Tuesday, November 19, 2024
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हिरोइन लैला खान की हत्या मामले में सौतेले अब्बा को हुई ‘सजा-ए-मौत’: फार्म हाउस में गाड़ दी परिवार के 6 लोगों की लाश, 13 साल बाद मिला इंसाफ

9 मई, 2024 को अदालत ने इस संबंध में सुनवाई के बाद परवेज को दोषी माना था। परवेज पर आरोप था कि उसने न सिर्फ लैला खान, बल्कि उनके 4 अन्य भाई-बहनों और माँ को भी मार डाला था। पुलिस को बिस्तर और तकिये से लिपटी हुई उनकी लाशें मिली थीं। परवेज ने उन्हें एक सुनसान फार्महाउस में दफनाया था।

बॉलीवुड अभि‍नेत्री लैला खान और उनके परिवार के मर्डर के मामले में मुंबई की सत्र अदालत ने दोषी पाए गए एक्ट्रेस के सौतेले अब्बा परवेज टाक को सजा-ए-मौत सुनाई है। परवेज को इसी माह की शुरुआत में हत्या और सबूतों को नष्ट करने के मामले में दोषी ठहराया गया था।

9 मई, 2024 को अदालत ने इस संबंध में सुनवाई के बाद परवेज को दोषी माना था। परवेज पर आरोप था कि उसने न सिर्फ लैला खान, बल्कि उनके 4 अन्य भाई-बहनों और माँ को भी मार डाला था। पुलिस को बिस्तर और तकिये से लिपटी हुई उनकी लाशें मिली थीं। परवेज ने उन्हें एक सुनसान फार्महाउस में दफनाया था।

परवेज टाक, शेलीना का तीसरा शौहर था। शेलीना का अपने दूसरे शौहर आसिफ शेख के साथ नजदीकी उसे पसंद नहीं थी और इसे लेकर ही हुए वाद-विवाद के बाद उसने लोहे की रॉड से अपनी बीवी के सिर पर वार किया। असल में शेलीना खान बिल्डर आसिफ शेख को अपनी संपत्ति का केयरटेकर बनाने की योजना पर काम कर रही थी। बेटे इमरान, बेटी अज़मीना और भतीजी आफरीन उसे बचाने आई, लेकिन परवेज टाक ने एक-एक कर उन सभी को रॉड से मारा, चाकू भी घोंप दिया।

लैला खान और इमरान की जुड़वाँ बहन ज़ारा उस समय मुंबई के मीरा रोड में एक जमीन से संबंधित करार में व्यस्त थे। परवेज टाक को पता था कि उनके पास कुछ आभूषण हैं और साथ में 2 करोड़ रुपए भी, जिन्हें लेकर वो फार्महाउस पर आएँगे। ऐसे में वो अपने साथी शाकिर के साथ मीरा रोड उन्हें लेने के लिए पहुँचा। रास्ते में ही घोड़बंदर रोड पर कार रोक कर उसने दोनों को मार डाला। हत्या के वक्त लैला खान की उम्र मात्र 31 वर्ष थी। उसकी अम्मी 51 साल की थी, जबकि बड़ी बहन 32 साल की।

इमरान और ज़ारा दोनों जुड़वाँ 25 साल के थे। ओशिवारा पुलिस थाने में लैला खान के अब्बा और शेलीना के पहले शौहर नादिर पटेल ने अपने परिवार के गायब होने की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने परवेज टाक और आसिफ शेख पर आरोप लगाए थे। बेंगलुरु से आसिफ शेख को पकड़ा भी गया लेकिन फिर उसे छोड़ दिया गया। मोबाइल डेटा के आधार पर इगतपुरी में परवेज टाक के लैला खान के साथ होने का पता चला, ऐसे में उसे गिरफ्तार किया गया।

हत्या के बाद परवीज टाक अपने मूल निवास स्थान कश्मीर 2 कार लेकर चला गया था, जहाँ वो फॉरेस्ट कॉन्ट्रैक्टर हुआ करता था। 8 जुलाई, 2012 को जम्मू कश्मीर पुलिस ने उसे ठगी के एक मामले में पकड़ा, जिसके बाद उसने महाराष्ट्र में हत्या की बात उगल दी। 10 जुलाई, 2012 को फार्महाउस में खुदाई के बाद लाशें निकाली गईं। परवेज टाक लगातार बयान बदल रहा था और लाशों को पहाड़ से फेंकने की बात भी कह रहा था। उसके खिलाफ केस साबित करने के लिए 41 गवाहों की कोर्ट में पेशी हुई

सेलिना के सब बच्चे उसके पहले शौहर से ही थे, ऐसे में पटेल उससे मिलने-जुलने आया करते थे। ये बात परवेज टाक को खटकती थी। नादिर पटेल के अनुसार, उनकी बेटियों ने उन्हें बताया था कि परवेज टाक दुबई शिफ्ट होने के लिए उन पर दबाव बनाता था और वेश्यावृत्ति कर के पैसे कमाने के लिए कहता था। परवेज टाक का कहना था कि उसे डर था कि शेलीना और उसके बच्चे उसे छोड़ कर दुबई में बस जाएँगे। वो अपनी बीवी की संपत्ति हड़पना चाहता था

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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