Sunday, September 15, 2024
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इस्लामी नाम वाले आतंकियों ने विमान अगवा किया, फिर वेब सीरिज में क्यों दिखाया शंकर-भोला? ‘आईसी 814: द कंधार हाईजैक’ के आतंकियों के हिंदू नाम पर विवाद

सीरीज में दिखाया गया है कि आतंकियों ने हाईजैक के दौरान अपने असली नामों की जगह कोड वर्ड्स का इस्तेमाल किया था।जैसे इब्राहिम अतहर के लिए 'चीफ', शाहिद अख्तर सईद के लिए 'डॉक्टर', सनी अहमद के लिए 'बर्गर', मिस्त्री जहूर इब्राहिम के लिए 'भोला' और शकीर के लिए 'शंकर' नाम का कोड वर्ड रखा हुआ था।

नेटफ्लिक्स पर हाल में अनुभव सिन्हा के निर्देशन में बनी IC 814 नाम से एक सीरिज आई है। ये सीरिज 1999 में हुए कंधार हाईजैक घटना पर आधारित है। सीरिज में दिखाया गया कि कैसे भारत में बंद आतंकियों को छुड़ाने के लिए अन्य पाकिस्तानी आतंकियों ने एक प्लेन हाईजैक किया और यात्रियों को 7 दिन (24 दिसंबर 1999-31 दिसंबर 1999) तक बंधक बनाए रखा।

IC-814 को लेकर सोशल मीडिया पर उठ रहे सवाल

इस सीरिज को लेकर कुछ आपत्तियाँ सोशल मीडिया पर देखने को मिल रही हैं। लोगों का कहना है कि बॉलीवुड एक बार फिर से इतिहास को सही से दिखाने में विफल हुआ है।

लोगों की शिकायत है कि सिर्फ और सिर्फ सीरिज में संवाद के माध्यम से आतंकियों की छवि को सुधारने का काम हुआ है। लोग इस सीरिज के डायरेक्टर अनुभव सिन्हा को इस्लामी जिहादी, हिंदूफोबिक आदि कह रहे हैं।

बताया जा रहा है कि सीरिज में हाईजैकर्स का नाम भोला और शंकर इस्तेमाल करते हुए सिर्फ हिंदुओं को बदनाम करने का प्रयास किया गया इसलिए ऐसी फिल्में गटर में डाल देनी चाहिए।

अब सवाल है कि अगर एक इतिहास की घटना पर आधारित कोई सीरिज बनी है तो क्या वाकई उसमें इतनी बड़ी छेड़छाड़ हुई है कि हिंदुओं को बदनाम करने के लिए आतंकियों के हिंदू नाम रख दिए गए। तो पहले जानते हैं कि उन आतंकियों के असली नाम क्या थे जिन्होंने आईसी-814 को हाईजैक किया था।

किसने किया था IC-814 हाईजैक

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार साल 2000 में उन्होंने मुंबई से 4 आईएसआई ऑपरेटिव्स को गिरफ्तार किया था। इनके नाम मोहम्मद रेहान, मोहम्मद इकबाल, यासूफ नेपाली और और अब्दुल लतीफ थे। ये रावलपिंडी के आतंकी संगठन हरकत उल अंसार के आतंकी थे। इन्हें हिरासत में लेने के बाद खुलासा हुआ था कि कंधार हाईजैक ISI का ऑपरेशन था जोकि आतंकियों को छुड़ाने के लिए करवाया गया था। गृह मंत्रालय के डॉक्यूमेंट में साफ लिखा है कि प्लेन हाईजैक करने वालों के असली नाम इब्राहिम अतहर, शाहिद अख्तर सईद, गुलशन इकबाल, सनी अहमद काजी, मिस्त्री जहूर इब्राहिम और शाकिर थे।

