क्रिकेट एसोसिएशन घोटाले के मामले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री से प्रवर्तन निदेशालय की (ED) पूछताछ चल की है। यह मामला क्रिकेट एसोसिएशन को मिलने वाले फंड की अनियमितता से जुड़ा हुआ है। CBI के अनुसार, फ़ारूक अब्दुल्ला जब जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे, उस दौरान उन्होंने करोड़ो रुपए का गबन किया।
मीडिया रिपोर्ट के आरोप के अनुसार, 2002 से 2012 के बीच जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन को राज्य में खेल को बढ़ावा देने के लिए 113 करोड़ रूपए दिए गए थे, लेकिन इस फंड को खर्च नहीं किया गया। फारूक अब्दुल्ला पर आरोप है कि 113 करोड़ रूपए में से 43.69 करोड़ रूपए से ज़्यादा का गबन किया गया और इन रुपयों को खिलाड़ियों पर ख़र्च नहीं किया गया।
इस घोटले में फारूक अब्दुल्ला के अलावा क्रिकेट एसोसिएशन के तत्कालीन महासचिव मोहम्मद सलीम ख़ान, तत्कालीन कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा और जम्मू-कश्मीर बैंक का एक कर्मचारी बशीर अहमद मिसगर भी आरोपित हैं। इन सभी पर आपराधिक साज़िश और विश्वासघात का आरोप लगा है।
साल 2015 में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने इस केस की कमान CBI को सौंप दी थी। ऐसा करने के पीछे तर्क यह दिया गया था कि फारूक अब्दुल्ला का राज्य में काफ़ी दबदबा था और ऐसी संभावना थी कि राज्य पुलिस को इस मामले की जाँच में परेशानी हो सकती थी। इसी वजह से इस केस को CBI को सौंप दिया गया।
बता दें कि कोर्ट ने यह फ़ैसला माजिद याकूब डार और निस्सार अहमद ख़ान नाम के दो खिलाड़ियों द्वारा दायर की गई याचिका पर दिया है। वहीं, कोर्ट में फारूक अब्दुल्ला का कहना था कि उनकी राजनीतिक छवि को धूमिल करने के लिए इस तरह के झूठे आरोप लगाए गए हैंं।