Friday, November 15, 2024
Homeदेश-समाज'सरकार' में नहीं थी पहचान, इसलिए नहीं बन पाया कप्तान: हरभजन सिंह बोले- धोनी...

‘सरकार’ में नहीं थी पहचान, इसलिए नहीं बन पाया कप्तान: हरभजन सिंह बोले- धोनी से मैंने शादी नहीं कर रखी…

"मेरे और धोनी के बीच में कभी भी ऐसा कुछ नहीं हुआ। मुझे धोनी से कोई शिकायत नहीं है। इन सभी सालों के दौरान हम बहुत अच्छे दोस्त रहे।"

दिग्गज आफ स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने हाल ही में क्रिकेट से संन्यास लिया है। डेढ़ दशक से लंबे अपने क्रिकेट करियर में उन्होंने 350 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेले, लेकिन उन्हें भारतीय टीम का नेतृत्व करने का मौका कभी नहीं मिला। अब एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में ‘पहचान’ नहीं होने की वजह से ही उन्हें कप्तानी नहीं मिली।

न्यूज 18 को दिए इंटरव्यू में कप्तानी को लेकर सवाल पूछे जाने पर हरभजन सिंह ने कहा, “हाँ, कोई कभी मेरी कप्तानी के बारे में सवाल नहीं करता। BCCI मेरी किसी ऐसे आदमी से पहचान नहीं थी जो कप्तानी के लिए मेरा नाम आगे कर सके। यदि आप बोर्ड में किसी पावरफुल सदस्य के फेवरेट नहीं हैं, तो आपको ऐसा सम्मान नहीं मिल सकता। लेकिन हमें अब इस बारे में बात नहीं करनी चाहिए। मुझे पता है कि मैं कप्तानी करने में सक्षम था। हमने कई कप्तानों की मदद की। मैं भारत का कप्तान होता या नहीं यह कोई बड़ी बात नहीं। मुझे कप्तान नहीं बनने का पछतावा नहीं है। एक खिलाड़ी के रूप में देश की सेवा करने में मुझे हमेशा खुशी मिली।”

इस इंटरव्यू के दौरान हरभजन ने यह भी बताया कि वे बीसीसीआई को ‘सरकार’ कहते हैं। उन्होंने कहा, “मुझे शिकायत BCCI की उस वक्त की सरकार से है। मैं BCCI को सरकार कहकर बुलाता हूँ। उस समय के चयनकर्ताओं ने अपनी भूमिका के साथ न्याय नहीं किया। मुझे यह समझ आया कि जब सीनियर खिलाड़ी अपना काम कर रहे थे, नतीजे दे रहे थे तो आप नए खिलाड़ियों को क्यों ला रहे? मैंने एक बार चयनकर्ताओं से इस बारे में बात भी की। उनका जवाब था कि यह उनके हाथ में नहीं है। मैंने उनसे कहा कि वे फिर चयनकर्ता किस लिए बने बैठे हैं।”

बकौल हरभजन सिंह, “2012 के बाद बहुत सारी चीजें बेहतर हो सकती थी। वीरेंद्र सहवाग, मैं, युवराज सिंह, गौतम गंभीर, हम सभी आईपीएल में खेल रहे थे और भारतीय टीम के लिए खेलते हुए संन्यास ले सकते थे। यह काफी अजीब है कि 2011 वर्ल्ड कप में टीम को जिताने वाले खिलाड़ी दोबारा एक साथ खेलते हुए नजर नहीं आ सके। उनमें से केवल कुछ ही खिलाड़ी 2015 के वर्ल्ड कप में साथ खेलते नजर आए। इसके पीछे का क्या कारण है?”

महेंद्र सिंह धोनी के साथ रिश्तों को ‘काफी अच्छा’ बताते हुए कहा कि उन्होंने उनसे शादी नहीं कर रखी है। अपने पूर्व कप्तान के साथ मनमुटाव की खबरों पर हरभजन सिंह ने कहा, “मेरे और धोनी के बीच में कभी भी ऐसा कुछ नहीं हुआ। मुझे धोनी से कोई शिकायत नहीं है। इन सभी सालों के दौरान हम बहुत अच्छे दोस्त रहे। अगर मुझे शिकायत है तो उस वक्त के बीसीसीआई से। उस वक्त जो भी सेलेक्टर थे उन्होंने अपना काम सही से नहीं किया। उन्होंने टीम को कभी भी एकजुट नहीं होने दिया।”

गौरतलब है कि टेस्ट क्रिकेट में 400 से अधिक विकेट झटकने वाले हरभजन सिंह भले भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी नहीं कर पाए, लेकिन आईपीएल में उन्हें मुंबई इंडियंस ने यह मौका दिया था। 2011 में उनके ही नेतृत्व में मुंबई इंडियस ने चैंपियंस लीग टी-20 टूर्नामेंट जीती थी। उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच 1998 में खेला था और आखिरी इंटरनेशनल मैच 2016 में खेला था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अंग्रेज अफसर ने इंस्पेक्टर सदरुद्दीन को दी चिट… 500 जनजातीय लोगों पर बरसने लगी गोलियाँ: जब जंगल बचाने को बलिदान हो गईं टुरिया की...

अंग्रेज अफसर ने इंस्पेक्टर सदरुद्दीन को चिट दी जिसमें लिखा था- टीच देम लेसन। इसके बाद जंगल बचाने को जुटे 500 जनजातीय लोगों पर फायरिंग शुरू हो गई।

कश्मीर को बनाया विवाद का मुद्दा, पाकिस्तान से PoK भी नहीं लेना चाहते थे नेहरू: अमेरिकी दस्तावेजों से खुलासा, अब 370 की वापसी चाहता...

प्रधानमंत्री नेहरू पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद सुलझाने के लिए पाक अधिकृत कश्मीर सौंपने को तैयार थे, यह खुलासा अमेरिकी दस्तावेज से हुआ है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -