमीर-ए-जमात के जीएम भट्ट का बेटा भी सऊदी में ही रहता है और वह डॉक्टर है। डीपीएम के मोहम्मद शफी रेशी का बेटा अमेरिका में पीएचडी की पढ़ाई कर रहा है। जबकि जहूर गिलानी का बेटा सऊदी अरब में रहता है और सऊदी एयरलाइंस में काम कर रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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