Saturday, December 21, 2024
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श्रमिक स्पेशल ट्रेन को लेकर हो रही कंफ्यूज़न को रेलवे ने किया दूर, जारी की ज़रूरी गाइडलाइन्स

सामान्य तौर पर, श्रमिक स्पेशल ट्रेन 500 किलोमीटर से अधिक की दूरी के लिए चलेंगी। ये ट्रेन गंतव्य से पहले बीच में किसी स्टेशन पर नहीं रुकेंगी। पूरी लंबाई वाली ट्रेन में यात्री सोशल डिस्टेंस के नियम का पालन करते हुए बैठेंगे और बीच वाली सीट पर कोई नहीं बैठेगा। इस तरह की प्रत्येक ट्रेन लगभग 1,200 यात्रियों को ले जा सकती है।

देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ा दिया गया है। जनता की माँग देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा देश के अलग-अलग हिस्सों में फँसे लोगों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला लिया गया है। सरकार की घोषणा के बाद बीते शुक्रवार (1 मई 2020) को पाँच और शनिवार (2 मई 2020) को 10 श्रमिक ट्रेन चलाए गए। साथ ही इसको लेकर विस्तृत गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है।

भारतीय रेलवे के मुताबिक, ये ट्रेनें केवल मजदूरों, श्रद्धालुओं, पर्यटकों, छात्रों और अन्य ऐसे लोगों के लिए हैं, जो अपने घर-गाँव से दूर लॉकडाउन के दौरान फँस गए हैं। इन ट्रेनों के बारे में कई तरह की खबरें सामने आ रही थीं। साथ ही सोशल मीडिया पर इसको लेकर कई तरह की अफवाहें भी फैल रहे है। जो लोगों में काफ़ी कंफ्यूज़न पैदा कर रहा था। लोगों के मन में चल रहे सवालों को मद्देनजर रखते हुए रेल मंत्रालय ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को लेकर रविवार को कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

बुकिंग को लेकर सवाल

रेलवे अधिकारियों ने बताया श्रमिक स्पेशल ट्रेन से जाने के लिए अपने राज्य के अधिकारियों से संपर्क करना होगा। आवेदन के बाद संबंधित अधिकारी के पास डेटा तैयार होगा।
अधिकारियों द्वारा तैयार किए गए लिस्ट को रेलवे को सौंपा जाएगा। जिसके आधार पर रेल में सफर करने की इजाजत दी जाएगी। अगर कोई बगैर आवेदन के या फिर ऐसा कोई व्यक्ति जिसका नाम लिस्ट में नहीं होगा और वह स्टेशन पहुँच जाता है, तब उसे सफर नहीं करने दिया जाएगा। इसलिए पुलिस प्रशासन से पहले जानकारी प्राप्त करने के बाद ही प्रवासी रेलवे स्टेशन पहुँचे।

टिकट को लेकर सवाल

रेल मंत्रालय का कहना है, कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन करने के लिए निर्देशित गंतव्य और राज्य द्वारा दी गई यात्रियों की संख्या के अनुसार ट्रेन टिकट की छपाई की जाएगी।

गंतव्य को लेकर सवाल

रेलवे अधिकारियों ने बताया, यह ट्रेन बीच में नहीं रुकेगी। प्रत्येक श्रमिक स्पेशल ट्रेन का केवल एक गंतव्य होगा। सामान्य तौर पर, श्रमिक स्पेशल ट्रेन 500 किलोमीटर से अधिक की दूरी के लिए चलेंगी। ये ट्रेन गंतव्य से पहले बीच में किसी स्टेशन पर नहीं रुकेंगी। पूरी लंबाई वाली ट्रेन में यात्री सोशल डिस्टेंस के नियम का पालन करते हुए बैठेंगे और बीच वाली सीट पर कोई नहीं बैठेगा। इस तरह की प्रत्येक ट्रेन लगभग 1,200 यात्रियों को ले जा सकती है।

खाने-पीने की व्यवस्था

गाइडलाइन्स के अनुसार जिस स्टेशन से ट्रेन चलेगी, वहाँ की राज्य सरकार की तरफ से यात्रियों को खाने के पैकेट और पानी मुहैया कराया जाएगा। यदि यात्रा 12 घंटे से अधिक के लिए होगी तो एक समय का खाना रेलवे की ओर से दिया जाएगा। साथ ही राज्य सरकारों के द्वारा यात्रियों को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।

यात्रा करने वाले प्रत्येक यात्रियों के लिए दिशा-निर्देश?

  • सभी यात्रियों का फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
  • 12 घंटे से अधिक लंबी यात्रा वाली ट्रेनों में एक समय का भोजन रेलवे द्वारा प्रदान किया जाएगा।
  • जहाँ से ट्रेन चलेगी, वहाँ प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि राज्य सरकार द्वारा यात्रा करने के लिए मंजूरी व टिकट मिलने के बाद ही यात्री ट्रेन पर यात्रा करें। यात्रियों को स्क्रीनिंग के बाद ट्रेन में बैठने दिया जाएगा।
  • गंतव्य पर पहुँचने के बाद राज्य सरकार के अधिकारी यात्रियों की अगवानी करेंगे और उनकी स्क्रीनिंग, जरूरी होने पर पृथक-वास और आगे की यात्रा से संबंधित सभी प्रबंध करेंगे।
  • रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा।
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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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