11 मार्च को थिएटर में रिलीज हुई द कश्मीर फाइल्स को लेकर आम जन की क्या प्रतिक्रिया है इसे आपने सोशल मीडिया पर देख ही लिया होगा। लेकिन बॉलीवुड के कलाकार या उसे जुड़े अधिकांश लोग इस पर क्या कह रहे हैं, ये शायद आप ढूँढने पर भी नहीं पाएँगे। ऐसा इसलिए क्योंकि 90 के दशक में हुए हिंदुओं के नरसंहार को बताने वाली इस फिल्म पर चुनिंदा लोगों को छोड़कर बाकी सबने चुप्पी साधी हुई है जिसके कारण एक बार फिर कंगना रनौत ने बॉलीवुड को निशाने पर लिया है और इस फिल्म की कामयाबी पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
कंगना रनौत ने इंस्टाग्राम पर साझा की गई अपनी स्टोरी में लिखा, “कृपया द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर फिल्म इंडस्ट्री की चुप्पी पर ध्यान डालें। इस फिल्म का न सिर्फ कंटेंट बल्कि बिजनेस भी बहुत अच्छा हुआ है। अगर इस फिल्म के निवेश और लाभ की चर्चा करें तो यह एक केस स्टडी है कि यह फिल्म इतनी सफल भी है और प्रॉफिटेबल भी है। इस फिल्म ने इस भ्रम को भी तोड़ा है कि सिनेमाघरों में बड़े बजट की फिल्मों या विजुअल इफेक्ट से जुड़ी फिल्में ही पसंद की जाती हैं… मल्टीप्लेक्स में सुबह 6:00 बजे का शो भी भरा हुआ है जो कि बेहद असाधारण बात है। बुल्लीदाऊद और उनके चमचे सदमे में चले गए हैं। कोई कुछ कह नहीं रहा है, सारी दुनिया देख रही है इनको लेकिन फिर भी कुछ नहीं कह रहे हैं। उनका समय खत्म हो गया है।”
उल्लेखनीय है कि फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की मल्टी स्टारर फिल्म द कश्मीर फाइल्स इन दिनों लगातार सोशल मीडिया पर चर्चाओं में बनी हुई हैं। लेकिन बॉलीवुड के अक्षय कुमार, विद्युत जामवाल जैसे चुनिंदा नाम ही अपने सोशल मीडिया अकॉउंट पर इसे लेकर बात कर रहे हैं और निर्देशक की हिम्मत को सराह रहे हैं कि उन्होंने 32 साल बाद कश्मीरी पंडितों के उस दर्द को जस का तस दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इनके चुनिंदा नामों के अलावा अन्य कोई भी बॉलीवुड से जुड़ा शख्स इस पर बात करने से बच रहा है। कुछ दिन पहले तो खबर ये भी आई थी कपिल शर्मा ने इसका प्रमोशन करने से मना कर दिया। हालाँकि बाद में कपिल ने अपनी सफाई में कहा कि हर बात के दो पहलू होते हैं।
मालूम हो कि यह फिल्म 1990 के दशक में जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं के नरसंहार और पलायन पर बनी है और 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इससे पहले इस फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग जम्मू और दिल्ली में हुई थी, जिसे देख दर्शक काफी भावुक हो गए। उन्होंने उस दर्द को गहराई से महसूस किया जो कभी कश्मीरी हिन्दुओं को झेलनी पड़ी थी।