Monday, November 18, 2024
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103 KM का पुल तैयार, 251 किमी के रास्ते पर पिलर खड़ा… देश के पहले बुलेट ट्रेन की रफ्तार कैसी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताई

अश्विनी वैष्णव ने एक्स/ट्विटर पर किए एक पोस्ट में बताया है कि 21 नवंबर तक 251.40 किमी रास्ते में पिलर खड़ा करने का काम पूरा हो चुका है। साथ ही 103.24 किमी का एलिवेटेड सुपर स्ट्रक्चर भी तैयार हो गया है।

देश के पहले बुलेट ट्रेन परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। पहली बुलेट ट्रेन अहमदाबाद से मुंबई के बीच दौड़ेगी। इस परियोजना के तहत करीब 100 किलोमीटर का एलिवेटेड स्ट्रक्चर और करीब 250 किमी रूट में पिलर तैयार हो चुका है। इसकी जानकारी केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है।

नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) इस प्रोजेक्ट के प्रबंधन का काम देख रही है। अश्विनी वैष्णव ने 23 नवंबर 2023 को एक्स/ट्विटर पर किए एक पोस्ट में बताया है कि 21 नवंबर तक 251.40 किमी रास्ते में पिलर खड़ा करने का काम पूरा हो चुका है। साथ ही 103.24 किमी का एलिवेटेड सुपर स्ट्रक्चर भी तैयार हो गया है।

एलि​वेटेड सुपर स्ट्रक्चर को वायाडक्ट भी कहते हैं। यह एक खास तरह का पुल होता है घाटी या खाई को पार करने के लिए बनाया जाता है। इसे मेहराबों, खंभों और तटबंधों सहारे खड़ा कर उस पर सड़क या रेलवे ट्रैक बिछाया जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक NHSRCL ने एक बयान में बताया है कि 100 किलोमीटर लंबे वायाडक्ट के निर्माण को पूरा करने के लिए 40 मीटर लंबे ‘फुल स्पैन बॉक्स गर्डर्स’ और ‘सेगमेंटल गर्डर्स’ लगाने जरूरी थे।

गुजरात में वायाडक्ट इस रूट में कई नदियों को परा किया जाना है। ये नदियाँ नवसारी और वलसाड जिले में हैं। इनके नाम पूर्णा, मिंधोला, अंबिका, वेंगानिया, पार और औरंगा हैं। एनएचएसआरसीएल ने बयान में कहा है, “प्रोजेक्ट का पहला गर्डर (निर्माण में इस्तेमाल होने वाला बीम) 25 नवंबर 2021 को लॉन्च किया गया था। वायाडक्ट का पहला एक किलोमीटर 30 जून 2022 को छह महीने में बनकर तैयार हो गया था। 22 अप्रैल 2023 को 50 किलोमीटर वायाडक्ट का निर्माण पूरा किया गया। इसके बाद छह महीने में 100 किलोमीटर का वायाडक्ट पूरा हो गया।”

एनएचएसआरसीएल का कहना है कि वायाडक्ट्स के निर्माण के साथ-साथ 250 किलोमीटर का घाट का काम पूरा हो चुका है। इसके अतिरिक्त, वायडक्ट्स के किनारे शोर अवरोधक लगाए गए हैं। इसके अलावा जापान के शिंकानसेन जैसा ही पहला रेनफोर्सड कंक्रीट (आरसी) ट्रैक बेड सूरत में बिछाया जा रहा है।

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की नींव सितंबर 2017 में अहमदाबाद में रखी गई थी। उम्मीद जताई जा रही है कि ये ट्रेन लगभग दो घंटे में 500 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी। मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट की कुल लागत 1.08 लाख करोड़ रुपए है। इसके लिए 10,000 करोड़ रुपए केंद्र सरकार और 5,000 करोड़ रुपए गुजरात और महाराष्ट्र सरकार दे रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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