संगीत की दुनिया में स्वर कोकिला नाम से मशहूर लता मंगेशकर के निधन के बाद आज पूरा देश उनसे जुड़े पुराने किस्सों को याद कर रहा है। हर बड़ी हस्ती उन लम्हों को दोहराने में जुटी है जो उन्होंने लता मंगेशकर के साथ बिताए। इसी क्रम में उनके और किशोर कुमार के संबंधों पर भी जगह-जगह चर्चा है। किशोर कुमार के जीवन में लता मंगेशकर इतनीं महत्वपूर्ण थीं कि उन्होंने अपना आखिरी इंटरव्यू किसी पत्रकार को नहीं बल्कि लता मंगेशकर को दिया था।
इस इंटरव्यू में किशोर कुमार ने लता मंगेशकर को बताया था कि उन्हें बचपन से ही सिर्फ गाने का शौक था। मगर एक्टिंग करियर में उन्हें उनके भाई की वजह से आना पड़ा। इसके लिए उन्होंने मना भी किया कि उनसे एक्टिंग न करवाई जाए। उन्हें संगीत गाने हैं क्योंकि संगीत दिल से निकलता है और दूसरों के दिल तक पहुँचता है।
कैसे हुई थी लता मंगेशकर और किशोर कुमार की मुलाकात
इस इंटरव्यू में किशोर कुमार ने लता मंगेशकर के साथ अपनी उस मुलाकात को भी याद किया जब दोनों पहली बार मिले थे। उन्होंने कहा, “तुम्हें तो याद ही है कि हम कैसे मिले। तुम ट्रेन से आती थीं, मैं भी ट्रेन से आता था। तुमने मुझे घूर कर देखा, मैंने भी तुम्हें घूर कर देखा। तुम उतरीं, मैं भी उतरा। तुम टांगे में बैठीं, मैं भी टांगे में बैठा। तुम पहुँची बॉम्बे टॉकीज के दरवाजे पर, मैं भी वहाँ पहुँचा। तुमने सोचा ये फॉलो कर रहा है क्या बात है।” इस घटना के बाद लता और किशोर दा की मुलाकात खेमचंद प्रकाश ने करवाई और दोनों एक दूसरे से मिल खूब हँसे। कहते हैं कि किशोर कुमार रक्षा बंधन पर लता मंगेश्कर के घर जाते थे।
इस इंटरव्यू में किशोर कुमार अपने से जुड़ी हर बात खुल कर कह रहे थे। उन्होंने बताया कि वह लता मंगेशकर के बाद इस गायिकी वाली इंडस्ट्री से जुड़े और उन्हें ‘पा धा नी सा’ ये सब नहीं आता। इस साक्षात्कार में जब लता मंगेशकर ने किशोर दा से पूछा, “आपको मेरे साथ गाने में कैसा लगता है। इस पर किशोर दा ने कहा, “मुझे बहुत खुशी होती है। लेकिन मैं डर जाता हूँ क्योंकि तुम तो फॉर्म में हो न। तुम्हारे साथ गाते-गाते जब मैं एक्शन लेता हूँ, तो मैं सोचता हूँ तुम्हें बुरा तो नहीं लगा।” इस पर लता कहती हैं, “नहीं, मुझे बुरा नहीं लगता। मेरी ये परेशानी है कि मैं इधर-उधर चलते हुए नहीं गा पाती।”
दोनों दिग्गज इस साक्षात्कार में एक दूसरे का हौंसला बढ़ाते हैं और किशोर कुमार कहते हैं, “तुम जो करती हो न लता, वो बहुत अच्छा करती हो। लेकिन मेरे साथ क्या होता है कि मैं एक जमाने में एक्टिंग करता था। बाद में मैंने गाना शुरू कर दिया। मैं इसलिए ऑडिएंस को डबल मजे देने की कोशिश करता हूँ।”
लता मंगेशकर के कहने पर इस इंटरव्यू में किशोर दा ने अपने पसंद के वो गाने भी बताए थे जो उन्हें अच्छे लगते हैं। इनमें ‘दुखी मन मेरे सुन मेरा कहना’ भी शामिल है। उन्होंने इस इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने जीवन में इतने उतार-चढ़ाव देखें हैं कि अब ऐसा हो गया है कि जहाँ पहुँचे हैं वहाँ से ही वापस चलें जाएँ तो अच्छा है। उनके अनुसार, “ऐसे वक्त में मत जाओ जब लोग हटा दें या जब उसकी कोई गिनती न हो।” अपने इंटरव्यू में उन्होंने कहा था- “आज भगवान की दुआ से लोग पूछते हैं। मैं ऐसे ही वक्त में अलग हो जाना चाहता हूँ कि कोई ये न कहे कि ऐसे वक्त में चला गया और सच में मुझे अपना वतन बहुत याद आता है।” इस इंटरव्यू में लता मंगेशकर और किशोर कुमार ने एक साथ चैरिटी करने की बात कही थी।