Sunday, December 22, 2024
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सूर्य की सतह पर विस्फोट से धरती पर मंडराया ब्लैकआउट का खतरा: अरबों टन प्लाज्मा निकला, 24 घंटे अस्थिर रहेगा पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र

वैज्ञानिकों द्वारा की गई भविष्यवाणियों के अनुसार, पार्टिकल्स में पृथ्वी की कक्षा में उपग्रहों को बाधित करने की 50 प्रतिशत और ब्लैकआउट करने की 10 प्रतिशत संभावना होती है। स्ट्रीम में पॉवरफुल रेडिशन होता है, जो पृथ्वी की टेक्नालॉजी को बाधित कर सकता है।

इस सप्ताह सूर्य की सतह पर एक बड़े विस्फोट से अरबों टन प्लाज्मा निकला, जो आज यानी शुक्रवार के दिन पृथ्वी को प्रभावित कर सकता है। विस्फोट, जिसे कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के रूप में जाना जाता है, उसने सूर्य के दक्षिण-पश्चिम चतुर्भुज से प्लाज्मा निकाला है। यह इसे शक्तिशाली सौर हवाओं की मदद से पृथ्वी की ओर धकेल रहा है।

वैज्ञानिकों द्वारा की गई भविष्यवाणियों के अनुसार, पार्टिकल्स में पृथ्वी की कक्षा में उपग्रहों को बाधित करने की 50 प्रतिशत और ब्लैकआउट करने की 10 प्रतिशत संभावना होती है। स्ट्रीम में पॉवरफुल रेडिशन होता है, जो पृथ्वी की टेक्नालॉजी को बाधित कर सकता है।

भू-चुंबकीय तूफान

सौर हवाओं के कारण G1 भू-चुंबकीय तूफान बनने का भी अनुमान है, जो अंतरिक्ष में परिक्रमा करने वाले उपग्रहों को प्रभावित कर सकता है। कोरोनल मास इजेक्शन में सूर्य की सतह से अरबों टन कोरोना मटेरियल छोड़ने की क्षमता है। प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र पदार्थ बनाते हैं। इस तरह के विस्फोटों में अंतरिक्ष मौसम को बाधित करने की क्षमता भी होती है। यह अंतरिक्ष में जाने वालों के लिए भी खतरनाक हो सकता है।

यूरोपीय स्पेस एजेंसी की सौर और हेलिओस्फेरिक वेधशाला, जो सूर्य का अध्ययन करती है, ने इसे कैप्चर किया है। कहा जा रहा है कि सीएमई कण केवल संयोग से पृथ्वी से टकरा रहे हैं, क्योंकि स्ट्रीम हमारे ग्रह के सामने एक कोरोनल छेद से निकली थी।

नेशनल ओशनिक एंड एटमोस्फेयरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) ने भविष्यवाणी की है कि इसकी वजह से शुक्रवार (28 अप्रैल 2023) शाम 6 बजे पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र प्रभावित हो सकता है। EarthSky के अनुसार, गुरुवार से पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र ‘अस्थिर’ हो गया है और अगले 24 घंटों तक ऐसा ही रहेगा, क्योंकि तेज गति वाली सौर हवाएँ कोरोनल होल से गुजरती हैं। सूर्य की सतह पर तीन कोरोनल छिद्रों का पता चला है। वहीं, इस समय सूर्य पर AR3275, AR3279, AR3276, AR3277, AR3272, AR3273 और AR3278 नामक कुल 7 सनस्पॉट सक्रिय हैं।

सौर तूफान से हो सकता है बड़ा नुकसान

सौर तूफान को वैज्ञानिकों ने G1 से लेकर G5 तक कुल 5 श्रेणियों में बाँटा है। G1-श्रेणी का सौर तूफान काफी हल्का होता है। इससे नुकसान की संभावना बेहद कम होती है, जबकि G5-श्रेणी का सौर तूफान काफी शक्तिशाली होता है। सौर तूफान सैटेलाइटों को भारी नुकसान पहुँचा सकते हैं। इसकी वजह से मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवाएँ भी बाधित हो सकती हैं। अत्यधिक शक्तिशाली होने पर ये पावर ग्रिड और पृथ्वी आधारित संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक्स को भी नुकसान पहुँचा सकते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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