आईसीसी टी-20 विश्वकप में बुधवार (12 जून 2024) को भारतीय क्रिकेट टीम का मुकाबला अमेरिकी क्रिकेट टीम से है। कागजों पर ये तो मुकाबला एकतरफा भारतीय टीम के पक्ष में लग रहा है, लेकिन अभी-अभी अमेरिकी टीम ने पाकिस्तानी टीम को जिस तरह से सुपर ओवर में हराया है, उसके बाद से इस अमेरिकी टीम का मनोबल भी काफी बढ़ चुका है। ऐसे में भारतीय टीम को इस अमेरिकी टीम से बचकर रहना होगा। इस अमेरिकी टीम में 2 ऐसे मुंबई कर शामिल हैं, जो भारत के लिए अंडर-19 वर्ल्ड कप खेल चुके हैं और वो अपने फन में माहिर माने जाते हैं। इनके नाम हैं सौरभ नेत्रावलकर और हरमीत सिंह।
सौरभ और हरमीत, दोनों ही भारत के लिए अंडर-19 वर्ल्डकप खेल चुके हैं। सौरभ नेत्रावलकर 2010 के विश्वकप में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले बॉलर रहे थे, तो 2012 में हरमीत सिंह वाली भारतीय टीम चैंपियन बनी थी। हरमीत ने फाइनल में भले ही कोई विकेट नहीं लिया था, लेकिन कैमरन बैनक्रॉफ्ट, ट्रेविस हेड, एस्टन टर्नर जैसे विस्फोटक बल्लेबाजों को पूरी तरह से बाँधकर रखा था और 10 ओवरों में 1 मेडन ओवर फेंकते हुए महज 36 रन दिए थे। उन्मुक्त चंद उस भारतीय टीम के कप्तान थे, जो अभी अमेरिकी टीम की तरफ से खेलने की कोशिश कर रहे हैं। खैर, इन दोनों खिलाड़ियों के बारे में ऑपइंडिया पहले ही बता चुका है, लेकिन अब हम बता रहे हैं कि क्यों, मुंबई के इन दोनों खिलाड़ियों से टीम इंडिया को सावधान रहने की जरूरत है।
सबसे पहले बात सौरभ नेत्रावलकर की, जो बाएँ हाथ के मध्यम गति के बॉलर हैं और विकेट के दोनों तरफ गेंद को मूव कराने की क्षमता रखते हैं। यही नहीं, वो अपनी तेजी से भी परेशान करते हैं। स्विंग गेंदबाजी में माहिर सौरभ नेत्रावलकर अमेरिकी टीम के 3 साल तक कप्तान भी रहे हैं। खैर, अभी बात उनके उस कौशल की, जो रोहित शर्मा, विराट कोहली, सूर्य कुमार यादव जैसे बल्लेबाजों पर भारी पड़ सकता है। दरअसल, टीम इंडिया के टॉप बल्लेबाज हमेशा से बाएँ हाथ के तेज गेंदबाजों के खिलाफ परेशानी महसूस करते हैं। पिछले कुछ सालों में मिचेल स्टार्क, शाहीन शाह अफरीदी, ट्रेंट बोल्ट, मुस्तफिजुर रहमान जैसे गेंदबाजों ने इसे बार-बार साबित भी किया है। ऐसे में सौरभ से भारतीय टीम के टॉप ऑर्डर को बेहद खतरा हो सकता है।
सौरभ नेत्रावलकर ने पाकिस्तानी टीम के खिलाफ 4 ओवरों में महज 18 रन देकर 2 बल्लेबाजों को आउट किया था। सौरभ ने इंटरनेशनल मैचों में महज 48 वनडे मैचों में 73 विकेट लिए हैं, तो 29 टी-20 मैचों में 29 विकेट ले चुके हैं। दोनों ही फॉर्मेट में वो 5-5 विकेट लेने का भी कारनामा कर चुके हैं। ऐसे में सौरभ नेत्रावलकर से अमेरिकी टीम उसी तरह की गेंदबाजी की आस एक बार फिर से करेगी।
