पाकिस्तान स्थित आतंकी कैम्पों पर भारत द्वारा की गई ‘एयर स्ट्राइक’ के बाद ईरान ने भी वहाँ कुछ इसी तरह की कार्रवाई करने की धमकी दी है। ईरान सरकार ने पाकिस्तान से कड़े शब्दों में कहा है कि वो आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करे वरना अंजाम बुरा होगा। बता दें कि इस से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से लेकर कई वैश्विक नेता पाकिस्तान को उसकी ज़मीन पर लगातार पनप रहे आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करने की चेतावनी दे चुके हैं। भारतीय एयर स्ट्राइक के बाद ईरान ने पाकिस्तान पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है क्योंकि वह भी सीमा पर पाक समर्थित आतंकियों से पीड़ित है।
आइआरजीसी कुर्द सेना के प्रमुख जनरल कासिम सोलेमानी ने पाकिस्तान सरकार व वहाँ के सैन्य प्रतिष्ठान को आगाह करते हुए कहा:
“मैं पाकिस्तान की सरकार से सवाल करना चाहता हूँ कि आप किस ओर जा रहे हैं? सभी पड़ोसी देशों की सीमा पर आपने अशांति फैला रखी है। क्या आपका कोई ऐसा पड़ोसी बचा है जहाँ आप असुरक्षा फैलाना चाहते हैं। आपके पास तो परमाणु बम हैं, लेकिन आप इस क्षेत्र में एक आतंकी समूह को खत्म नहीं कर पा रहे जिसके सदस्यों की संख्या सैकड़ों में है। पाकिस्तान को ईरान के सब्र का इम्तेहान नहीं लेना चाहिए।”
आतंकवाद के मुद्दे पर ईरान और भारत इस तरह से एक ही तरफ हैं। हाल ही में अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद भारत और ईरान के रिश्ते अच्छे रहे हैं। भारत ने ईरान से तेल की एवज में चावल और चीनी देने का भी निर्णय लिया है। व्यापारिक रिश्तों के साथ-साथ भारत और ईरान का सम्बन्ध काफ़ी प्राचीन रहा है। बता दें कि जिस दिन पुलवामा में हमारे 40 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे, उसी दिन ईरान में भी पाक पोषित आतंकियों ने एक आत्मघाती हमले को अंजाम दिया था।
13 फरवारी को पाकिस्तान से सटी ईरान के सिस्तान बलूचिस्तान सीमा में एक आत्मघाती हमले में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के 27 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले में पाकिस्तानी ज़मीन पर पल रहे आतंकियों का हाथ सामने आया था। इसके बाद से ही ईरान ने सख़्त तेवर अपना लिया। कुर्द सेना के कमांडर ने कहा कि अगर समय रहते पाकिस्तान नहीं चेता तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। भारत द्वारा पाकिस्तान में घुस कर एयर स्ट्राइक करने के बाद अब पाक से ट्रस्ट सभी पड़ोसी आवाज उठा रहे हैं।
उधर अफ़ग़ानिस्तान से भी पाक के रिश्ते अच्छे नहीं हैं। अफ़ग़ानिस्तान तो पाकिस्तान से इतना ट्रस्ट है कि उसने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिख कर कहा है कि पाकिस्तान वहाँ कुछ ज़्यादा ही हस्तक्षेप कर रहा है। भारत द्वारा एयर स्ट्राइक के बाद चीन ने भी लगभग हाथ खड़े करते हुए पाकिस्तान की किसी भी प्रकार की मदद नहीं की। इमरान ख़ान और तालिबान के बीच बैठक को लेकर भी अफ़ग़ानिस्तान ख़फ़ा है। कुल मिला कर देखें तो पड़ोसियों के कड़े तेवर के बाद पाकिस्तान के पास अब आतंकी सगठनों पर कार्रवाई करने के अलावा कोई और चारा नहीं बचा है।