जब राजमल मीणा ने 2014 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक गार्ड के रूप में क़दम रखा था, तब शायद उन्होंने भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन वह इसी यूनिवर्सिटी के छात्र होंगे। राजस्थान के करौली से आने वाले मीणा ने रशियन भाषा में बीए ऑनर्स कोर्स में दाखिले की परीक्षा पास की है। मीणा ने कहा, “जेएनयू की सबसे अच्छी बात यह है कि यहाँ लोग सामाजिक भेदभाव में विश्वास नहीं रखते। तैयारी के दौरान शिक्षकों से लेकर छात्रों तक, सभी ने मेरी हौसला अफजाई की और अब वे मुझे बधाई दे रहे हैं।“
मीणा ने कहा कि उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है, जैसे उन्हें रातोरात बहुत बड़ी ख्याति मिल गई हो। मीणा के पिता दिहाड़ी मजदूर हैं। उनकी शुरुआती शिक्षा-दीक्षा गाँव के स्कूल में ही हुई। लेकिन, बाद में पढ़ाई छोड़नी पड़ी। गाँव से कॉलेज की दूरी 28-30 किलोमीटर थी और उन्हें अपने पिता का हाथ बँटा कर घर-परिवार के लिए रुपए भी कमाने थे।
लेकिन मीणा ने हार नहीं मानी। पिछले वर्ष उन्होंने डिस्टेंस एजुकेशन के द्वारा राजस्थान यूनिवर्सिटी से राजनीतिक विज्ञान, इतिहास और हिंदी में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। जेएनयू के कुलपति एम जगदीश ने कहा कि संस्थान ने हमेशा अलग-अलग सामाजिक परिवेश से आने वाले छात्रों का हौसला बढ़ाया है।
मीणा अभी मुनिरका में किराए पर रहते हैं। वो शादीशुदा हैं और उनकी 3 बेटियाँ भी हैं। मीणा मानते हैं कि परिवार की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने में वह ख़ासे व्यस्त रहे, लेकिन उनके मन में कहीं न कहीं नियमित शिक्षा के लिए किसी कॉलेज में एडमिशन न ले पाने का दुःख ज़रूर था। उन्होंने जब जेएनयू के शैक्षिक वातावरण को देखा, तब उनकी यह इच्छा फिर से जाग उठी। वह अपनी ड्यूटी के दौरान व उसके बाद प्रवेश परीक्षा की तैयारी करते थे।
My heartiest Congratulations to Karauli #Rajasthan‘s, Ramjal Meena for clearing the #JNU entrance examination for admission into BA Russian (Hons), while working as a security guard in the same University. https://t.co/mg02pmcg47
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 16, 2019
मीणा अपने फोन में ही रोज़ अखबार पढ़ा करते थे और जेएनयू के छात्र भी पीडीएफ नोट्स देकर उनका सहयोग करते थे। विदेशी भाषा पढ़कर मीणा का विदेश घूमने का सपना है। वह सिविल सर्विसेज की भी तैयारी करना चाहते हैं। लेकिन, रुपयों को लेकर उनकी चिंता बनी हुई है। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी घर की वित्तीय ज़रूरतों को लेकर चिंतित रहती है। जेएनयू में नौकरी करते हुए नियमित शिक्षा पाना कठिन है, इसीलिए उन्होंने नाइट शिफ्ट दिए जाने की माँग की है। फिलहाल उन्हें 15,000 रुपए प्रति महीने मिलते हैं।
JNU: ‘गार्ड भईया’ से छात्र बनने तक की पूरी कहानी https://t.co/qYkDzwhHBB
— Asiaville Hindi (@HindiAsiaville) July 15, 2019
जेएनयू के मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि नियमित शिक्षा के साथ जेएनयू में नाइट शिफ्ट में नौकरी कर पाना संभव नहीं है, लेकिन उन्हें मीणा पर गर्व है और उन्हें हरसंभव सहयोग दिया जाएगा। मीणा ने बताया कि फरवरी 2016 में हुए प्रकरण (जेएनयू नारेबाजी प्रकरण) के कारण कुछ लोगों ने अपने मन में इस संस्थान को लेकर ग़लत छवि बना ली है, लेकिन आज हर क्षेत्र में कई बड़े पदों पर जेएनयू से पढ़े लोग हैं। उन्होंने कहा कि वे भी यहाँ से पढ़ कर कुछ बड़ा हासिल करना चाहते हैं।