वहीं, हरमीत सिंह ऐसे फन में माहिर हैं, जो दाएँ हाथ के बल्लेबाजों के लिए दिक्कतें खड़ी करता है। वैसे, भारत-पाकिस्तान के मैच में भारतीय टीम ने जिस स्पिनर शादाब के सामने लगभग समर्पण कर दिया था, हरमीत सिंह भी वैसे ही बॉलर हैं। लेकिन हरमीत सिंह शादाब खान से कहीं बेहतर और दिलेर बॉलर हैं। हरमीत सिंह बाएँ हाथ से स्पिन बॉलिंग करते हैं, जो विराट कोहली, रोहित शर्मा जैसे भारतीय बल्लेबाजों के लिए हमेशा से पहेली रहा है। विराट कोहली बीते आईपीएल में भी बाएँ हाथ के स्पिनर्स के सामने संघर्ष करते रहे हैं, यही वजह है कि सनराइजर्स हैदराबाद ने अभिषेक शर्मा जैसे पार्टटाइम बॉलर को भी विराट कोहली के सामने उतारने में कोई झिझक नहीं दिखाई, फिर यहाँ तो हरमीत सिंह हैं, जिनमें दिलीप सरदेसाई जैसे महान खिलाड़ी को बिशन सिंह बेदी जैसे महान स्पिनर की झलक दिखती थी।
आँकड़ों की बात करें, तो हरमीत सिंह भले ही 8 इंटरनेशनल टी-20 मैचों में महज 7 विकेट ले पाए हों, लेकिन उनकी इकॉनमी शानदार रही है। उन्होंने महज 6.72 की इकॉनमी से ही रह दिए हैं। एक बार 4 विकेट भी ले चुके हैं। उनकी बॉलिंग कितनी बेहतरीन है, इसे पाकिस्तान के मैच से ही समझ सकते हैं, जिसमें उन्होंने भले ही किसी पाकिस्तानी बैट्समैन को आउट न किया हो, लेकिन उनके 4 ओवरों में 34 रन ही बने थे। वहीं, कनाडा के खिलाफ हरमीत ने 4 ओवरों में महज 27 रन देकर एक विकेट निकाला था, वो भी तक, जब कनाडा की टीम ने 194 रन बना दिए थे। हालाँकि फर्स्ट क्लास क्रिकेट में हरमीत के नाम 31 मैचों में 87 विकेट दर्ज हैं, तो वो 1 शतक भी लगा चुके हैं। हरमीत की बल्लेबाजी पर अमेरिकी टीम को कितना भरोसा है, उसे इस बात से ही समझ लीजिए कि पाकिस्तान के खिलाफ हरमीत को सुपर ओवर में बल्लेबाजी के लिए उतारा गया था।
बता दें कि अमेरिकी टीम ने अब तक 2 मुकाबले विश्वकप में खेले हैं और दोनों में ही उसने बड़ी जीत दर्ज की है। अमेरिका ने कनाडा को इस विश्नकप के पहले ही मैच में 7 विकेट से हराया था। कनाडा ने अमेरिका के सामने 195 रनों का लक्ष्य रखा था, लेकिन अमेरिकी टीम ने 197 रन बना दिए, वो भी बिना विकेट खोए। वहीं, पाकिस्तानी टीम द्वारी 159 रन बनाने के बाद अमेरिकी टीम ने न सिर्फ मैच को टाई कराया, बल्कि सुपर ओवर में उसने पाकिस्तान को 5 रनों से हराकर टी-20 इंटरनेशनल क्रिकेट का सबसे बड़ा उलटफेर भी कर दिया था। ऐसे में भारतीय टीम को इस अमेरिकी टीम से बच कर रहने की जरूरत है, खास कर तब, जब उसके बाद बेहतरीन इंटरनेशनल क्रिकेटर हैं।