देश में जीएसटी लागू होते ही विपक्षी दलों ने इसका भरपूर विरोध किया था। इसमें कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी सबसे आगे रहे थे। उन्होंने हमेशा ही इसे ‘गब्बर सिंह टैक्स’ कहा। मगर इस सब से इतर दिल्ली में एक अवॉर्ड शो के दौरान एक अलग ही तरह का नजारा देखने को मिला। यहाँ वित्त मंत्री अरूण जेटली को जीएसटी काउंसिल के लिए अवॉर्ड दिया जा रहा था। इस अवॉर्ड फंक्शन की खास बात यह रही कि जेटली को अवॉर्ड देने वाले कोई और नहीं बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री और कॉन्ग्रेस नेता मनमोहन सिंह थे।
Today GST COUNCIL got BUSINESS LINE-CHANGE MAKER OF YEAR AWARD. Presented to Finance Minister Shri @arunjaitley by Dr Manmohan Singh.
— BJP (@BJP4India) 15 March 2019
Gabbar Singh Tax, Rahul Gandhi? pic.twitter.com/TZO0gMT2e3
मीडिया संस्थान हिन्दू बिजनेस लाइन की तरफ से आयोजित चेंजमेकर अवॉर्ड्स में जीएसटी काउंसिल को ‘चेंजमेकर ऑफ द ईयर अवार्ड’ दिया गया। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने जीएसटी काउंसिल का चेयरमैन होने के नाते इस अवॉर्ड को रिसीव किया।
बता दें कि जीएसटी काउंसिल को यह अवॉर्ड ‘वन नेशन वन टैक्स’ की दिशा में काम करने के लिए दिया गया। जीएसटी काउंसिल की खास बात यह है कि इसने संघवाद के सिद्धांतों पर काम करते हुए अलग-अलग राजनीतिक दलों को एक साथ लाया और पूरे देश में इसे सफलतापूर्वक लागू करवाया। इसके साथ ही इसकी कामयाबी को इस तरह से भी देखा जा सकता है कि इसे विवादित मुद्दों को सुलझाने के लिए कभी भी वोटिंग का सहारा नहीं लेना पड़ा। इस काउंसिल के सामने जितने भी विवाद या असहमति के मुद्दे आए, सभी सदस्यों ने आपसी सहमति से ही इसे सुलझाया।
We will not allow BJP to impose a Gabbar Singh Tax on India. They cannot break the back of the small and medium businesses, crush the informal sector and destroy millions of jobs. #GSTCouncilMeet
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 10, 2017
हालाँकि राहुल गाँधी ने हमेशा इसका विरोध ही किया और इसे लागू करने के तरीके को लेकर हमेशा मोदी सरकार पर उँगली उठाई। सरकार को घेरने की कोशिश की। लेकिन आज जब जीएसटी काउंसिल को चेंज मेकर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड दिया गया तो यह बात साफ हो जाती है कि ना तो जीएसटी ‘गब्बर सिंह टैक्स’ है और ना ही इसे लागू करने के तरीके में कहीं कोई कमी रही। इस अवॉर्ड के साथ ही जीएसटी को लेकर जनता को गुमराह करने और राजनीतिक रोटियाँ सेंकने के लिए राहुल गाँधी की झोली में से एक और मुद्दा कम हो गया।