क्या थे IC-814 को हाईजैक करने वालों के कोड नाम

हाँ, ये बात भी सही कि इन आतंकियों ने हाईजैक के दौरान अपने असली नामों की जगह कोड वर्ड्स का इस्तेमाल किया था और जो कोड वर्ड सीरिज में बताए गए हैं वो सही हैं। जैसे इब्राहिम अतहर के लिए ‘चीफ’, शाहिद अख्तर सईद के लिए ‘डॉक्टर’, सनी अहमद के लिए ‘बर्गर’, मिस्त्री जहूर इब्राहिम के लिए ‘भोला’ और शकीर के लिए ‘शंकर’ नाम का कोड वर्ड रखा हुआ था।

अब ये तो साफ है कि सीरिज में आतंकियों के असली कोडवर्ड नाम के साथ छेड़छाड़ नहीं की गई बल्कि जगह-जगह उनका प्रयोग हुआ है। आतंकी को कहते दिखाया जाता है कि हमारे साथी भोला और शंकर हैं। इसके अलावा बाकी कोडवर्ड भी बार बार लिए जाते हैं।

आपत्ति किस बात से?

अब लोगों को आपत्ति इस बात से नहीं है कि आतंकियों ने जो कोडवर्ड अपने लिए बोले उसे सीरिज में क्यों दिखाया बल्कि आपत्ति इस बात से हैं कि आतंकियों के कोडवर्ड वाले नाम के अलावा उनके असली नाम क्यों नहीं बताए गए। अगर कोई व्यक्ति जिसे कंधार हाईजैक से जुड़े कोई तथ्य मालूम ही नहीं है और वो सिर्फ सीरिज को अपनी सूचना का स्रोत मानें तो सोचकर देखिए कि उसके दिमाग में जो आतंकी ‘हिंदू’ ही होंगे जिनका नाम भोला और शंकर है।

इसके अलावा सीरिज में आतंकियों को दयावान तक दिखाया गया है। सीरिज में ऐसे दृश्य भी है जहाँ दिखाया जा रहा था कि यात्रियों के खाने-पीने का ऐसे इंतजाम कर रहे थे जैसे उन्होंने कोई इवेंट करवाया हो। सीरिज में ‘बर्गर’ का चरित्र इतना अच्छा दिखाया गया है जैसे लगे कि उसे यात्रियों के दर्द से कितना ज्यादा फर्क पड़ रहा था, वो उनकी चोटें देखता, उनके साथ हँसता-खेलता सीरिज में दिखाया गया है। पूरी सीरिज को दिखाने का ढंग इतना सपाट कर दिया गया है कि लोग उस भयावहता को महसूस ही न कर पाएँ जो उन यात्रियों ने 7 दिन झेली होगी।

भाजपा नेता ने समझाया कैसे दशकों बाद पड़ेगा फर्क

इस मामले पर भाजपा नेता अमित मालवीय ने भी ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि IC-814 के हाईजैकर्स दुर्दांत आतंकी थे जिन्होंने अपनी मुस्लिम पहचान छिपाने के लिए हिंदू नाम का इस्तेमाल किया, लेकिन फिल्म निर्माता अनुभव सिन्हा ने अपनी आपराधिक मंशा छिपाते हुए उनके नाम को सही दिखाया। नतीजा क्या होगा? दशकों बाद जब लोग इसे देखेंगे तो उन्हें लगेगा कि प्लेन हिंदुओं ने हाईजैक किया था।

उन्होंने कहा कि ये केवल वामपंथी एजेंडा है ताकि पाकिस्तानी आतंकियों के कुकर्म को धोया-पोंछा जा सके। ये होती है सिनेमा की शक्ति जोकि वामपंथी 70 के दशक या उससे पहले सेे इस्तेमाल करह रहे हैं। ये कवल भारत की सुरक्षा को कमजोर या उस पर सवाल नहीं खड़े करते बल्कि सारे दोष को उस मजहब से भी दूर कर देगा जो पूरे रक्तपात के लिए जिम्मेदार है।

इस सीरिज को लेकर उठा विवाद इतना बढ़ गया है कि सूत्रों से खबर ये भी आ रही है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा नेटफ्लिक्स कंटेंट हेड को समन भेजा गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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