वर्तमान में जो सागरिका घोष तृणमूल कॉन्ग्रेस की तरफ से राज्यसभा सांसद का टिकट पाने के कारण चर्चा में हैं, वहीं सागरिका बतौर पत्रकार कभी प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए, कभी फर्जी खबरों को बढ़ावा देने के लिए चर्चा में रहती थीं। इसके अलावा एक बार तो वह भरे बाजार में पिटने की वजह से भी अखबारों की हेडलाइन बनी थीं।
घटना है 26 साल पहले की। 16 फरवरी 1998 को इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार सागरिका घोष अपने तीन साल के बेटे के साथ खान मार्केट शॉपिंग करने गईं थीं। लेकिन वहाँ उनके साथ कुछ ऐसा हुआ जो उन्होंने सोचा भी नहीं होगा।
दरअसल, उस दिन खान मार्केट में गाड़ी पार्क करने के विवाद पर सागरिका घोष को एक विदेशी महिला ने मुँह पर ताबड़तोड़ मुक्के मारे थे। ये महिला कोई और नहीं बल्कि अलजीरियाई दूतावास में बतौर काउंसलर काम करने वाले अब्दुल हामिद की पत्नी थी। सागरिका घोष उस समय आउटलुक वीकली में काम करती थीं।
घटना वाले दिन वह मार्केट में अपनी मारूति कार लेकर गई थीं, जो उन्होंने अल्जीरियाई महिला की कार के सामने लगा दी थी। इसी पर विदेशी महिला ने आपत्ति जताते हुए कहा कि ऐसे तो उसके लिए बहुत कम जगह बचेगी निकलने की। ये सुन सागरिका ने उसे समझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा- पागल मत बनो, तुम्हारे निकलने के लिए काफी जगह है।
मगर तब तक विदेशी महिला गुस्से में आ गई थी। वह अपनी कार से बाहर निकली। उसने सागरिका को उनकी मारूति से निकाला और रोड किनारे पटक दिया। इसके बाद वो वहीं बीच सड़क पर सागरिका घोष को झापड़, मुक्के, घूँसे मारती रही।
अजीब बात यह थी कि इस घटना के समय पास में पीसीआर थी लेकिन पुलिस ने घटनास्थल पर पहुँचकर मामला शांत कराने का प्रयास नहीं किया। वहीं सागरिका का बेटा यह सब देख रो रहा था। पुलिस से बाद में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस घटना को देख वह असमंजस में थे क्योंकि घटना में 2 महिलाएँ शामिल थीं।
हालाँकि, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट बताती है कि इस झगड़े को रोकने के लिए एक पानवाला कूदा और उसने दोनों महिलाओं को अलग करने का प्रयास किया। उसे देख अन्य दुकानदार भी आए और विदेशी महिला की पकड़ से सागरिका को छुड़ाने में सफल हुए। दोनों महिलाओं को छुड़ाने वालों ने कहा- “वो बहुत ताकतवर थी। उसे हटाना बहुत मुश्किल था। “
उन्होंने यह भी बताया कि घटना के बाद भी महिला लगातार सागरिका को गाली दे रही थी। इस दौरान महिला ने चूँकि भारतीयों के लिए भी अपशब्द कहे थे इसलिए उस महिला से स्थानीय लोग भी नाराज थे। उसके पति के पहुँचने के बाद भी उन्होंने हामिद को वहाँ रोक लिया था और कहा था कि जब तक पुलिस केस रजिस्टर नहीं करेगी तब तक वह उसे नहीं छोड़ेंगे।
सागरिका घोष से हो रहे सवाल
बता दें कि 11 फरवरी को पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) ने ‘पत्रकार’ सागरिका घोष को राज्यसभा सांसद बनाए जाने की घोषणा की। ये काफी हैरान करने वाली बात थी क्योंकि सागरिका सोशल मीडिया पर कहती थीं कि वह कभी किसी राजनैतिक पार्टी की टिकट को स्वीकर नहीं करेंगी। इस दावे को करते हुए वह चुनौती भी देती थीं कि वो ये चीज लिख कर भी दे सकती हैं, या फिर उनके इस ट्वीट को सेव भी किया जा सकता है। अब इसके 6 साल बाद जब सागरिका घोष खुद को राज्यसभा सांसद बनाए जाने की TMC की घोषणा को रीट्वीट कर रही है, लोग उनसे पूछ रहे हैं कि क्या अब उनकी राय बदल गई है?