भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य रहे राजनाथ सिंह सूर्य का आज सुबह निधन हो गया। 84 वर्षीय राजनाथ सिंह ने गोमतीनगर के पत्रकारपुरम स्थित अपने निवास स्थान पर अंतिम साँस ली। वो पिछले काफ़ी समय से शरीर में कंपन की दिक्कत झेल रहे थे। प्रख्यात चिंतक और विचारक के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले राजनाथ सिंह सूर्य के निधन की सूचना पाते ही उनके आवास पर पत्रकार और राजनेताओं के पहुँचने का सिलसिला शुरू हो गया। ख़बर के अनुसार, काफ़ी समय पहले ही उन्होंने मेडिकल कॉलेज को अपनी देहदान की घोषणा कर दी थी। अब उनका पार्थिव शरीर किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ में रखा जाएगा।
https://platform.twitter.com/widgets.jsआज वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व राज्य सभा सांसद श्री राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ जी के निधन पर उनके आवास पत्रकारपुरम गोमतीनगर, लखनऊ पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और ईश्वर से प्रार्थना की कि उनकी आत्मा को वे अपने श्रीचरणों में स्थान दें। pic.twitter.com/76oEYq0j4X
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 13, 2019
उनके देहांत पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ ने हमेशा जन सरोकारों को प्राथमिकता दी। उन्होंने अपनी कलम के ज़रिए जनहित और समाज हित से जुड़े मुद्दों को निर्भिकता और निष्पक्षता के साथ व्यक्त किया। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के अलावा उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों समेत कई नेताओं ने उन्हें अंतिम विदाई दी।
वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व राज्य सभा सांसद श्री राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ जी के निधन की खबर सुनकर दुःख हुआ।
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उन्होंने सदैव समाज से जुड़ें मुद्दों को निर्भीकता और निष्पक्षता से व्यक्त किया।
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें शोक संतप्त परिजनों को इस दुःख से उबरने के लिए संबल दें।
ॐ शांति।
दिवंगत राजनाथ सिंह सूर्य ने पत्रकार के तौर पर कई समाचार पत्रों में काम किया था। इसके अलावा, वो एक समाचार पत्र के संपादक के रूप में भी काम कर चुके हैं। उनकी पहचान एक स्तंभकार के रूप में भी विख्यात थी। पत्रकारिता जगत में उनकी भरपाई करना बेहद कठिन है।
राजनाथ सिंह सूर्य का जन्म 03 मई 1937 को अयोध्या से छ: किलोमीटर दूर जनवौरा गाँव में एक किसान के घर हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा आर्यसमाज के विद्यालय से हुई थी। वो बचपन में वो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे। अपनी राजनीतिक सोच और वैचारिक स्पष्टता के चलते वो राजनीति और पत्रकारिता दोनों क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाने में सफल रहे।