अमित खरे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्त किया गया है। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के मुताबिक वे दो साल तक इस पद पर रहेंगे। 1985 बैच के IAS अधिकारी खरे बीते 30 सितंबर को सचिव (उच्च शिक्षा) के पद से रिटायर हुए थे। उससे पहले वे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में भी रहे थे।
Appointments Committee of the Cabinet has approved appointment of Amit Khare as Advisor to the Prime Minister, Prime Minister’s Office, in the rank and scale of Secretary to Govt of India, on contract basis, initially for two years or until further orders, whichever is earlier. pic.twitter.com/5vbWRyG9Cn
— ANI (@ANI) October 12, 2021
अमित खरे की पीएमओ में नियुक्ति पूर्व कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा व पूर्व सचिव अमरजीत सिन्हा के इसी साल सलाहकार का पद छोड़ने के बाद की गई है। खरे पूर्ण पारदर्शिता के साथ स्पष्ट निर्णय लेने वाले अधिकारी के रूप में पहचाने जाते हैं।
खरे के कार्यकाल में ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अनुमोदन
अमित खरे ने दिसंबर 2019 में शिक्षा मंत्रालय (उच्च शिक्षा विभाग) के सचिव का पदभार ग्रहण किया था। उनकी नियुक्ति के कुछ ही समय के भीतर, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को कैबिनेट द्वारा 29 जुलाई 2020 को अनुमोदित किया गया था। पने कार्यकाल में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने कई क्रांतिकारी बदलाव किए। आईआईटी, आईआईएम जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने पर जोर दिया। तकनीकी संस्थानों में इनोवेशन को बढ़ावा दिया। इसका फायदा देश की जनता को कोविड काल में देखने को मिला।
अमित खरे ने उजागर किया था चारा घोटाला
अमित खरे उस वक्त सबसे ज्यादा चर्चाओं में आए थे, जब उन्होंने चारा घोटाले को उजागर किया था। दरअसल, अमित खरे ने चाईबासा उपायुक्त रहते हुए ही चारा घोटाले में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था। इस घोटाले में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव मुख्य आरोपित थे, जो बाद में कोर्ट से दोषी करार दिए गए और फिर उन्हें सजा भी हुई।
दूरदर्शन के दायरे का विस्तार
अमित खरे के पास अगस्त 2021 तक केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव का अतिरिक्त प्रभार भी था। अपने कार्यकाल में डीडी झारखंड सहित एक दर्जन सैटेलाइट चैनल लॉन्च करवाया। अमित खरे ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में रहते हुए डिजिटिल मीडिया नियमों में बदलाव में भी अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने दूरदर्शन के दायरे का विस्तार किया। झारखंड समेत देश के लगभग एक दर्जन राज्यों को डीडी फ्री डिश की सेवा शुरू करवाई। नवंबर 2018 में उनके नेतृत्व में गोवा में अंतरारष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन हुआ। उन्होंने झारखंड में लोगों को डायन-बिसाही जैसे अंधविश्वास के खिलाफ जागरूक किया। इसके खिलाफ कड़े कानून बनवाए।
अमित खरे एकीकृत बिहार के कई जिलों में तैनात रहे। उन्होंने बिहार में मेडिकल और इंजीनियरिंग की परीक्षा कंबाइंड करा कर मेधा घोटाले को रोका था। उनकी पत्नी निधि खरे फिलहाल केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में अपर सचिव के पद पर तैनात हैं।