Tuesday, November 19, 2024
Homeविविध विषयअन्यनॉमर्ल वायरल नहीं है यह सिर दर्द, बुखार और थकान: कोरोना की तरह फैल...

नॉमर्ल वायरल नहीं है यह सिर दर्द, बुखार और थकान: कोरोना की तरह फैल रहा H3N2 वायरस, जानें लक्षण और इलाज

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के मुताबिक, संक्रमण के लक्षण पाँच से सात दिनों तक बने रह सकते हैं। एच3एन2 से होने वाला बुखार तीन दिनों में उतर जाता है, लेकिन खाँसी के लक्षण तीन हफ्ते तक बने रह सकते हैं। इसके लक्षण सीजनल कोल्ड और कफ की तरह होते हैं।

पूरी दुनिया में कोरोना वायरस (Corona) का खतरा अभी टला नहीं है। इस बीच H3N2 वायरस (H3N2 Virus) ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। उत्तर भारत सहित देश के कई हिस्सों में H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। मरीजों में लंबे समय तक खाँसी, साँस फूलने, बुखार, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के मुताबिक, संक्रमण के लक्षण पाँच से सात दिनों तक बने रह सकते हैं। एच3एन2 से होने वाला बुखार तीन दिनों में उतर जाता है, लेकिन खाँसी के लक्षण तीन हफ्ते तक बने रह सकते हैं। इसके लक्षण सीजनल कोल्ड और कफ की तरह होते हैं।

वहीं, मैक्स हेल्थ केयर के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर डॉ संदीप बुद्धिराजा के अनुसार, इन्फ्लूएंजा वायरस के लक्षण फ्लू के मौसम के दौरान पिछले वर्षों की तुलना में थोड़े अलग और ज्यादा गंभीर हैं। कई मरीज लगातार शिकायत कर रहे हैं कि जो खाँसी फ्लू के ठीक होने के बाद पहले 2-4 दिन में ठीक हो जाती थी। उसे ठीक होने में अब हफ्तों लग रहे हैं।

संदीप बुद्धिराजा ने बताया, “आमतौर पर हमें उत्तर भारत में फरवरी और मार्च के महीने में फ्लू के मामले देखने को नहीं मिलते हैं। लेकिन इस साल फरवरी और मार्च में मरीजों की संख्या बढ़ी है। यह वायरस किसी खास तरह के रिएक्शन व सूजन को जन्म दे रहा है। कभी-कभी तो यह फेफेड़ों पर भी प्रभाव डाल रहा है।”

इसे लेकर एम्स के पूर्व डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा, “वर्तमान में इन्फ्लूएंजा के मामले काफी बढ़े हैं। H3N2 भी कोविड की तरह फैल रहा है। इससे बचाव की जरूरत है। खासकर बुजुर्गों को सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा वायरस के केस इन दिनों हर साल देखने को मिलते हैं। यह ऐसा वायरस है, जो समय के साथ उत्परिवर्तित होता है, जिसे हम एंटीजेनिक ड्रिफ्ट कहते हैं।”

H3N2 वायरस क्या है?

H3N2 वायरस एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है। इसे इन्फ्लूएंजा A वायरस कहा जाता है। H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस गले में खराश, खाँसी, शरीर में दर्द और नाक बहने के साथ बुखार के रूप में होता है। ये वायरस आमतौर पर हर सर्दी या फ्लू के मौसम में बीमारी का कारण बनते हैं। इंसानों को संक्रमित करने वाले इन्फ्लूएंजा वायरस तीन तरह के होते हैं। ए, बी और सी। टाइप-ए इन्फ्लूएंजा अत्यधिक संक्रामक होता है, जो बीमारी को तेजी से फैलाता है और महामारी की वजह बनता है।

H3N2 वायरस के लक्षण क्या हैं?

H3N2 वायरस के लक्षणों में खाँसी, नाक बहना या नाक बंद होना, गले में खराश, सिरदर्द, शरीर में दर्द, बुखार, ठंड लगना, थकान, दस्त, उल्टी और साँस फूलना शामिल हैं।

H3N2 वायरस से बचने के लिए क्या सावधानियाँ बरतें

किसी भी प्रकार के वायरल संक्रमण से बचने के लिए पहले टीका लगवाना जरूरी है। इसके अलावा अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन से धोते रहे। अपने आस-पास की जगह सेनिटाइज करें। बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचें। मास्क पहने। छींकते और खाँसते हुए अपने मुँह पर हाथ या फिर रुमाल जरूर रखें, ताकि किसी और को यह संक्रमण न हो।

H3N2 वायरस का इलाज क्या है?

H3N2 वायरस का उपचार काफी सरल है। इस दौरान लोगों को अधिक से अधिक तरल पदार्थ लेना चाहिए। खुद को हाइड्रेटेड रखना चाहिए। बुखार, खाँसी या सिरदर्द के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और समय पर दवाएँ लें।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मणिपुर में बिहार के लोगों से हफ्ता वसूली, हिंसा के लिए महिला ब्रिगेड: रिपोर्ट से कुकी संगठनों की साजिश उजागर, दंगाइयों को छुड़ाकर भी...

मणिपुर में हिंसा फैलाने के लम्बी चौड़ी साजिश रची गई थी। इसके लिए कुकी आतंकी संगठनों ने महिला ब्रिगेड तैयार की।

404 एकड़ जमीन, बसे हैं 600 हिंदू-ईसाई परिवार: उजाड़ना चाहता है वक्फ बोर्ड, जानिए क्या है केरल का मुनम्बम भूमि विवाद जिसे केंद्रीय मंत्री...

एर्नाकुलम जिले के मुनम्बम के तटीय क्षेत्र में वक्फ भूमि विवाद करीब 404 एकड़ जमीन का है। इस जमीन पर मुख्य रूप से लैटिन कैथोलिक समुदाय के ईसाई और पिछड़े वर्गों के हिंदू परिवार बसे हुए हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -